मैथिली साहित्य ‘बनारस आ हम” को मिला राष्ट्रीय सम्मान:साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से नवाजा, मधुबनी की नेहा झा मणि ने लिखी है कविता

मधुबनी की बेटी नेहा झा मणि को उनके मैथिली कविता संग्रह ‘बनारस आ हम’ के लिए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025 मिला है। यह कविता संग्रह प्रवासी जीवन, सांस्कृतिक अनुभूतियों और स्त्री चेतना की अभिव्यक्ति है। पुरस्कार की घोषणा के बाद मधुबनी, दरभंगा और बनारस के साहित्यिक समाज में खुशी की लहर है। नेहा ने कहा कि “यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं, बल्कि पूरे मैथिली समाज और स्त्री स्वरों की मान्यता है। यह पुरस्कार मिथिला की उन बेटियों के लिए प्रेरणा है, जो अपनी मातृभाषा और पहचान को संजोए हुए नई ऊंचाइयां छू रही हैं।” बनारस के भेलूपुर निवासी हैं नेहा 28 जून 1991 को मंगरौनी गांव में जन्मीं नेहा वर्तमान में बनारस के भेलूपुर में रहती हैं। वे एक एच.आर. डायरेक्टर हैं। उनके पिता प्रकाश मणि झा और माता नूतन झा हैं। विवाह के बाद वे दरभंगा के मनिकौली गांव की बहू बनीं। नेहा झा मणि की अन्य रचनाएं नेहा की प्रमुख रचनाओं में ‘अंगनामे अकास’ (मैथिली, 2021), ‘झंकृत अहसास’ (हिन्दी, 2021) और ‘बनारस आ हम’ (मैथिली, 2024) शामिल हैं। ‘बनारस आ हम’ में उन्होंने बनारस की सांस्कृतिक चेतना और घाटों की अनुभूतियों को एक प्रवासी मैथिल स्त्री के नजरिए से प्रस्तुत किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *