IPS सोनम कुमार यूपी पुलिस में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने 9 साल की सर्विस में कई बड़े खुलासे किए। 75 एनकाउंटर करने वाले सोनम कुमार ने बीते महीने आगरा में कुख्यात को ढेर किया था। वह जहां भी तैनात रहे, वहां माफियाओं की रीढ़ तोड़ी। इंजीनियर की नौकरी छोड़ खाकी पहनने वाले IPS की स्टोरी काफी दिलचस्प है। सोनम कुमार जब भी क्लास में टॉप आते, उनके टीचर कहते थे कि तुम एक दिन जरूर IAS, IPS बनोगे। इस पर वह कहते कि मुझे इंजीनियर ही बनना है। वह 6 साल लीड डिजाइन इंजीनियर के पद पर रहे। फिर 20 लाख का पैकेज की नौकरी छोड़कर IPS बनने की ठानी। 2016 बैच के IPS सोनम कुमार इस समय आगरा में DCP हैं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सोनम कुमार की कहानी 6 चैप्टर में पढे़ंगे… दिल्ली के आरके पुरम निवासी रविंद्र प्रसाद सिंह सिविल इंजीनियर रहे। वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। 14 दिसंबर 1985 को उनके घर बेटे ने जन्म लिया। मां निभा सिंह ने नाम रखा सोनम। स्कूल में एडमिशन के समय पिता ने सोनम के आगे कुमार लिखवा दिया। कुमार लिखवाने के पीछे का कारण भी सोनम ने बताया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता कास्ट में बिलीव नहीं करते। सोनम बचपन से ही स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानते हैं। वह कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद को पढ़कर ही सफलता की ओर अग्रसर हुआ। सोनम कुमार बताते हैं कि शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में हुई। मैं कक्षा एक से लेकर हाईस्कूल तक हमेशा क्लास में टॉपर रहा। इस पर टीचर कहते थे कि टॉप करने वाले बच्चे ही आगे कामयाब होते हैं। जब पूछते थे कि कौन-कौन बच्चा बड़ा होकर क्या बनेगा। तब मैं कहता था इंजीनियर ही बनूंगा। सोनम ने 2001 में केंद्रीय विद्यालय दिल्ली से 86% के साथ हाईस्कूल पास किया। 2003 में यहीं से सीबीएसई बोर्ड में 90% के साथ इंटर किया। मेरे पिता इंजीनियर रहे तो वह चाहते थे कि मैं भी इंजीनियर बनूं। मैंने इंटर से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। दिल्ली यूनिवसिर्टी से इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसी बीच कई कंपनियों से ऑफर आए। सोनम कुमार को 2008 में अमेरिकन कंपनी में 20 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नोएडा में नौकरी मिली। जहां उन्होंने लीड डिजाइन इंजीनियर के पद पर काम किया। लेकिन उन्हें लगा कि प्राइवेट सेक्टर में इतना मजा नहीं है। पैसा और काम तो ठीक है, मगर इस नौकरी से दूसरों की सेवा नहीं कर सकते। सोनम कुमार बताते हैं कई बार नेट पर सफल हुए छात्रों के बारे में देखता था। फिर मन में आया कि टीचर हमेशा कहते थे कि तुम IPS बनना। फिर मैंने ठान लिया कि अब यूपीएससी की तैयारी करुंगा। मैंने जॉब नहीं छोड़ने का फैसला लिया। दिन में अपनी जॉब करता था और रात में पढ़ाई करता था। 2014 में मैंने इंजीनियर के पद से इस्तीफा दिया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गया। 8 घंटे नियमित पढ़ाई की। 