पंजाब के लोकल बॉडी मंत्री डॉ. रवजोत की प्राइवेट फोटो को अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा ने इस मुद्दे पर अकाली दल को घेरा और पलटवार करते हुए पूछा ” पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के बारे में अकाली दल का क्या कहना है?” अमन अरोड़ा ने कहा कि मंत्री रवजोत पहले ही इस मामले पर सफाई दे चुके हैं, लेकिन अब राजनीति बेडरूम तक पहुंच गई है, जो शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि डॉ. रवजोत आज मीडिया के सामने खुलकर अपनी बात रखेंगे। चुनाव से पहले ही ऐसी फोटो क्यों मिलती है सेक्टर-26 चंडीगढ़ में जब मीडिया ने अमन अरोड़ा से वायरल फोटो संबंधी सवाल किया तो उनका कहना है कि इस बारे में मंत्री खुद अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। कोई व्यक्ति राजनीति को इतने निम्न स्तर पर ले जाएगा, यह मैं उम्मीद भी नहीं करता। यह उचित भी नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि आप आम आदमी पार्टी के प्रधान भी हैं, इससे पार्टी की इमेज काे धक्का लगा है। इस पर अरोड़ा का कहना था कि पार्टी की छवि को धक्का कैसे लग सकता है? मंत्री रवजोत खुद बता चुके हैं उनकी एक्स-वाइफ के साथ उनकी प्राइवेट फोटो को एआई के माध्यम से छेड़छाड़ कर वायरल किया गया है। वोटों के लिए ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए- अरोड़ा वहीं, अरोड़ा ने कहा कि सवाल तो उस व्यक्ति पर उठाए जाने चाहिए, जिसने वह फोटो वायरल की है। अब इतनी निम्न स्तर की राजनीति की जा रही है। लोग अब बेडरूम तक पहुंच गए हैं। उन्होंने पूछा कि पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के बारे क्या विचार है। अमन अरोड़ा ने कहा कि चाहे हम हों या आप, चार वोटों के लिए इतनी ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए। मजीठिया जी, जो समाज के ठेकेदार बने हुए हैं, उन्हें ऐसी फोटो चुनाव के दो दिन पहले ही क्यों मिलती है? कौन है सुच्चा सिंह लंगाह सुच्चा सिंह लंगाह पंजाब के एक प्रमुख राजनीतिक नेता और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ सदस्य हैं। वह पंजाब सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। लंगाह का नाम 2017 में उस समय विवादों में आया था। जब उनके खिलाफ एक यौन शोषण का मामला सामने आया। एक महिला ने लंगाह पर यौन शोषण का आरोप लगाया और उनके खिलाफ वीडियो सबूत भी पेश किए। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। आरोपों के बाद, लंगाह ने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया और खुद को निर्दोष बताते हुए न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। हालांकि आरोप लगाने वाली वाली महिला पांच महीने बाद मुकर गई थी। जिससे वह बरी हो गए थे। आठ महीने उन्होंने अकाली दल में वापसी की थ।