8 साल पुराने हत्याकांड में पिता-पुत्र को उमक्रैद:मोहाली जिला अदालत का फैसला, लात-घूसों से पीटकर की थी हत्या; भगोड़ा चल रहा आरोपी

मोहाली अदालत ने आठ साल पुराने हत्या से जुड़े मामले में बनूड़ के गांव सलेमपुर नागल निवासी पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में गुरदीप सिंह उर्फ सोनी और उसके पिता महिंदर सिंह शामिल हैं। दोषियों को हत्या (धारा 302 आईपीसी) और आपराधिक साजिश (धारा 120-बी आईपीसी) के तहत सजा हुई है, जबकि दो आरोपियों सुखचैन सिंह और संदीप कौर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। एक आरोपी मेहबूब खान भगोड़ा चल रहा है। पशुओं को लेकर हुआ था विवाद यह मामला पारिवारिक और जमीनी विवाद से जुड़ा है। मामला 5 अक्टूबर 2017 का है। मृतक जतिंदर सिंह उर्फ गोला के पिता जरनैल सिंह और आरोपी महिंदर सिंह के बीच झगड़ा हुआ था। वजह थी महिंदर सिंह के पशुओं का जरनैल सिंह के खेतों में घुस जाना। हालांकि गांव के लोगों ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करवा दिया था, लेकिन अगले दिन यानी 6 अक्टूबर को फिर विवाद हुआ। आरोपी गुरदीप सिंह ने जरनैल सिंह से पूछा कि उन्होंने उसके पिता महिंदर सिंह से क्यों झगड़ा किया। गुरदीप ने उन्हें गालियां देनी शुरू कर दीं। जरनैल सिंह ने यह बात अपने बेटे जतिंदर को बताई। फिर जतिंदर ने गुरदीप को फोन किया और ऐसी हरकत न करने की चेतावनी दी। लेकिन गुरदीप ने जतिंदर को भी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। थाने जाते समय किया था हमला फिर दोनों के बीच फोन पर ही बहसबाजी हुई। जतिंदर सिंह अपनी मोटरसाइकिल पर पुलिस स्टेशन बनूड़ शिकायत दर्ज कराने जा रहा था। आरोपी गुरदीप सिंह अपनी स्विफ्ट कार चला रहा था, जिसमें उसका भाई सुखचैन सिंह, पिता महिंदर सिंह, संदीप कौर (दिवंगत अवतार सिंह की पत्नी) और मेहबूब खान सवार थे। गांव नग्गल से मथियारा जाने वाली सड़क पर दो ईंट भट्ठों के बीच गुरदीप ने पहले जतिंदर की मोटरसाइकिल को टक्कर मारने की कोशिश की, लेकिन जतिंदर बच गया। फिर गुरदीप ने कार से जोरदार टक्कर मारी, जिससे जतिंदर सड़क पर गिर गया। इसके बाद सभी आरोपी कार से उतरे। गुरदीप सिंह और मेहबूब खान ने जतिंदर पर ताकुआ (तीखा हथियार) से हमला किया, जबकि अन्य आरोपियों ने लात-घूंसे मारे। 22 गवाह हुए थे पेश शोर सुनकर आसपास के लोग आए तो आरोपी अपने हथियारों समेत भाग गए। जतिंदर को गंभीर हालत में बनूड़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर रूपिंदर सिंह ने मौके से खून से सनी मिट्टी, दोनों वाहन और अन्य सबूत जब्त किए। फॉरेंसिक रिपोर्ट में हथियारों पर मानव रक्त के निशान पाए गए। जांच के दौरान गुरदीप और मेहबूब ने अलग-अलग पूछताछ में हथियार बरामद करवाए।ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने 22 गवाह पेश किए। संदीप कौर ने कहा कि वह विधवा हैं और घटना के दिन अपनी बीमार बेटी को लैब में लेकर गई थीं, इसलिए घटनास्थल पर नहीं थीं।

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