2015 में यूपीएससी को परीक्षा में सफल हुआ और 2016 बैच में IPS बना। सोनम कहते हैं इतनी बड़ी सफलता की खुशी को मैं आज भी नहीं भूल पाया हूं। जब दोस्तों को पता चलता था कि मैं रात में तैयारी भी करता हूं तो कई बार कहते थे कि और इतना क्यों पढ़ना है। लेकिन जब मेरा सिलेक्शन हुआ गया तो परिवार के साथ ही मेरे दोस्त भी खुश थे। मेरी इस सफलता में पिता का बड़ा योगदान रहा। वह हमेशा मुझे आगे बढ़ने की सीख देते थे। जब मैंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की तब भी परिवार ने यही कहा कि यहां भी बड़ी नौकरी मिलेगी। सोनम कुमार कहते हैं कि 2018 में IPS की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पहली पोस्टिंग वेस्ट यूपी के मुरादाबाद में हुई। उस वक्त जे. रविंदर गोड सर एसएसपी थे। मुझे भोजपुर थाना प्रभारी की जिम्मेदारी मिली। 2019 की बात हैं कंट्रोल रूम को सूचना दी गई कि भोजपुर में एक महिला टीचर अपनी मां के साथ रह रही हैं, जहां कुछ लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं। वह बताते हैं मामला महिला अपराध से जुड़ा था, इसलिए पूरी बात सुनी। पीड़िता ने बताया कि पड़ोस में रहने वाला एक परिवार परेशान करता है। मैं सूचना पर रात में महिला टीचर के यहां पहुंचा और उनसे बात की। शिक्षिका की मां बुजुर्ग थी। बातचीत में सामने आया कि पड़ोस के कुछ लोग नाली के लिए विवाद करते हैं। पीड़ित परिवार की बात सुनकर कार्रवाई करते हुए इंसाफ दिलाया। उसके बाद मुझे मुरादाबाद बिलारी की जिम्मेदारी सौंपी गई। सीओ हाईवे के अलावा सीओ लाइन भी रहा। जब मैं सीओ हाईवे था, उस समय एक एक्सीडेंट हुआ। एक युवक की मौत हो गई। भीड़ ने जाम लगा दिया। सूचना पर पहुंचते ही मैंने दोनों तरफ से ट्रैफिक को डायवर्ट करवाया। पीड़ित परिवार की पूरी बात सुनी। पोस्टमॉर्टम कराने के बाद एम्बुलेंस के जरिए शव को उनके घर पहुंचवाया। IPS सोनम कुमार पुलिस विभाग में टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट भी माने जाते हैं। वह पुलिस का हर रिकॉर्ड लैपटॉप में रखते हैं। पुलिस को आधुनिक एक्सपर्ट में भी ट्रेनिंग देते रहे हैं। जहां वह साइबर की बड़ी घटनाओं को भी बड़ी आसानी से सॉल्व कर लेते हैं। सोनम कुमार ने कंप्यूटर के जरिए पुलिस के काम को आसान बनाया। फरियादियों की पुलिस तक पहुंच तकनीक के माध्यम से आसान की। वह अभी तक पुलिस विभाग में 20 एप डेवलप कर चुके हैं। उन्होंने अकेले 8 एप मात्र एक साल में बनाए। आईपीएस सोनम की पहचान पुलिस विभाग में एप एक्सपर्ट के तौर पर है। सोनम कहते हैं कि जनता की सुनवाई और उस पर कार्रवाई का ऑनलाइन रिकॉर्ड रखने के लिए जनसुनवाई सॉफ्टवेयर तैयार किया। ऑफिस में आने वाले फरियादियों का प्रार्थना पत्र इस एप पर ऑडियो या वीडियो साक्ष्य के साथ अपलोड होता है। अपराध के संबंधित थाने से इसकी जांच के बाद रिपोर्ट भी इस पर दी जाती है। जो शिकायत अपलोड की जाती है, वह थाने में जांच करने वाले दरोगा या जांच अधिकारी के पास पहुंचती है। ये 20 एप डेवलप किए सोनम कुमार को मुरादाबाद में एएसपी रहने के बाद लखनऊ में तैनाती मिली। जहां एनआरसी हिंसा के समय सड़क पर उतरी भीड़ को कंट्रोल किया। इसके बाद वह एसपी सिटी गोरखपुर रहे। यहां जनसुनवाई के लिए 10 बजे थानों में खुद निरीक्षण करने पहुंच जाते थे। सोनम कुमार 2022 में संतकबीरनगर के एसपी