‘लखनऊ का पारा पहुंचा 44 डिग्री, चिल्ड वॉटर भी खतरनाक’:अस्पतालों में गर्मी से झुलसे मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा, जानिए एक्सपर्ट की टिप्स

भीषण गर्मी और तपिश के चलते लखनऊ का तापमान अब 44 डिग्री तक पहुंच गया है। आम और खास सभी इस गर्मी से झुलस रहे है। सड़कों से लेकर अस्पतालों तक बड़ी संख्या में गर्मी से बेहाल लोग नजर आ रहा है। इस बीच एक्सपर्ट डॉक्टर्स हीट वेव के दौरान अलर्टनेस बढ़ाने पर जोर दे रहे। दैनिक भास्कर ने लखनऊ के टॉप एक्सपर्ट्स से बात करके, लखनऊ में गर्मी के कहर से जूझ रहे लोगों को बॉडी टेम्प्रेचर मेनटेन करने के टिप्स जाने, आप भी पढ़िए..क्या कहते हैं एक्सपर्ट…. पहले जान ले, लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों की संख्या.. लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु अस्पताल में 2 दिन में 3125 मरीज OPD में पहुंचे हैं। जबकि इमरजेंसी में गंभीर हालत में आने वाले मरीजों की 1200 से ज्यादा रही। इसके अलावा 300 से ज्यादा मरीजों को 2 दिन के भीतर अस्पताल में भर्ती किया जा चुका है। CMS डॉ. राजीव दीक्षित की माने तो हालात अभी कंट्रोल में है। मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। फिलहाल बुखार, डिहाइड्रेशन के मरीज ज्यादा है। गर्मी से बेहाल मरीजों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए गए है। ये है बॉडी टेम्प्रेचर का रेगुलेशन का साइंस लखनऊ के सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि बॉडी टेम्प्रेचर का रेगुलेशन ब्रेन से होता। ब्रेन के अहम भाग ‘हाइपोथैलेमस’ को शरीर का टेम्प्रेचर रेगुलेटिड सेंटर कहा जाता हैं। हीट स्ट्रोक में यही चीज सबसे पहले गड़बड़ हो जाती हैं। आमतौर पर बॉडी की अंदर की कोर टेम्प्रेचर 96°F के आस पास ही रहता हैं। पर जब बेहद ज्यादा गर्मी होती हैं तो यह तापमान और ज्यादा हो जाता हैं। इस दौरान एक साथ खूब पानी पी भी लिया तो यह तुरंत एब्जॉर्ब नही होता। इस दौरान शरीर में स्ट्रोक के साथ मल्टीपल ऑर्गन फैलियर हो सकता हैं। ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है। हीट स्ट्रोक के कारण फेल हो सकते है बॉडी ऑर्गन लगातार कई घंटे कड़ी धूप में रहने के कारण तबीयत अचानक से खराब हो सकती हैं। सीवियर डिहाइड्रेशन होने के कारण कई बॉडी पार्ट्स में पानी की एक्यूट शॉर्टेज यानी बेहद कमी हो सकती हैं। इसका नतीजा मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो सकता है। यदि पहले से कोमर्बीडीटी है, तो इसके चांस बढ़ जाते है। ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है। चिल्ड वाटर हो सकता है जानलेवा जब अचानक से बहुत ठंडा पानी एक साथ पी लिया जाए तो ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक हो सकता हैं। जो कि बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन में अत्यधिक ठंडा या चिल्ड पानी के कारण ही होगा। आम तौर पर मेडिकल साइंस के अनुसार हम लोग थोड़ा-थोड़ा करके पानी पीने की सलाह देते हैं। एक साथ पूरी प्यास बुझाने की कोशिश न करें। भीषण गर्मी हैं इसलिए सतर्कता जरूरी हैं। थोड़ी से लापरवाही भारी पड़ सकती हैं। ठंडे पानी से एब्डोमन फुल करना घातक लखनऊ के निजी हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि इस भीषण गर्मी में सडेन डेथ के मामले अचानक से बढ़ रहे हैं तो सतर्कता हर स्तर पर बरतनी जरूरी हैं। अचानक से एब्डोमन (abdomen) में बड़ी मात्रा में ठंडा पानी यदि आता हैं तो यह बाकी बॉडी पार्ट्स के लिए झटका साबित हो सकता हैं। तेजी से बॉडी का टेम्प्रेचर न मेनटेन होने के कारण यह बदलाव घातक हो सकता है। ऐसे में अलर्टनेस बेहद जरूरी है। ग्राउंड पर रहने वालों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत डॉ.वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि जिनको ग्राउंड पर ज्यादा समय गुजारना रहता है, उन्हें अलर्ट भी ज्यादा रहना होगा। हल्की से लापरवाही भारी पड़ सकती है। हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है। ऐसे में अलर्टनेस बेहद जरूरी है। बेहतर होगा कि समय रहते लक्षण को पहचाने। ऐसा संभव हैं कि हार्ट अटैक आने के बाद कुछ घबराहट महसूस हो और फिर प्यास लगे, ऐसे में हड़बड़ाहट में खूब पानी पी लेना जानलेवा साबित होगा। इस कंडीशन में हार्ट तुरंत कोलैप्स कर जाता है। इसलिए खुद की बॉडी को पहचाने और उसी के अनुसार निर्णय ले, सीधे धूप में लंबे समय तक रुकना ठीक नहीं। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए –

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *