62 पुराने कैंडिडेट्स को बदलेगा महागठबंधन!:21 विधायकों का टिकट काट सकते हैं तेजस्वी यादव, कांग्रेस-माले ने सौंपी प्रत्याशियों की लिस्ट

4 बैठकों के बाद महागठबंधन में सीटों बंटवारे की कवायद तेज हो गई है। इस बीच खींचतान की भी सूचना है। कांग्रेस और माले ने तेजस्वी यादव को अपनी सीटों की लिस्ट सौंप दी है। वहीं, मुकेश सहनी और CPI-CPM ने अपनी लिस्ट अब तक नहीं सौंपी है। सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन ने जीत के लिए अपनी रणनीति तैयार की है। 12 जून को महागठबंधन की हुई चौथी बैठक में तेजस्वी यादव ने कहा कि 2020 में 15 हजार से अधिक वोटों से हारने वाले प्रत्याशियों को बदल दिया जाएगा। अगर यह नियम लागू हुआ तो महागठबंधन के 62 पुराने कैंडिडेट को बदलना होगा। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक, 2020 विधानसभा चुनाव में 243 में से महागठबंधन के 62 कैंडिडेट्स 15 हजार से ज्यादा वोटों से हारे हैं। इसका मतलब महागठबंधन के 62 पुराने कैंडिडेट्स को इस बार टिकट नहीं मिलेगा। स्पेशल स्टोरी में पढ़िए, सीटों को लेकर महागठबंधन में क्या चल रहा है…। तेजस्वी चाहते हैं- सीटें के साथ प्रत्याशी का नाम बताएं सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की पार्टियों को सीटों के साथ-साथ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नाम भी मांगे हैं। हालांकि, इस पर कांग्रेस सहित सभी लेफ्ट पार्टियों ने एतराज जताया है। सिर्फ सीट का नाम ही सौंपा है। RJD 21 विधायकों का काट सकती है टिकट महागठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों पर तालमेल बैठाने के लिए पिछले विधानसभा चुनाव के साथ ही 2024 लोकसभा चुनाव के रिजल्ट का भी विश्लेषण किया जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव में RJD 23 सीटों पर लड़ थी। इसमें से सिर्फ 36 विधानसभा में ही आगे रही। कांग्रेस 9 पर लड़ी और 12 विधानसभा में आगे रही। माले 3 पर लड़ी और 12 विधानसभा में आगे रही। CPI एक पर लड़ी और एक विधानसभा में आगे रही। CPM एक सीट पर लड़ी और एक भी विधानसभा में आगे नहीं रही। मुकेश सहनी की पार्टी VIP 3 सीट पर लड़ी और एक विधानसभा में आगे रही। महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी RJD की बात करें तो 75 सीटिंग विधायकों में से 21 विधायक पार्टी नेतृत्व के निशाने पर हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान इन 21 विधायकों के इलाके में पार्टी को विपक्षी कैंडिडेट के मुकाबले कम वोट मिले। मतलब यह कि इन इलाकों में विधायक RJD के हैं, लेकिन ज्यादा वोट NDA कैंडिडेट को मिले। तेजस्वी पहले ही 21 विधायकों को चेतावनी दे चुके हैं कि परफॉर्मेंस सुधारिए नहीं तो विधानसभा चुनाव में टिकट काटा जा सकता है। कांग्रेस ने 70 सीटों की लिस्ट सौंपी, इसमें लेफ्ट की भी सीटें सोमवार को कांग्रेस ने राजद नेतृत्व को अपने लड़ने वाली 70 सीटों की लिस्ट सौंपी है। इसमें 2020 में जीती 19 सीटों के अलावा दूसरे नंबर पर रहने वाली 39 सीटें शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी ने कुछ ऐसी सीटों का नाम भी सौंपा है, जिस पर पिछली बार लेफ्ट की पार्टियां लड़ी थी। कांग्रेस का तर्क है कि पिछली बार हमने अपनी परंपरागत सीटें सौंपी थी। वो सीटें इस