882 करोड़ से माता सीता की जन्मभूमि का होगा विकास:बिहार विधानमंडल के चालू मानसून सत्र में 12 विधेयक होंगे पारित

बिहार विधानमंडल के चालू मानसून सत्र में 12 विधेयक पारित होंगे। सोमवार को विधानसभा की शुरुआत होते ही इन सभी विधेयकों की प्रति सार्वजनिक की गई। जमीन सर्वे में शत-प्रतशित शुद्धता के लिए भी विधेयक लाया गया है। बिहार भूमिगत पाइप लाइन (भूमि में उपयोग कर्ता के अधिकार का अर्जन) संशोधन विधेयक 2025 जल, गैस या अन्य सामग्री ले जाने की खातिर भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिये जमीन उपयोग कर्ता के अधिकार के लिए विधेयक लाया जा रहा है। हालांकि ये अधिनियम गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए भूमि अधिग्रहण पर प्रभावी नहीं होगा। संशोधन के बाद मुआवजे की राशि को उस भूमि के बाजार मूल्य के 10% किया जा सकेगा। यदि मुआवजा अथवा बाजार मूल्य अथवा उसके किसी भाग के संबंध में कोई विवाद उत्पन्न होगा तो उसका निराकरण भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 अन्तर्गत बना प्राधिकार करेगा। बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2025 बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 में मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद का प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति से निर्वाचित होने का प्रावधान है। उक्त प्रावधान में मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद द्वारा विकास कार्य हेतु निर्णय लिया जाता है। इससे उन्हें अधिक स्वायत्तता प्रदान किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद को अधिक स्वायत्तता प्रदान किए जाने के उद्देश्य से बिहार नगर पालिका अधिनियम (संशोधन) 2024 के प्रावधान में संशोधन किया जाना आवश्यकता है। इससे नगर निकाय के विकास हेतु मुख्य पार्षद, उप पार्षद त्वरित निर्णय ले सकेंगे। कारखाना (बिहार संशोधन) विधेयक 2025 बिहार राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं राज्य में निवेश के अवसर को आकर्षित करने के उद्देश्य से कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों में राज्य संशोधन किया जाना जरूरी है। संशोधन विधेयक लागू होने के राज्य के दखलकार कारखानों का संचालन निर्बाध रूप से होगा। कारखानों में नियोजित कामगारों को अधिक ओवर टाइम करने का अवसर मिलेगा। बिहार पशु प्रजनन विनियमन विधेयक 2025 बिहार में सीमेन का अवैध कारोबार अपराध घोषित होगा। इसके लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशु प्रजनन विनियमन विधेयक 2025 लाया जा रहा है। राज्य में पशुओं की उत्पादकता एवं अन्य विशेषताओं में सुधार लाने के लिए ये जरुरी है। पशुओं में प्रजनन के उपयोग सहित पशुओं में सीमेन और भ्रूण का उत्पादन भंडारण, विक्रय और वितरण एवं कृत्रिम गर्भाधन सेवाओं और उससे संबंधित मामलों के लिए पशुओं में प्रजनन संबंधित गतिविधियों को विनियमित करने के लिए पशु प्रजनन विनियमन विधेयक 2025 लाया जा रहा है। बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्तन) संशोधन विधेयक 2025 राज्य में कृषि भूमि के गैर-कृषि प्रयोजनों में बदलाव करने के लिए इस विधेयक की जरुरत पड़ी है। इस विधेयक के लागू होने के बाद “अनुमंडल पदाधिकारी” के स्थान पर अनुमंडल पदाधिकारी या सरकार द्वारा अधिसूचित डीसीएलआर से अन्यून स्तर के पदाधिकारी सक्षम प्राधिकार घोषित किए जा सकेंगे। सम्परिवर्तन (जमीन बदलाव) शुल्क का निर्धारण तथा अपील एवं पुनरीक्षण के लिए समय-सीमा का भी निर्धारण सरकार समय-समय पर करेगी। एडीएम अपीलीय प्राधिकार होंगे। डीएम पुनरीक्षण प्राधिकार होंगे। इससे मामलों का तेजी से एवं पारदर्शितापूर्वक निपटारा किया जा सकेगा। बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास (संशोधन) विधेयक 2025 सीतामढ़ी में देवी सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम में पहले से उपलब्ध 17 एकड़ जमीन/मंदिर के साथ अतिरिक्त 50 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा। पुनौराधाम का भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या की तर्ज पर समग्र विकास होगा। 882.87 करोड़ खर्च होंगे। इससे जुड़ा बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम, 1950 (बिहार अधिनियम, 01, 1951) की धारा-32 में संशोधन कर बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास (सशोधन) विधेयक, 2025 पारित होगा। अभी धार्मिक न्यास पर्षद के अधीन पुनौरा मठ एक पंजीकृत सार्वजनिक न्यास है। इस विधेयक के पारित होने के बाद वो भंग हो जाएगा। बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त (संशोधन) विधेयक 2025 शहरों में किये जाने वाले जमीन सर्वे में शत-प्रतिशत शुद्धता, पारदर्शिता एवं तेज गति से काम करने के लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त (यथासंशोधित) अधिनियम, 2011 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया जा रहा है। अभी राज्य के गांवों में जमीन का नया अधिकार अभिलेख (खतियान) एवं भू-मानचित्र (नक्शा) तैयार किया जा रहा है। इस विधेयक से लागू होने से नगर क्षेत्रों के राजस्व ग्रामों के भू-सर्वेक्षण कार्य में सुविधा होगी तथा संबंधित ग्रामों/नगर क्षेत्रों की जनता की सक्रिय भागीदारी होगी। अलग अलग खानापुरी दलों का गठन किया जाएगा। अधिकार अभिलेख के संबंध में दावे एवं आपत्तियों उसके अंतिम प्रकाशन के 3 माह के अंदर डीसीएलआर के अन्यून पंक्ति के एक या एक से अधिक पदाधिकारी के समक्ष दायर किया जा सकेगा। अधिकार अभिलेख के अंतिम प्रकाशन के बाद आदेश के विरुद्ध उसके पारित होने की तिथि से 3 माह के अन्दर एक या एकाधिक डीसीएलआर से अन्यून स्तर के पदाधिकारी को राज्य सरकार द्वारा अपील की सुनवाई करने के लिए अधिसूचित किया जा सकेगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय(संशोधन) विधेयक 2025 इस विधेयक का उद्देश्य कृषि अनुसंधान शिक्षा की गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था को विकसित करना तथा नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। अब विवादमुक्त एवं ‌विश्वसनीय तरीके से योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। इससे पहले बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के द्वारा की गई नियुक्तियों के कारण विभाग को लगातार शिकायत पत्र, ई मेल, मौखिक रुप से अभ्यर्थियों एवं अन्य द्वारा शिकायत प्राप्त होती रही है। इससे नियुक्ति की विश्वसनीयता एवं पारदर्शिता पर प्रश्न उठता है। बिहार सरकार के अन्य विश्वविद्यालयों में ऐसे पदों पर नियुक्ति बीपीएससी द्वारा किया जाता है। इसलिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 की अध्याय 2 की धारा 7 (11 व 12) में संशोधन किया जा रहा है।

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