हरियाणा के जींद में शनिवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान मुकेश राणा का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, परिवार फूट-फूट कर रो पड़ा। सबसे ज्यादा भावुक पल तब आया जब उनके बड़े बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी। मुकेश राणा का निधन पंजाब के मोहाली में देर रात हुआ था। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से पैतृक गांव किनाना लाया गया, जहां अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कुछ दिन पहले ही मुकेश ने मां से फोन पर बात कर कहा था— रक्षा बंधन पर आऊंगा, और तेरे घुटने का ऑपरेशन करवाऊंगा। लेकिन अब वही बेटा तिरंगे में लिपटा लौट आया। 32 वर्षीय मुकेश राणा साल 2017 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। फिलहाल वह पंचकूला के पिंजौर में पोस्टेड थे। पत्नी और बच्चे भी उनके साथ ही रहते थे। करीब एक साल पहले वे गांव आए थे। 22 जून को पैरालिसिस अटैक पड़ा
22 जून को अचानक से मुकेश राणा को पैरालिसिस अटैक आ गया। इसके बाद सिर की नस फट गई। इसके बाद उन्हें मोहाली के CRPF अस्पताल में ICU में भर्ती करवाया गया। 22 जून के बाद से ही वो लगातार वेंटिलेटर पर चल रहे थे। उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार देर रात को अस्पताल में मुकेश ने अंतिम सांस ली। सुबह उनका पार्थिव शरीर पहले आर्मी कैंट और फिर गांव में लाया गया। इस दौरान CRPF के अधिकारी के अलावा डीएसपी जितेंद्र राणा, जींद सदर थाना, जुलाना पुलिस भी पहुंची। CRPF के अधिकारी ने मुकेश के बड़े भाई को तिरंगा सौंपा। 8 साल पहले CRPF में भर्ती हुए थे मुकेश
मुकेश के पिता जयपाल राणा ने बताया कि मुकेश ने 12वीं के बाद पॉलिटेक्निक की। इसके बाद वह CRPF में भर्ती हुए। पिंजौर में ट्रेनिंग के बाद उनकी ड्यूटी मध्य प्रदेश में लगी। इसके बाद उनका ट्रांसफर दिल्ली हुआ। दिल्ली से उन्हें पिंजौर भेजा गया। पत्नी अंबाला डाक विभाग में क्लर्क
उनकी पत्नी शीतल अंबाला डाक विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात हैं। मुकेश के 2 बेटे हैं, जिनमें बड़ा बेटा 9 और छोटा 4 साल का है। उनके बड़े भाई राकेश दिल्ली पुलिस में तैनात है। गांव के सरपंच राजकुमार आर्य ने बताया कि मुकेश मिलनसार व्यक्ति थे। वह जब भी गांव आते थे तो बड़े बुजुर्गों से जरूर मुलाकात करते थे।