बने। वह बताते हैं कि जून 2022 में धनघटा थाना क्षेत्र के एक गांव से सूचना मिली कि छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ है। मैं रात में ही घटनास्थल पर पहुंचा। सीओ और थाना प्रभारी को जिम्मेदारी दी। उनसे कहा कि पीड़ित परिवार से तहरीर लिखवाई जाए और रात में ही आरोपी को अरेस्ट किया जाए। फिर पीड़ित परिवार और छात्रा से पूरा घटनाक्रम को जाना। जांच में सामने आया कि छात्रा की उम्र 18 साल के आसपास थी। उसके साथ गांव के कुछ युवकों ने रेप किया। विरोध करने पर मारपीट भी की। पुलिस ने चारों आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेजा। सोनम कुमार कहते हैं कि मई 2025 के पहले हफ्ते की बात है। आगरा में बालाजी ज्वैलर्स शोरूम में लूटपाट की गई। बाइक से पहुंचे बदमाशों ने मालिक योगेश चौधरी को गोली मार दी। बदमाशों ने शोरूम कर्मचारी रेनू पर पिस्टल तानी। ये देख सर्राफा कारोबारी ने जैसे ही लूट का विरोध किया। तभी एक बदमाश ने कारोबारी पर फायर किया, जिससे उनकी मौत हो गई। आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार मौके पर पहुंचे। बदमाशों को अरेस्ट करने के निर्देश दिए। सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों को पहचानने में पुलिस को मदद मिली। सोनम बताते हैं कि इस केस को सॉल्व करने के लिए 10 टीमों में 100 पुलिसकर्मी लगाए गए। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई। घटना के 4 दिन बाद ही सुबह के समय सूचना मिली कि सिकंदरा थाना इलाके में लूट करने वाले बदमाश मौजूद हैं। पुलिस और एसओजी टीम ने बदमाशों को घेर लिया। बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में कुख्यात अमन एनकाउंटर में मारा गया। उसके साथी को पैर में गोली लगी। अमन ने ही सर्राफ योगेश चौधरी के सीने में गोली मारी थी। सोनम कुमार बताते हैं कि इस केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी खंगाले। पुलिस कमिश्नर आगरा दीपक कुमार लगातार इस केस की मॉनिटरिंग कर रहे थे। व्यापारी भी लगातार इस केस के खुलासे की मांग कर रहे थे। आगरा में इसके अलावा भी मैंने कई चर्चित मर्डर केस सॉल्व किए। परिवार की मर्जी से की शादी सोनम कुमार बताते हैं कि मेरी मां गृहिणी हैं। उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ाने में बहुत मदद की। मैं जब छोटा था तब मां कहती थीं कि बेटा अफसर बनेगा। सोनम कुमार बताते हैं कि मैंने अपने परिवार की मर्जी से 2020 में हर्षा सिंह से शादी की। अचीवमेंट्स ——————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी में गंगा को मैली कर रही काली नदी:इत्र नगरी में सीवेज, औद्योगिक कचरा और केमिकल बढ़ा रहे प्रदूषण कन्नौज शहर से 15 किलोमीटर दूर है मेहंदीघाट। एक तरफ शव जल रहे, दूसरी तरफ काली नदी और गंगा के संगम पर लोग स्नान कर रहे। गंगा स्नान कर रहे लोगों के चेहरे के भाव बता रहे हैं कि मजबूरी में उन्हें ऐसा करना पड़ रहा। दरअसल, काली नदी, जो कभी नागिन की तरह लहराती थी, कालिंदी बनकर गंगा को गले लगाती थी। आज नाले की तरह सिसक रही है। यहां काली नदी का काला, बदबूदार जल और गंगा की मटमैली धारा एक-दूसरे से लिपटते हैं। मानो दोनों अपनी व्यथा साझा कर रही हों। पढ़ें पूरी खबर