बार चाहिए। साथ में बछवारा, बिस्फी, वायसी, हरलाखी, दीघा की सीटें भी चाहिए। माले ने पिछली बार से मांगी दोगुनी सीटें माले ने पिछले बार चुनाव लड़ने वाली 19 सीटों के अलावा कुछ नई सीटों की भी डिमांड की है। माले ने 42 सीटों की मांग की है। इसमें मध्य बिहार की नालंदा, नवादा, गया, औरंगाबाद, कैमूर की सीटों की जिक्र है। इसके अलावा चंपारण, मिथिला और जमुई में पार्टी को सीटें चाहिए। माले का मानना है कि उसे पहले से ज्यादा सीटें मिलेंगी तो महागठबंधन का परफॉर्मेंस बढ़ेगा। 60 नहीं, 28 सीटें मांग सकते हैं मुकेश सहनी VIP 60 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन अंदरूनी जानकारी है कि पार्टी जल्द 28 सीटों का नाम राजद नेतृत्व को सौंप सकती है। मुकेश सहनी डिप्टी सीएम पर कमिटमेंट चाहते हैं। CPI- CPM ने नहीं सौंपी लिस्ट CPI के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय कहते हैं, ‘24-25 जून को राज्य कार्यकारिणी की बैठक होनी है, जिसमें डी राजा भी मौजूद रहेंगे। उसमें पार्टी चुनाव की रणनीति पर बात करेगी। इसके बाद ही सीटों का नाम राजद नेतृत्व को दिया जाएगा।’ वहीं, CPM की भी इंटरनल बैठक होनी है। इसके बाद पार्टी अपनी लिस्ट सौंपेगी। सीपीएम के मीडिया प्रभारी मनोज चंद्रवंशी कहते हैं, ‘पिछली बार के विधानसभा चुनाव में सीपीएम 4 सीटों पर लड़ी थी। हमारी मांग इस बार 10 से 12 सीटों की है।’ इससे पहले कब-कब हुई महागठबंधन की बैठक 17 अप्रैल 2025: महागठबंधन की पहली बैठक 17 अप्रैल को पटना स्थित राजद कार्यालय में 3 घंटे तक चली थी। इस बैठक के दौरान तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था।
24 अप्रैल 2025: महागठबंधन की दूसरी बैठक 24 अप्रैल को कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में हुई थी, जो करीब 1 घंटे 15 मिनट तक चली। इस बैठक में भी तेजस्वी यादव ने स्पष्ट संकेत दिए कि चुनाव के बाद महागठबंधन की ओर से वही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
3 मई 2025: पटना के दीघा-आशियाना रोड स्थित दीघा रिसॉर्ट में महागठबंधन की तीसरी बैठक हुई। बैठक का नाम इंडिया गठबंधन संवाद कार्यक्रम नाम दिया गया। 3 घंटे तक चली बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के नेताओं से अपनी उपलब्धता गिनाने को कहा।
12 जून 2025ः तेजस्वी यादव के आवास पर चौथी बैठक हुई। इसमें तेजस्वी यादव ने सभी पार्टियों से लड़ने वाली सीट का नाम मांगा। ————— ये भी पढ़ें… BJP को उखाड़ने के लिए महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे ओवैसी:RJD-कांग्रेस को अलायंस करने का खुला ऑफर, 2 पॉइंट में ओवैसी से महागठबंधन को फायदा-नुकसान बिहार विधानसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) महागठबंधन में शामिल हो सकती है। पार्टी ने RJD-कांग्रेस को खुला ऑफर दिया है। बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने भास्कर को बताया, ‘‌BJP और सांप्रदायिक ताकतों को बिहार से उखाड़ फेंकने के लिए हमने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है। सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ हमें एकजुट होना चाहिए। यही सोचकर हमने फैसला लिया है।’ पूरी खबर पढ़िए

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