जयप्रकाश विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और प्रशासनिक अनियमितताओं के विरोध में शोध विद्यार्थी संगठन (RSA) ने आज दोपहर कुलपति का पुतला दहन किया। छात्र नेता सौरभ कुमार गोलू के नेतृत्व में जगदम महाविद्यालय, छपरा में यह विरोध प्रदर्शन किया गया। छात्र संगठन ने कुलपति प्रो. पर्मेन्द्र कुमार बाजपेई के कार्यकाल का शैक्षणिक और वित्तीय ऑडिट कराने की मांग की है। संगठन का आरोप है कि कुलपति के मीडिया बयान भ्रामक और तथ्यहीन हैं। बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 का उल्लंघन विरोध का एक प्रमुख मुद्दा प्रो. इरफान अली को राजनीतिशास्त्र विभाग का विभागाध्यक्ष बनाया जाना है। छात्र नेताओं के अनुसार यह बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 का उल्लंघन है। उनका कहना है कि वरिष्ठता के आधार पर प्रो. केदार प्रसाद को यह पद मिलना चाहिए। शैक्षणिक व्यवस्था पर उठे सवाल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए हैं। स्नातक सत्र 2024-28 के प्रथम सेमेस्टर का परिणाम जारी किए बिना ही अगली परीक्षा का फॉर्म भरवाया गया। इससे कई छात्र फॉर्म भरने से वंचित रह गए। छात्र नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन महामहिम कुलाधिपति के निर्देशों की अवहेलना कर रहा है। संगठन ने सवाल उठाया कि क्या कुलपति कुलाधिपति से ऊपर हैं? चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू RSA ने 3 जून 2025 से चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक विश्वविद्यालय में पारदर्शिता नहीं आती, आंदोलन जारी रहेगा। आने वाले दिनों में धरना, प्रदर्शन और अनशन किए जाएंगे। इस विरोध कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सौरभ सिंह गोलू, चंदन पांडे, उमेश तिवारी, अंकित सिंह, प्रिंस विकास, प्रियांशु राज, पी.के. सिंह, खुशहाल ओझा, आलोक भूमिहार, आशीष, शैलेश पासवान, मधु रानी, दीपाली, पल्लवी, आकाश और शशि समेत दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।