नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि 65% आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में असफल क्यों हैं? केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को इस हकमारी के खिलाफ मुंह खोलना चाहिए। ये छोटी-सी मांग केंद्र से पूरी नहीं करा सकते हैं तो कैसी राजनीति कर रहे हैं। वहीं राजद के मुख्य प्रवक्ता डॉ. मनोज झा ने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था में 16 प्रतिशत हकमारी और अधिकार में की गई कटौती पर तेजस्वी यादव ने 4 जून को ही सीएम को पत्र लिखा था। बिहार में परिपाटी हो गई है कि चिट्ठी का जवाब नहीं दिया जाए। इससे स्पष्ट होता है कि बिहार में सरकार जनहित और आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। आरक्षण के मामले पर सरकार की मंशा ठीक नहीं है। वह अतिपिछड़ों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों को वंचित रखना चाहती है। केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के कार्यों में भटकाव लाना चाहती है। इस दौरान उदय नारायण चौधरी, चितरंजन गगन, शक्ति यादव, मदन शर्मा, एजाज अहमद, अरुण यादव भी उपस्थित थे।