महेंद्रगढ़ में नगर पालिका आवारा गोवंश को पकड़वा गोशाला भिजवाएगी:इन्हें पकड़वाने के लिए करीब 4 लाख रुपए खर्च करेगी, लोगों को मिलेगी राहत

हरियाणा के महेंद्रगढ़ में अब लोगों को आवारा बेसहारा गोवंश से छुटकारा मिलेगा। क्योंकि नगर पालिका ने अब लाखों रुपए का वर्क आर्डर जारी कर दिया है। एजेंसी बहुत जल्द कार्य शुरू कर रही है। महेंद्रगढ़ शहर की सड़कों पर अब आवारा बेसहारा गोवंश दिखाई नहीं देगा। क्योंकि नगर पालिका द्वारा इन्हें पकड़वाकर शहर की गोशालाओं में छुड़वाया जाएगा। इसके लिए टेंडर ओपन कर वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। गोवंश पकड़ने का कार्य जल्द शुरू होगा। शहर के मोदाश्रम समिति के कोषाध्यक्ष मास्टर अशोक कुमार, नगर पालिका के पूर्व पार्षद कृष्ण शर्मा व एक छोटी बच्ची दक्षमी ने बताया कि आए दिन सड़कों पर आवारा घूमने वाले गोवंश के कारण हादसे हो रहे हैं। लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ रही है। शहर के लोग काफी समय से उनको पकड़वाकर गोशालाओं में छोड़ने की मांग नगर पालिका से करते आ रहे थे। मोहल्ला सलीमाबाद निवासी दिनेश ने गोशाला प्रबंधकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, यहां जो गोवंश घूम रहा है। अगर गोशाला प्रबंधक चाहे तो इनको गोशालाओं में रख सकते हैं। लेकिन वे केवल चंदा लेते हैं और गोवंश की तरफ कोई ध्यान नहीं जाता। उनको चाहिए कि वह चंदा के साथ-साथ गोवंश को भी गोशालाओं में रखें। जिससे यह बाहर लोगों को हानि ने पहुंच सके। शहर के लोग इन आवारा गोवंशों से परेशान हैं चाहे बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं इनके पास से गुजरते हुए डर लगता है। इन गोवंश में कुछ हिंसक भी हैं जो लोगों को चलते-फिरते घायल कर देते हैं। इतना ही नहीं ऐसी हिंसक गोवंश आए दिन सड़कों पर लड़ने झगड़ते देखे जा सकते हैं। जिनकी चपेट में आकर लोग घायल हो जाते हैं। दो-तीन लोग इनकी चपेट में आने से उनकी मौत हो चुकी है। कुछ लोग अभी भी बेड रेस्ट पर चल रहे हैं। नगर पालिका चेयरमैन रमेश सैनी ने बताया कि शहर में करीब 500 के लगभग आवारा गोवंश है। जो सड़कों, गलियों, मोहल्लों, बस स्टैंड रेलवे स्टेशन, शॉपिंग कंपलेक्स व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर घूमते हैं। उनको पकड़वाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में आवारा गोवंश को पकड़ने का टेंडर लगाया जा चुका था। जिसे ओपन कर अब वर्क आर्डर जारी कर दिया है। इनको पकड़ने के लिए नगर पालिका करीब चार लाख रुपए खर्च करेगी। ठेकेदार द्वारा शहर में घूमते गोवंशो को पकड़ कर शहर की गोशालाओं में बंटकर भेजा जाएगा। इसके लिए गोशाला प्रबंधक से बातचीत की जा चुकी है। गोशालाओं को पहले ही जमीन दी जा चुकी है। पहचान के लिए गोवंश की टेकिंग भी की जाएगी।

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