भास्कर न्यूज। लुधियाना। एक समय था जब हुला हूपिंग को सिर्फ बच्चों का खेल माना जाता था, लेकिन आज यह एक सीरियस वर्कआउट फॉर्म बन चुका है। प्लास्टिक की एक साधारण-सी दिखने वाली रिंग शरीर को फिट रखने, पेट की चर्बी कम करने और दिमाग को रिलैक्स करने में बेहद असरदार है। फिटनेस एक्सपर्ट के मुताबिक इसे रोजाना 15-20 मिनट तक करना न केवल शरीर को शेप में लाता है, बल्कि मूड को भी बेहतर करता है। हुला हूप एक रिंग होती है जिसे कमर पर घुमाया जाता है। यह प्लास्टिक, बांस या कभी-कभी मेटल की बनी होती है। इसे घुमाने के लिए शरीर की मूवमेंट और बैलेंस का अच्छा तालमेल चाहिए होता है। जैसे-जैसे आप इसमें अभ्यास करते जाते हैं, यह वर्कआउट आसान लगता है और शरीर में लचीलापन, ताकत और कोर्डिनेशन आने लगता है। हुला हूपिंग न सिर्फ शरीर को फिट रखने का एक मजेदार तरीका है, बल्कि यह मानसिक शांति भी देता है। अगर आप जिम नहीं जा सकते, तो रोजाना 15 मिनट हुला हूप घुमाइए और खुद फर्क महसूस कीजिए। तन और मन दोनों खुश रहेंगे और वो भी एक प्लास्टिक की रिंग की मदद से। हुला हूप सिर्फ युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बच्चों के मोटापा कंट्रोल करने और बुजुर्गों के जोड़ों को लचीला बनाए रखने के लिए भी असरदार है। यह एक फन एक्टिविटी के साथ-साथ स्वास्थ्य सुधारने का आसान जरिया है। {पेट और कमर की चर्बी घटाए : हुला हूपिंग करते समय कमर, पेट और हिप्स की अच्छी खासी मुवमेंट होती है, जिससे इन हिस्सों की चर्बी तेजी से कम होती है। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बेली फैट से परेशान हैं। {कोर मसल्स मजबूत करती है : इस एक्टिविटी में शरीर का पूरा फोकस कोर एरिया (पेट, पीठ और कमर के आसपास) पर होता है। इससे बैलेंस और स्टेबिलिटी बढ़ती है और स्पाइन भी मजबूत होती है। {कार्डियो एक्सरसाइज का असर देती है : हुला हूपिंग को 15 से 30 मिनट तक करने से हार्ट रेट बढ़ता है और यह कार्डियो एक्सरसाइज की तरह शरीर को एक्टिव करता है। इससे कैलोरी बर्न होती है और वजन भी कम होता है। {स्ट्रेस रिलीफ में मददगार : जब आप हुला हूप करते हैं, तो शरीर के साथ-साथ दिमाग भी फोकस करता है। इससे दिमागी तनाव दूर होता है और मूड फ्रेश होता है। इसे नियमित करने से एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षणों में भी राहत मिल सकती है। {बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाता है : हुला हूपिंग से शरीर में लचीलापन आता है, खासतौर पर कमर और हिप्स में। यह महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान होने वाले मांसपेशियों के तनाव को भी कम कर सकता है।