हरियाणा सरकार ने गौशालाओं को लेकर स्पेशल प्लानिंग करनी शुरू कर दी है। सूबे की सभी गौशालाओं पर इस प्लानिंग के तहत नजर रखेगी। हर गोवंश का इन और आउट का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसके लिए 680 गौशालाओं के मुख्य गेट पर मैटर डिटेक्टर जैसी तकनीक की मशीनें लगाई जाएंगी, जो हर गोवंश के आने जाने का डेटा रिकॉर्ड करेगी। सरकार के इस फैसले के पीछे की 4 बड़ी वजहें बताई जा रही हैं। सीएम नायब सिंह सैनी के द्वारा इस प्लानिंग की मंजूरी दी जा चुकी है। पशुपालन विभाग के डीजी डॉ. प्रेम ने बताया कि जल्द ही इस प्लानिंग पर ग्राउंड में काम शुरू कर दिया जाएगा। यहां पढ़िए सरकार की प्लानिंग की 4 वजहें… 1. हर गोवंश का सही डेटा होगा हरियाणा में सभी 22 जिलों में 680 गौशालाएं पंजीकृत हैं। इन गौशालाओं में करीब 4 लाख 3 हजार गोवंश हैं। सरकार अपनी नई प्लानिंग के जरिए सूबे में गोवंश की सही गिनती के लिए सही डेटा इकट्ठा करना चाहती है। सही नंबर होने पर सरकार इनके उत्थान के लिए नई योजनाओं पर काम कर सकेगी। 2. रोड एक्सीडेंट में कमी आएगी हरियाणा सरकार की इस प्लानिंग की दूसरी वजह यह है कि गेट पर लगी मशीन से सरकार के पास हर आने जाने वाले इन और आउट का डेटा रहेगा। इससे ये पता चलेगा कि गौशाला से कितने गोवंश बाहर गए हैं और कितने सड़क पर बेसहारा घूम रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में हर रोज लगभग 50 हादसे गोवंश के कारण होते हैं और हर महीने कम से कम 10 लोगों की मौत हो जाती है। पिछले 2.5 वर्षों में बेसहारा गायों के कारण 300 लोगों की मौत की बात कही गई है। सरकार इन सड़क हादसों पर अंकुश लगाना चाहती है। 3. सड़कों पर नहीं दिखेंगे गोवंश जब सरकार के पास ये डेटा होगा कि गौशाला से अभी कितने गोवंश बाहर हैं तो उन्हें वापस गौशाला पहुंचाने के प्रबंध किए जाएंगे। इसके लिए जिले के डीसी के साथ ही जिला पशु चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके लिए पशुपालन विभाग के दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों की विशेष ड्यूटी तय की जाएगी। 4. चारा डाइट में नहीं हो पाएगी गड़बड़ी हरियाणा अभी गौशालाओं में रहने वाले गोवंश के लिए हर रोज डाइट के लिए आर्थिक मदद देती है। अभी गौशालाओं को प्रति गाय 20 रुपए प्रतिदिन, नंदी के लिए 25 रुपए प्रतिदिन और बछड़ा या बछड़ी के लिए 10 रुपए प्रतिदिन चारे के लिए सब्सिडी के रूप में दे रही है। इस डाइट में कुछ गड़बड़ी होने की शिकायतें सरकार के पास पहुंच रही हैं। पता चला है कि कुछ गौशाला संचालक गोवंश को सड़कों पर बेसहारा छोड़ देते हैं, इसके बाद भी वह डाइट सब्सिडी ले रहे हैं। सरकार गौशाला में ही रहने वाले गोवंश के लिए सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। अब यहां पढ़िए इस साल सरकार गौशालाओं के लिए क्या कर रही है… 1. ई-रिक्शा देने की तैयारी: हरियाणा में पंजीकृत 1000 तक पशुओं वाली सभी गौशालाओं को एक-एक तथा 1000 से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को 2-2 ई-रिक्शा देने का निर्णय लिया है। हरियाणा गोसेवा आयोग द्वारा ई-रिक्शा का प्रबंध किया जाएगा। 2. गौशालाओं में बन रहे 51 नए शेड: इसके अलावा हरियाणा सरकार ने सूबे की पंजीकृत गौशालाओं में 51 नए शेड बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए का अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है, जल्द ही इसका काम पूरा हो जाएगा। 3. तीन नए गौ अभ्यारण्य बनेंगे: हरियाणा की सड़कों को गोवंश मुक्त करने तथा बेसहारा गोवंश के आश्रय के लिए राज्य के हर जिले में एक-एक गौ-अभ्यारण्य स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में अभी तक ऐसे तीन गौ-अभ्यारण्य चल रहे हैं।