हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बीती रात में तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आज बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी कर रखा है। यह चेतावनी कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला में दी गई है। इन जिलों में आज दोपहर तक और देर रात दो से स्पेल भारी बारिश के हो सकते हैं। प्रदेश के 7 जिले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, शिमला, सोलन और कुल्लू में आज ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी है। इन जिलों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है। इनमें भारी बारिश के बाद जल भराव, लैंडस्लाइड, बाढ़, पेड़ गिरने की घटनाएं पेश आ सकती है। ऐसे में सावधानी जरूरी है। मौसम विज्ञानी संदीप शर्मा ने बताया कि आज दोपहर बाद तक भारी बारिश हो सकती है। एक स्पेल लेट लाइट हैवी रेन का हो सकता है। मौसम विभाग ने अगले कल लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी है। परसों यानी 8 जुलाई को भी 4 जिले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में यलो अलर्ट दिया गया है। प्रदेश में 9 जुलाई को वेस्टर्न डिस्टरबेंस थोड़ा कमजोर पड़ेगा। इस दिन सभी जिलों में यलो अलर्ट दिया गया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी जिलों में DC द्वारा लोगों से सुरक्षित स्थान पर रहने और सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। मानसून सीजन में 74 लोगों की मौत हिमाचल में मानसून सीजन (20 जून से 5 जुलाई के बीच) के दौरान अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 1 की लैंडस्लाइड, 8 की फ्लैश फ्लड, 14 की बादल फटने, 8 की पानी में डूबने, 1 की आग, 2 की स्नेक बाइट, 4 की बिजली करंट लगने, 6 की ऊंचाई वाले स्थान से गिरने तथा 3 की अन्य कारणों से मौत हुई है। इस अवधि में 27 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है। प्रदेश में 37 लोग लापता है। मंडी जिला में एक ही रात में 15 जगह बादल फटा प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिला में हुई। मंडी के सराज, धर्मपुर, नाचन और करसोग विधानसभा में एक ही रात में 15 जगह बादल फटे। इनमें 10 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं अकेले सराज विधानसभा में पेश आई। इससे सराज की 20 हजार से ज्यादा की जनता प्रभावित बताई जा रही है। किसी का घर टूट गया, किसी के पशु बाढ़ में बह गए, किसी की खेती वाली जमीन बह गई, कइयों के सेब बगीचे बह गए। बहुत से परिवार ऐसे हैं, जिनके अपने हमेशा हमेशा के लिए बिछड़ गए हैं। अब तक 14 की मौत, 32 लापता 30 जून की रात की त्रासदी में अब तक 14 लोगों के शव बरामद हो गए है, 32 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इनकी तलाश में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। भारतीय सेना भी इस कार्य में जुट गई है। भारतीय सेना राहत एवं बचाव के अलावा राशन भी घर घर पहुंचाने में जुट गई है, क्योंकि सड़कें व रास्ते बह जाने से प्रभावित लोगों तक राशन पहुंचाना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।