इटावा से दुखद खबर है। यहां एक घंटे के अंदर दो सगे भाई की मौत हो गई। छोटा भाई नहर में डूब गया। हादसे की खबर सुनकर बड़ा भाई ट्रेन से घर लौट रहा था। रास्ते में ट्रेन से गिरकर उसकी भी मौत हो गई। एक दिन में दो मौत से परिवार टूट गया। 8 साल पहले पिता की कैंसर से मौत हो चुकी है। अब दो बेटों की मौत से मां बेसुध हो गई है। वह बार-बार बेहोश हो जा रही है। घर की महिलाएं उसे संभाल रही हैं। पूरा मामला जसवंत नगर के निगोही गांव का है। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला पिता यूपी पुलिस में थे, लखनऊ में तैनाती के वक्त कैंसर से जान गई
निगोही गांव में राम प्रकाश का परिवार रहता था। राम प्रकाश यूपी पुलिस में थे। 2017 में उनकी तैनाती लखनऊ में थी। तभी उन्हें कैंसर का पता चला। बाद में उनकी मौत हो गई। घर में उनकी पत्नी बालापति देवी बच्चों के साथ रहती हैं। उनके सात बेटे राजीव (35), रणजीत (32), संजीव (30) इंद्रजीत (28), सत्यवीर (25), जयवीर (22) और विकास (20) थे। सत्यवीर गंग नहर में डूब गया
बड़े भाई राजीव ने बताया, सत्यवीर गांव के ही कुछ दोस्तों के साथ रविवार दोपहर तीन बजे घर से तीन किलोमीटर दूर भोगनीपुर गंग नहर में नहाने गया था। तभी वह गहरे पानी में चला गया। वह पानी में बह गया। उसके दोस्त शाम 5 बजे भागते हुए घर आए। हम लोगों को जानकारी दी। हम तुरंत भागकर मौके पर पहुंचे। पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस ने गोताखोरों से सत्यवीर की तलाश कराई। लेकिन भाई का कहीं पता नहीं चला। आज सोमवार को गोताखोरों की टीम ने नहर में फिर से तलाशी शुरू की। काफी खोजबीन के बाद सुबह 11 बजे घटना स्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर जगसौरा गांव के पास नहर में सत्यवीर का शव मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। हरदोई में इंद्रजीत की ट्रेन से गिरकर मौत
राजीव ने बताया, भाइयों में चौथे नंबर पर इंद्रजीत है। वह हरदोई थाने में रसोइया था। सत्यवीर के नहर में डूबने की जानकारी उसे फोन पर दी गई थी। वह रविवार की शाम घर आ रहा था। ट्रेन में बैठ गया था। लेकिन संडीला रेलवे स्टेशन पर गिर गया और ट्रेन की चपेट में आ गया। मैके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे की जानकारी हमें जीआरपी पुलिस ने इंद्रजीत के मोबाइल से ही फोन करके दी। एक ही दिन दो भाइयों की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है। जानकारी सुनते ही मां बेहोश हो गई। पिता की जगह मिली थी इंद्रजीत को नौकरी
राजीव ने बताया, ड्यूटी पर रहते पिता की मौत हुई थी। इसलिए उनकी जगह मेरे भाई इंद्रजीत को नौकरी मिली थी। इंद्रजीत 4 चौथे नंबर का भाई था, जबकि सत्यवीर पांचवें नंबर पर था। तीसरे नंबर का भाई संजीव घर से चला गया और लापता हो गया था। आब सात भाइयों में सिर्फ चार भाई बचे हैं। मैं, राजीव, जयवीर, और विकास। सिर्फ इंद्रजीत ही नौकरी करता था। बाकी भाई हम सब मेहनत मजदूरी करते थे। मां बालापति को जब होश आता है तो वह चीखने लगती हैं। कहती हैं, मेरे सामने मेरे जवान बेटों को मौत हो गई। मैं दोनों बेटों की धूम धाम से शादी करना चाहती थी। सारे सपने टूट गए। एक ही दिन में परिवार बिखर गया। …………………………….. ये खबर भी पढ़ें… कानपुर में मां और वकील बेटे की मौत, कंटेनर की टक्कर से 20 फीट उछलकर गिरे; 5km उल्टी दिशा में भगाया कानपुर में बेकाबू कंटेनर ने बाइक सवार वकील और उनकी मां को टक्कर मारी दी। दोनों 20 फीट उछलकर सड़क पर गिर पड़े। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा कंटेनर ने कार और एक अन्य बाइक को भी टक्कर मारी। बाइक सवार दो लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोमवार सुबह चालक ने प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर 5 किमी तक कंटेनर को रॉन्ग साइड में दौड़ाया। कंटेनर में तीन सवारियां बैठी थीं। तीनों बचाओ-बचाओ चिल्लाते रहे। दो सवारियां चलती कंटेनर से कूद गईं। पढ़ें पूरी खबर…