10 मिनट की लड़ाई, 11 पन्ने का बयान:डिप्टी कमिश्नर गौरव ने पुलिस को बताया- मुक्का लगते ही दांत हिलने लगा, दाहिने कान से सुनाई देना बंद हुआ

“29 मई को दोपहर लगभग 3 से 4 बजे… जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा बिना किसी अनुमति कार्यालय कक्ष में घुस आए। मैं वरिष्ठ अधिकारियों, आयकर आयुक्त ऋचा रस्तोगी और शौर्य शाश्वत शुक्ला के साथ बैठे थे। योगेंद्र मिश्रा ने चिल्लाते हुए अश्लील गालियां दीं और कहा कि उनका ट्रांसफर जबरदस्ती करवाया गया है। उन्होंने जान से मारने की धमकी दी। पानी का गिलास फेंका और फिर टूटे हुए कांच के टुकड़े से उनकी गर्दन पर हमला करने की कोशिश की। किसी तरह मैं इस हमले से बचा और जब कमरे से बाहर जाने लगे, तो योगेंद्र मिश्रा ने मेरी गर्दन में अपनी बांह लपेटकर गला दबाने की कोशिश की। मेरी सांस रुकने लगी थी और आंखों के सामने अंधेरा छा गया था। मैंने कोहनी की मदद से खुद को छुड़ाया। इसके बाद योगेंद्र ने मुझे कई मुक्के मारे, जिससे मेरी नाक और होंठ से खून आने लगा। दांत हिलने लगे और दाहिने कान से सुनना बंद हो गया। योगेंद्र ने मुझे अपने जूते से भी मारा, खासकर उनके प्राइवेट पार्ट और घुटनों पर।” ये कहना है डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग का। दरअसल आयकर विभाग में 29 मई को दो आईआरएस अधिकारियों के बीच विवाद हुआ। आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग ने जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा पर जानलेवा हमला करने, धमकी देने और डिजिटल धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उपायुक्त गौरव गर्ग ने पुलिस को दिए अपने 11 पन्नों के बयान में जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा पर कई संगीन आरोप लगाए हैं, जिनमें क्रिकेट मैच में विवाद, वरिष्ठ अधिकारियों को धमकी और पत्रकार को ब्लैकमेल करने का प्रयास शामिल है। गौरव गर्ग, जो प्रत्यक्ष कर भवन, लखनऊ में उपायुक्त के पद पर नियुक्त हैं, ने अपने बयान में बताया कि फरवरी 2025 में बीबीडी क्रिकेट ग्राउंड में आयोजित एक क्रिकेट मैच के दौरान यह विवाद शुरू हुआ। योगेंद्र कुमार मिश्रा ने जबरन मैच में शामिल होने और कप्तान बनने की जिद की, जिससे पूरा मामला प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (PCC) तक पहुंच गया। पिच पर लेटकर मैच बाधित करने का आरोप गौरव गर्ग ने अपने बयान में लिखा कि PCC सर के निर्देश के बावजूद, सेमीफाइनल मैच के दिन, योगेंद्र कुमार मिश्रा ने पिच पर लेटकर मैच को बाधित करने का प्रयास किया और धमकी दी कि यदि उन्हें नहीं खिलाया गया तो मैच नहीं होने देंगे। लगभग 50 मिनट तक चले इस हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद ही मैच शुरू हो पाया। PCC सर ने उन्हें विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। वॉट्सऐप पर अपशब्द और धमकियां इस घटना के बाद, मिश्रा ने वॉट्सऐप के जरिए कई खिलाड़ियों को अपशब्द भेजे। खिलाड़ियों ने इसकी लिखित शिकायत उच्चाधिकारियों से की। गर्ग ने बताया कि मिश्रा शिकायतों से इतने क्षुब्ध हो गए थे कि उन्होंने क्रिकेट खिलाड़ियों के परिवार वालों के बारे में निंदनीय टिप्पणियां कीं और अमित शुक्ला नामक एक खिलाड़ी को परोक्ष रूप से चरस प्लांट कर जेल भेजने की धमकी दी। अमित शुक्ला ने भी इसकी लिखित शिकायत की थी। स्थानांतरण के बाद भी नहीं रुके आरोप गौरव गर्ग ने अपने बयान में लिखा कि योगेंद्र कुमार मिश्रा के खिलाफ कुल 12 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें 4 क्रिकेट खिलाड़ियों द्वारा और 8 अन्य आरोपों से संबंधित थीं। इन दुर्व्यवहार और अनुशासनहीनता के आधार पर उनका लखनऊ से काशीपुर, उत्तराखंड स्थानांतरण कर दिया गया था। योगेंद्र मिश्रा ने मुझको धमकी दी और जानलेवा हमला किया गर्ग ने अपने बयान में लिखा कि , “29 मई, 2025 की एक और गंभीर घटना का जिक्र किया। दोपहर लगभग 3 बजे, योगेंद्र कुमार मिश्रा बिना किसी अनुमति के उनके कार्यालय कक्ष में घुस आए, जहां गर्ग अपनी वरिष्ठ अधिकारियों, ऋचा रस्तोगी (आयकर आयुक्त) और शौर्य शाश्वत शुक्ला के साथ बैठे थे। मिश्रा ने चिल्लाते हुए अश्लील गालियां दीं और कहा कि उनका ट्रांसफर जबरदस्ती करवाया गया है। उन्होंने मुझको जान से मारने की धमकी दी, पानी का गिलास फेंका और फिर टूटे हुए कांच के टुकड़े से उनकी गर्दन पर हमला करने की कोशिश की। गर्ग ने बताया कि किसी तरह वह इस हमले से बचे