पीलीभीत में बुधवार सुबह सपा कार्यालय नगर पालिका ने खाली करा लिया है। नगर पालिका ने पेंट से सपा कार्यालय का नाम छुपा दिया। पार्टी के बैनर-पोस्टर, झंडे हटवा दिए। मेन दरवाजों पर ताला लगा दिया गया। सपा नेताओं को कार्यालय खाली करने के लिए 16 जून तक का समय दिया गया था। लेकिन सपा नेताओं ने कब्जा नहीं छोड़ा। जिसके बाद 18 जून की सुबह 7 थानों की फोर्स (200 पुलिसकर्मियों से ज्यादा) मौके पर पहुंची और कार्यालय खाली करवाने लगी। 35 सपा कार्यकर्ता हुए गिरफ्तार इस बीच पुलिसकर्मियों पर सपा कार्यकर्ताओं में नोक झोंक भी हुई। 35 सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें 7-8 महिलाएं भी शामिल हैं। सपा जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने धक्का देकर मौके से हटा दिया। समय सीमा खत्म होने के बाद प्रशासन ने एक्शन लिया पीलीभीत में सपा कार्यालय नकटादाना चौराहा स्थित अधिशासी अधिकारी (EO) के आवासीय परिसर में सालों से संचालित था। इस कार्रवाई से पहले सपा जिला अध्यक्ष को नोटिस दी गई थी। जिसकी समय सीमा खत्म होने के बाद प्रशासन ने एक्शन लिया है। 8 दिन पहले भी 50 पुलिस अफसर, पांच थानों के 200 पुलिसकर्मी और एक कंपनी PAC कब्जा हटवाने सपा कार्यालय पहुंची थी। लेकिन तब सपा कार्यकर्ताओं ने 6 महीने का समय मांगा था। जिसके बाद उन्हें 16 जून तक का समय दिया गया था। कई सालों से अवैध रूप से संचालित हो रहा था सपा कार्यालय सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर ने बताया, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आवास के रूप में दर्ज भवन में सपा कार्यालय कई सालों से अवैध रूप से संचालित हो रहा था। पहले ही नोटिस देकर आवंटन रद्द किया जा चुका था। नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद, नियमानुसार नगर पालिका ने परिसर को फिर से अपने कब्जे में ले लिया है। ये अत्याचारी सरकार है- सपा जिला अध्यक्ष जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह ने बताया, आज इन्होंने सपा कार्यालय को खाली करवाया है। ये अत्याचारी सरकार है। हम लोगों का कार्यालय खाली करवाया है। इन लोगों के जिस तरह के कारनामे हैं। जिस तरह से इन लोगों ने जमीनें कब्जाई हैं, अपने बड़े-बड़े महल बनवाए हैं। उनकी रजिस्ट्रियों की जांच कराकर सपा भी इनके साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी। जानिए पूरा मामला- 2005 में नगर पालिका ने नकटा दाना चौराहे के पास अधिशासी अधिकारी (ईओ) आवास को सपा कार्यालय के लिए डेढ़ सौ रुपए मासिक किराए पर आवंटित किया था, लेकिन 12 नवंबर 2020 को यह आवंटन रद्द कर दिया गया। कहा गया कि यह आवंटन निर्धारित प्रक्रिया के तहत नहीं हुआ था। इसके खिलाफ तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे 1 दिसंबर 2020 को उन्होंने स्वयं ही वापस ले लिया। इसके बाद सपा ने 2021 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में मुकदमा किया, जो अब भी विचाराधीन है। पालिका का कहना है कि मामला विचाराधीन है, अब तक कोई अंतरिम आदेश नहीं आया है, जिससे पालिका को कब्जा हटाने से रोका गया। तीन दिन पहले नगरपालिका ने कार्यालय के गेट पर नोटिस चस्पा किया था। 10 जून तक कार्यालय खाली करने को कहा था। लेकिन कार्यालय खाली नहीं किया गया। यह खबर भी पढ़ें- यूपी में परिवार के 5 लोग कार में जिंदा जले:पुलिया से टकराई, नीचे गिरते ही आग लगी; बदायूं से दिल्ली जा रहे थे यूपी के बुलंदशहर में सड़क हादसे में परिवार के 5 लोगों की कार में जलकर मौत हो गई। तेज रफ्तार स्विफ्ट कार पुलिया तोड़ते हुए सड़क किनारे 5 फीट नीचे गिर गई। गिरते ही कार में भीषण आग लग गई। कार में बैठे 6 में से 5 लोग जिंदा जल गए। यहां पढ़ें पूरी खबर