नोएडा में 150 इमारतों पर लिखा ये बिल्डिंग अवैध है:125 ज्यादा अतिक्रमणकर्ता के खिलाफ शिकायत, ध्वस्त की जाएंगी सभी इमारत

नोएडा में करीब 150 इमारतों पर “यह बिल्डिंग अवैध है” लिखा जा चुका है। अभियान जारी है। इमारतों में पार्किंग से लेकर बिजली का कनेक्शन भी है। नियमतः इस जमीन पर प्राधिकरण की बिना अनुमति के निर्माण नहीं किया जा सकता। भू माफियाओं ने इन जमीनों को किसानों या कब्जा किया और भोले भाले लोगों को फंसा दिया। अब इमारतों को ध्वस्त किया जाएगा। अवैध निर्माण कर्ताओं के खिलाफ 125 से ज्यादा शिकायत पुलिस से की गई। नोएडा में गढ़ी चौखंडी, सोरखा, बसई, बरौला में विगत कई सालों से अवैध निर्माण हो रहा था। जिस समय इनका निर्माण किया जा रहा था। प्राधिकरण की निगरानी टीम ने उन्हें नहीं रोका। यहां विशालकाय इमारत, शो रुम, होटल बन गए। लोगों ने अपना पैसा भी इसमें लगा दिया। अब प्राधिकरण ने इन इमारतों को चिह्नित किया और वहां लाल स्याही से चेतावनी लिख दी। जिसके बाद कुछ एक स्थानों पर लोगों ने लाल स्याही को मिटा दिया। बड़े शो रूम तक शामिल
बरौला में हाल ही में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किया गया। इसमें बड़े-बड़े शो रूम तक है। यही नहीं कार के सर्विस सेंटर भी शामिल है। जिनको अवैध करार दिया गया। इस नोटिस और प्राधिकरण के लाल रंग की स्याही ने इनके मालिकों के माथे पर पसीना ला दिया है। लोगों का कहना है हमे नहीं पता कि ये अवैध जमीन है और हमारे फ्लैट और मकान या शो रूम अवैध है। हमने अपनी जीवन भर की कमाई इसमें लगा दी है। प्राधिकरण अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि सीईओ के निर्देश पर ही अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है। 150 इमारतों पर लिखा गया ये निर्माण अवैध है
प्राधिकरण के अलग-अलग सर्किल में करीब 150 इमारतों पर अवैध निर्माण लिखा गया है। ये इमारत नोएडा के बरौला, हाजीपुर , सोरखा जाहिदाबाद, गढ़ी चौखंडी , बसई और अन्य स्थानों और गांव में है। सबसे ज्यादा अवैध निर्माण बरौला में है। यहां बनी इमारत को ध्वस्त करने के लिए पूर्व में एक कंपनी का चयन किया गया था। क्योंकि इमारती रिहाइशी है। इनको ध्वस्त करने के लिए सलाहकार की आवश्यकता होगी। एक दिन में नहीं बनी अवैध इमारत
ये इमारतें एक दिन में नहीं बनी। इनको बनाने में महीनों लग गए। लोगों का आरोप है जब निर्माण या कॉलोनी काटी जा रही थी उस समय प्राधिकरण ने एक्शन क्यों नहीं लिया। अब प्राधिकरण हमारी इमारतों को अवैध बताकर ध्वस्त करने की योजना कर रहे है। प्राधिकरण का ये निर्णय गलत है। हालांकि जो भी ध्वस्तीकरण होगा वो आचार संहिता हटने के बाद किया जाएगा। वहीं प्राधिकरण में अवैध निर्माण को शह देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन शुरू हो गया है।

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