और जब कमरे से बाहर जाने लगे, तो मिश्रा ने उनकी गर्दन में अपनी बांह लपेटकर गला दबाने की कोशिश की। उनकी सांस रुकने लगी थी और आंखों के सामने अंधेरा छा गया था। उन्होंने कोहनी की मदद से खुद को छुड़ाया। इसके बाद मिश्रा ने उन्हें कई मुक्के मारे, जिससे उनकी नाक और होंठ से खून आने लगा, दांत हिलने लगे और दाहिने कान से सुनना बंद हो गया। मिश्रा ने उन्हें अपने जूते से भी मारा, खासकर उनके प्राइवेट पार्ट और घुटनों पर। इस हमले के दौरान शौर्य शाश्वत शुक्ला ने उन्हें बचाने का प्रयास किया।” डिजिटल धोखाधड़ी और पत्रकार को ब्लैकमेल करने का आरोप बयान में यह भी कहा गया है कि योगेंद्र कुमार मिश्रा ने “आज तक” समाचार चैनल द्वारा उनके खिलाफ प्रकाशित खबर के संबंध में पत्रकार सिमर चावला को व्हाट्सएप पर संपर्क किया और खबर हटाने का अनुरोध किया। मना करने पर उन्होंने मनगढ़ंत स्क्रीनशॉट भेजे और ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। सिमर चावला ने प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को एक वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है, जिसमें दिखाया गया है कि मिश्रा ने चावला की फोटो लगाकर अपने खुद के नंबर से फर्जी स्क्रीनशॉट बनाए और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत धोखाधड़ी की। एक अन्य वीडियो में लाइव व्हाट्सएप चैट प्रदर्शित की गई है, जिसमें मिश्रा ने चावला से संपर्क किया और झूठे स्क्रीनशॉट भेजे, यह दिखाने के लिए कि बातचीत चावला ने शुरू की थी। गर्ग ने आरोप लगाया कि मिश्रा ने सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ असत्य और भ्रामक प्रचार किया है। सीसीटीवी फुटेज और आपराधिक प्रवृत्ति गौरव गर्ग ने पुलिस से आग्रह किया है कि कार्यालय कक्ष के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को तुरंत प्राप्त किया जाए, ताकि यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बन सके। उन्होंने योगेंद्र कुमार मिश्रा को एक “अभ्यस्त अनुशासन भंग करने वाले अधिकारी” और “हिंसक प्रवृत्ति” वाला बताया है, जो अपने मनवांछित कार्यों के लिए अनुचित दबाव और धमकी का इस्तेमाल करते हैं। आयकर विभाग में उपायुक्त गौरव गर्ग और जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा के बीच चल रहे हाई-प्रोफाइल विवाद में गौरव गर्ग द्वारा जानलेवा हमले के आरोपों के बाद, योगेंद्र कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन 29 मई, 2025 को लखनऊ कार्यालय में हुए कथित हमले के छह दिन बाद हुआ है। आइए अब जानते है घटना से लेकर अब तक पुलिस जांच की स्थिति.. •FIR दर्ज: गौरव गर्ग ने लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में योगेंद्र कुमार मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें हत्या का प्रयास (धारा 109(1)), लोक सेवक को चोट पहुंचाना (धारा 121(2)), कर्तव्य में बाधा डालना (धारा 221), शरारत (धारा 324(3)), जानबूझकर अपमान (धारा 352), और आपराधिक धमकी (धारा 351(3)), साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं शामिल हैं। •सैंपल कलेक्ट: 30 मई, 2025 की रात को एक फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और टूटे हुए कांच के टुकड़े और रक्त के नमूने एकत्र किए थे। •बयान दर्ज: गौरव गर्ग का बयान पुलिस द्वारा दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने अपने पूर्व के सभी आरोपों को दोहराया है। वरिष्ठ अधिकारी ऋचा रस्तोगी (आयकर आयुक्त) और शौर्य शाश्वत शुक्ला (आयकर आयुक्त), जो घटना के समय मौजूद थे, के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। •योगेंद्र मिश्रा की पत्नी की शिकायत: योगेंद्र मिश्रा की पत्नी, नेहा द्विवेदी, ने भी लखनऊ पुलिस कमिश्नर को एक लिखित शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने अपने पति पर गौरव गर्ग द्वारा हमला और धमकी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने पति का समर्थन किया है और गौरव गर्ग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। •योगेंद्र मिश्रा का पलटवार: योगेंद्र मिश्रा ने भी पुलिस कमिश्नर को एक मेल भेजकर गौरव गर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गौरव गर्ग की पत्नी रवीना त्यागी, जो एक आईपीएस अधिकारी हैं, के प्रभाव से उनके खिलाफ “पीआर-प्रबंधित मीडिया अभियान” चलाया जा रहा है।

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