वाराणसी के एक प्राइवेट मेंटल असाइलम यानी पागलखाना में मानसिक विक्षिप्तों को मारने का मामला सामने आया है। इस संबंध में भुक्तभोगी के परिजनों ने एडिशनल सीपी शिवहरी मीणा से मिलकर शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ित आजमगढ़ जनपद के महराजगंज का रहने वाला है। पीड़ित के अनुसार रोजाना सुबह और शाम मेंटल असाइलम खुशहाली में मौजूद 45 बच्चों को चमड़े के पट्टे को भिगोकर मारा जाता था। ऐसे में वाराणसी के दीन दयाल अस्पताल में मेडिकल के लिए भटक रहे मानसिक विक्षिप्त के भाई से दैनिक भास्कर ने बात की तो उन्होंने मेंटल असाइलम का काला चिटठा खोल दिया। पढ़िए रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए मानसिक विक्षिप्त कैसे प्राइवेट मेंटल असाइलम पहुंचा और उसके साथ क्या बर्ताव किया गया… 26 मई को मानसिक अस्पताल में मिला था दलाल
इस संबंध में एडिशनल सीपी को एप्लिकेशन देने वाले चंद्रप्रकाश गुप्ता ने बताया- मेरे पिता भानू गुप्ता; छोटे भाई को पिता जी 26 मई को वाराणसी मानसिक चिकित्सालय लेकर आये थे। यहां डॉक्टर को दिखाने के पहले एक व्यक्ति मिला जिसने मेरे पिता को डरा दिया और कहा कि यहां अच्छा इलाज नहीं होता। ऐसे में उन्हें बहला फुसलाकर चांदमारी रोड के पास सूर्योदय हॉस्पिटल के पास खुशहाल सेवा समिति के कार्यालय पर ले गया था। वहां मनीष सिंह नामक व्यक्ति मिला था। 6 हजार रुपए महीने का होगा खर्च
चंद्रप्रकाश गुप्ता ने बताया- मनीष ने पिता जी को बताया कि आप के बेटे का अच्छा इलाज यहां होगा और आप को महीने का बस 6 हजार रुपए देना होगा। इसपर मेरे पिता जी ने उसे वहां एडमिट करवा दिया गया। जहां से उसे पिसौर स्थित एक मकान में अन्य बच्चों के साथ रखा गया था। एक महीने बाद जब मेरी मौसी सीता देवी भाई से मिलने गई तो उसकी हालत देखकर घबरा गईं। उन्होंने पिता जी को फोन किया तो वो भी आये और बेटे से मिलाने को कहा जिसपर पिता जी को देखते ही भाई रोने लगा और वापस ले चलने की गुहार लगाने लगा। पिता जी और मौसी लेकर आये घर
इसके बाद पिता जी और मौसी उसे किसी तरह वहां से लेकर मौसी के घर गए। वहां जब राजन नहाने लगा तो उसके शरीर पर चोट के निशान दिखाई दिए जिसके बाद हमने एडिशनल सीपी से मुलाकात कर शिकायत की है। जिसके बाद उन्होंने जांच कर कार्रवाई की बात कही है। अब जानिए मानसिक चिकित्सालय में दलालों को लेकर निदेशक ने क्या कहा… हम समय-समय पर करते हैं चेकिंग
वाराणसी के मानसिक अस्पताल के डॉ चंद्र प्रकाश मल्ल ने बताया- हम शासन की गाइडलाइन के अनुरूप लगातार होमगार्ड को लेकर सर्च अभियान चलाते हैं। ऐसे में कोई संदिग्ध अगर नजर में आता है तो उसे पकड़कर हम बाहर निकालते हैं। उसपर नजर रखी जाती है। नियमित रहने पर होगी कार्रवाई
वहीं इस दलालों पर वैधानिक कार्रवाई की बात पूछी गयी तो डॉ चंद्र प्रकाश मल्ल ने कहा- यदि कोई नियमित रूप से आएगा तो उसके ऊपर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी और हम लगातार ऐसे लोगों को सर्च करते रहते हैं।