मधेपुरा में 34.47 करोड़ की लागत से बना 100 बेड का मॉडल अस्पताल भवन अब भी अधूरा है। 16 मई को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसका भव्य उद्घाटन किया था, लेकिन 43 दिन बाद भी यहां ओपीडी सेवा तक शुरू नहीं हो सकी है। इस कारण फिलहाल मरीजों को मॉडल अस्पताल भवन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने उद्घाटन भाषण में कहा था कि भवन में इमरजेंसी, ऑपरेशन थियेटर, एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन, मेडिकल गैस पाइपलाइन जैसी सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 15 जून से मरीजों को ये सेवाएं मिलने लगेंगी। लेकिन मंत्री के वादों को अब 10 दिन बीत चुके हैं, फिर भी अस्पताल में अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है। वास्तविकता यह है कि भवन का निर्माण कार्य अभी तक अधूरा है। न तो लिफ्ट चालू हुई है, न ही जरूरी चिकित्सा उपकरण पूरी तरह इंस्टॉल हो पाए हैं। मरीजों को किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवा इस भवन में नहीं मिल रही है, जिससे लोगों में निराशा है। जानकारों की माने तो जिस गति से काम चल रहा है, ऐसे में काम पूरा होने में दो-तीन महीना और लग सकता है। जल्द से जल्द शिफ्टिंग की तैयारी मधेपुरा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि भवन को टेकओवर करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। अभी भवन पूरी तरह तैयार नहीं है, लेकिन प्रयास जारी है कि जल्द से जल्द शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर अस्पताल शुरू किया जाए। तैयार होने के बाद मिलेगी बेहतर सुविधा स्थानीय लोगों का कहना है कि उद्घाटन से पहले ही जब अस्पताल पूरी तरह तैयार नहीं था, तो आनन-फानन में इसका लोकार्पण क्यों किया गया? अब जब सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो मरीजों को केवल प्रतीक्षा और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मॉडल अस्पताल भवन पूरी तरह तैयार हो जाने से यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद है।