कर्नल बाठ मारपीट मामले में पटियाला पहुंची SIT:घटना का सीन रिक्रिएट किया, ड्रोन की ली गई मदद, एलओसी हो चुका जारी

पटियाला में कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ से हुई मारपीट के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी (विशेष जांच टीम) आज दोबारा पटियाला पहुंची। इस दौरान घटना स्थल पर दोबारा सीन को रिक्रिएट किया गया। यह प्रक्रिया ड्रोन की मदद से पूरी की गई, जिसके लिए पुलिस ने बाकायदा अनुमति ली थी। इस मौके पर कर्नल की पत्नी भी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि वह एसआईटी की जांच से संतुष्ट हैं, क्योंकि टीम हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब भी वह घटना स्थल वाले ढाबे पर आती हैं, तो उन्हें बहुत दुख होता है। इसकी वजह यहां उनके पति के साथ मारपीट की गई थी। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा घर जाकर दुखी हो जाता है। यहां आकर हमें बहुत तकलीफ होती है।” कर्नल की पत्नी जसविंदर कौर ने यह भी कहा कि ढाबे के मालिक ने पहले उन्हें सच्चाई बताई थी, लेकिन अब उसने अपना बयान बदल लिया है। अब एलओसी हो चुका है जारी कर्नल की पत्नी ने बताया कि इस मामले में चारो आरोपी इंस्पेक्टर हरजिंदर सिंह, शर्मिंदर सिंह, रोनी सिंह और हैरी बोपाराय पकड़े नहीं गए गए है। इसी मामले को लेकर उन्होंने पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी। इसके साथ ही उन्होंने डीजीपी चंडीगढ़ से भी मुलाकात की। उन्होंने मांग की थी कि चारों आरोपियों के अरेस्ट वारंट जारी किए जाए। उन्हें पीओ (प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर) घोषित किया जाए। साथ ही मेरी स्टेटमेंट रिकॉर्ड की जाए और 4 महीने में मामले की जांच पूरी करवाई जाए। पंजाब पुलिस इन आरोपियों को पकड़ने में सहयोग नहीं कर रही है। अब इन आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही, इन्हें पीओ (घोषित अपराधी) घोषित करने की प्रक्रिया भी चल रही है। दो दिन पहले पटियाला पहुंची थी एसआईटी एसआईटी दो दिन पहले उस ढाबे पर पहुंची जहां कर्नल से मारपीट हुई थी। इस दौरान एसआईटी के सदस्यों ने ढाबे के कर्मचारियों और अन्य लोगों से भी पूछताछ की थी। इस दौरान कर्नल के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। एसआईटी हर तथ्य को बारीकी से जुटा रही है, ताकि बाद में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। हाईकोर्ट ने एसआईटी को अगस्त माह तक जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं।​​​​​​ ऐसे हुआ थी यह घटना पटियाला में 13-14 मार्च की रात को आर्मी कर्नल से मारपीट की गई। तब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मामला रक्षा मंत्रालय और आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचा तो पुलिस ने 9 दिन बाद बाई नेम FIR दर्ज कर 12 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया। इसमें 5 इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। इस घटना को 21 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पंजाब पुलिस अपने ही आरोपी कर्मचारियों को बचाने में लगी है।​​​​​​ कर्नल को गंभीर चोटें आई थी कर्नल बाठ ने बताया था कि जब वे गाड़ी स्टार्ट कर जाने लगे तो उन लोगों ने डंडे और सरिए मारकर गाड़ी तोड़नी शुरू कर दी। इसी बीच बेटे के दोस्त ने कर्नल की पत्नी को फोन पर पूरी बातचीत बताई। इसके बाद कर्नल और उनके बेटे को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां कर्नल के बाएं हाथ में फ्रैक्चर निकला। विधानसभा में उठा मुद्दा कर्नल बाठ से पंजाब पुलिस के मुलाजिमों की तरफ से की गई गुंडागर्दी का मुद्दा बजट सेशन के दौरान पंजाब विधानसभा में उठा। विरोधियों ने पंजाब की AAP सरकार को विधानसभा में घेरा और बताया कि किस तरह से पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर तार-तार हो रहा है। सेना के पूर्व अफसरों ने पटियाला में धरना दिया। पटियाला के बीजेपी नेताओं ने SSP नानक सिंह से मिलकर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। जैसे ही मामला विधानसभा में उठा तो नई एफआईआर दर्ज कर एसआईटी बनाई थी। साथ ही परिवार को सुरक्षा दी गई थी।

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