रोहतक रेप केस में पुलिस अफसर का बेटा बरी:DNA-एफएसएल रिपोर्ट का मिलान नहीं हुआ, 21 महीने बाद होगा जेल से रिहा

रोहतक में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल की अदालत ने महिला से रेप के आरोपी पुलिस अधिकारी के बेटे को बरी कर दिया। महिला द्वारा लगाए गए रेप के आरोप अदालत में साबित नहीं हो पाए। साथ ही एफएसएल रिपोर्ट और डीएनए भी मैच नहीं हुए। ऐसे में करीब पौने 2 साल जेल में रहने के बाद अदालत ने आरोपी युवक को बरी कर दिया। 6 अप्रैल 2023 को एक महिला ने बसंत विहार निवासी नवनीत उर्फ ​​नीतू के खिलाफ महिला थाने में रेप का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। महिला ने बताया कि उसकी शादी सोनीपत जिले के एक गांव निवासी व्यक्ति से हुई थी। शादी के बाद एक बेटा पैदा हुआ, लेकिन पिछले 5 साल से पति से अनबन चल रही थी। इसके चलते वह रोहतक में अपने मायके में रह रही थी। महिला ने बताया कि 28 अगस्त 2020 को उसके पति का दोस्त नवनीत जो मूल रूप से सोनीपत जिले के भैंसवाल गांव का रहने वाला है और फिलहाल बसंत विहार में रह रहा है, उसके घर आया। वह घर पर अकेली थी। वह अपने साथ जूस लेकर आया। उसने जूस के गिलास में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया, जिसे पीने के बाद वह बेहोश हो गई। इस दौरान नवनीत ने उसके साथ गलत काम किया। रेप का वीडियो बनाने का लगाया आरोप
महिला ने बताया कि जब उसने रेप के बारे में अपनी मां को बताने की बात कही तो नवनीत ने उसे धमकी दी कि इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो बना ली है और इसे सार्वजनिक कर देगा। साथ ही इंटरनेट पर भी लीक कर दी जाएगी। उसके लड़के को भी जान से मार देगा। नवनीत ने उसके साथ शादी का भी झांसा दिया। सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गया नवनीत
महिला ने आरोप लगाया कि 4 अप्रैल 2023 को नवनीत उसे अपनी बाइक पर रामगोपाल कॉलोनी की गली से अपने पिता के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सुनारिया स्थित सरकारी क्वार्टर में लेकर गया, जहां फिर जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ अश्लील हरकत की और पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। बाद में उसे रोहतक में सेक्टर-4 की पुलिया के पास छोड़कर चला गया। कोरे कागज पर करवाए हस्ताक्षर
महिला ने आरोप लगाया कि नवनीत ने उससे एक कोरे कागज पर उससे हस्ताक्षर करा लिए और बाद में उसे ज्ञात हुआ कि लिव इन रिलेशनशिप में झूठे कागजात भी बना लिए। उसने जब शादी की बात की तो वह आनाकानी करने लगा। महिला की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। 27 सितंबर को नवनीत किया गिरफ्तार
नवनीत के वकील ओपी चुघ ने बताया कि केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी न होने पर कोर्ट ने पहले 29 अप्रैल और फिर 29 मई को नवनीत नीटू के गिरफ्तारी वारंट जारी किए। कोर्ट के आदेश पर 29 जुलाई को विज्ञापन जारी करवाए और 16 सितंबर को आरोपी के रिहायशी मकान व सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन चिपकाए। 27 सितंबर को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। पौने 2 साल बाद नवनीत हुआ रिहा
वकील ओपी चुघ ने बताया कि कोर्ट में सभी सबूत पेश किए। वहीं एफएसएल रिपोर्ट और डीएनए भी मैच नहीं हुआ। आरोप लगाने वाली महिला रेप का आरोप कोर्ट में साबित नहीं कर पाई। हर प्रकार के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही एडिशनल सेशन जज संदीप दुग्गल ने शनिवार को नवनीत नीटू को रेप के आरोपों से बरी कर दिया। रेप के मामले की वजह से नवनीत को बेवजह करीब पौने 2 साल तक जेल में रहना पड़ा।

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