हरियाणा सरकार 8 हजार घर गिराएगी:9 दिन में खाली करने का नोटिस थमाया; लोग बोले- 50 साल से रह रहे, कैसे छोड़ दें

हरियाणा के फरीदाबाद में सरकार ने एलिवेटेड फ्लाईओवर के लिए 8 हजार मकानों को खाली कराकर गिराने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बाकायदा पुनर्वास विभाग की तरफ से इन मकानों में रहने वालों को नोटिस भेज दिया गया है। इस नोटिस में लोगों को 10 जुलाई तक का ही समय दिया गया है। उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा में मकान खाली नहीं किया गया तो 10 जुलाई के बाद विभाग स्वयं कब्जा खाली करा लेगा। उधर, नोटिस मिलने के बाद से इन 8 हजार मकानों में बसे लोगों को छत छिनने का डर सताने लगा है। उनका कहना है कि वे पिछले करीब 50 साल से यहां रह रहे हैं। चुनाव में वोट भी करते हैं, अगर सरकार घर छीन लेगी तो वे कहां जाएंगे? उधर, बड़खल से विधायक धनेश अदलखा ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। सरकार सबके साथ है। पहले जानिए सरकार की ओर से जारी नोटिस की 3 अहम बातें… नोटिस मिलने के बाद लोगों ने क्या-क्या कहा… 50 से ज्यादा साल हो गए यहां रहते हुए
नेहरू कॉलोनी में रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि पिछले करीब 50 सालों से उनका परिवार यहां पर रह रहा है। प्रशासन ने उनको यहां पर बिजली कनेक्शन दिया, पानी के लिए सरकारी ट्यूबवेल लगाया। उनका राशन कार्ड भी बनाया गया है। वो अपने घर का टैक्स तक भर रहे हैं। प्रशासन को अगर उनके घर तोड़ने ही थे तो उस समय उनको बसने क्यों दिया गया? यदि सरकार ने घर छीन लिया तो कहां जाएंगे
60 साल की सुमित्रा देवी ने बताया कि पिछले 22 सालों से वह यहां रह रही है। उनके बच्चों की शादी यहीं पर हुई है। उनका पूरा परिवार यहीं रहता है। आज से 20-22 साल पहले भी मकान को खाली करने की बात कही गई थी, लेकिन उस समय नोटिस नहीं लगा था, लेकिन अब नोटिस लगने के बाद उनको कुछ समझ नहीं आ रहा है। यदि सरकार ने घर छीन लिया तो हम कहां जाएंगे। दूसरी जगह मिलेगी तो ही मकान छोड़ेंगे
राम सिंह ने बताया कि उसकी उम्र 46 साल के करीब है। साल 1994 से वो यहां पर मकान बनाकर रह रहा है। प्रशासन ने अचानक से उनके घर को खाली करने का नोटिस लगा दिया है। कई हजार परिवार यहां पर रहते हैं, लेकिन आज तक किसी को कोई परेशानी नहीं थी। उनका कहना है कि तो सरकार उनको रहने के लिए कोई दूसरी जगह दे, तभी वो मकान को छोड़कर यहां से जाएंगे। किसी का आशियाना छिन जाए, यह कहां का न्याय
शिवराम ने बताया कि वो साल 1980 में यूपी से आकर यहां पर बसे थे। तब से आज कर किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। मगर, अब उनके घर को खाली करने की बात कही जा रही है। उनके सभी कागजात यहीं के बने हुए हैं। ऐसे एकदम से अपने घर को खाली करके कैसे जा सकते हैं। मानते हैं कि विकास जरूरी है, लेकिन किसी का आशियाना छिन जाए, यह कहां का न्याय है। सभी कागजात पास में, फिर अवैध कैसे
ज्ञान सिंह ने बताया कि साल 1994 से पहले से ही उनका परिवार यहां पर बसा था, उसके पास 1977 का वोटर कार्ड भी मौजूद है। वो नगर निगम में हाउस टैक्स भरते आ रहे हैं। बिजली का बिल देते आ रहे हैं, उनका आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड इन्हीं मकानों के पते पर बना हुआ है। उनके हर कागजात में यहीं का पता है। अगर उनके मकान अवैध हैं तो प्रशासन उनसे टैक्स क्यों ले रहा है। वकील बोले- गलत तरीके से बसे तो हक नहीं मिलेगा
फरीदाबाद बार के पूर्व प्रधान और वरिष्ठ वकील एल एन पाराशर ने इस मामले में अपनी राय देते हुए बताया कि अगर कोई गलत तरीके से सरकारी जमीन पर बसा है तो उसे जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल सकता। नेहरू कॉलोनी के लोगों के पास अगर जमीन से जुड़े कागज या फिर अन्य कागजात जैसे राशन कार्ड, वोटर कार्ड , आधार कार्ड हैं तो वह कोर्ट में पक्ष रखकर कब्जा दिलाने की मांग कर सकते हैं। तहसीलदार बोले- उच्च अधिकारियों के पास मामला
पुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों को इस मामले की जानकारी है। उनके आदेश तक के लिए किसी प्रकार की कोई तोड़फोड़ अभी नहीं की जा रही है। सरकार के पास भी पूरे मामले की जानकारी है। इन कब्जाधारियों को पहले मौखिक रूप से कई बार चेताया जा चुका था, लेकिन किसी प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। —————
कब्जे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में पूरा गांव खाली करने के आदेश:ASI ने नोटिस भेजा, उसे देख घबराहट में महिला की हार्ट अटैक से मौत; माहौल तनावपूर्ण हरियाणा में कैथल के एक गांव को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने ग्रामीणों को कोर्ट का नोटिस भेजा है और कहा है कि जल्द से जल्द गांव खाली कर दो। इससे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। ASI इस गांव में खोदाई करना चाहता है। इसके आसपास पहले भी कई बार खोदाई हो चुकी है। अब ASI को वहां खोदाई करनी है, जहां घर बने हैं। (पूरी खबर पढ़ें)

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