प्रवीण पर्व | जालंधर हरियाली के सेवा की यह कहानी अनूठी है। इसकी सूत्रधार बर्ल्टन पार्क वेलफेयर सोसायटी बनी है। 55 एकड़ में फैले इस पार्क में अर्जुन शाल, आंवला, कड़ी पत्ता, बेलपत्र, पीपल समेत लगे करीब पांच हजार पेड़-पौधे बचाने के लिए सोसायटी ने पहले करीब 12 वर्षों तक पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका लड़ी। इसके साथ ही चार एकड़ जमीन पर पार्क को नया जीवन देकर ‘लईयर वैली’ बनाई। अब सोसायटी हर महीने पौधों की देखभाल पर करीब 30 हजार रुपए खुद से खर्च करती है। किसी विधायक, मंत्री से पैसा नहीं लिया जाता। सोसायटी के पदाधिकारियों में कोई सरकारी विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी है तो कोई व्यापारी। ये सभी हरियाली की सेवा में जुटे हुए हैं। बर्लटर्न पार्क वेलफेयर सोसायटी के प्रधान इंद्रजीत मरवाहा, सचिव हरीश शर्मा, सुरिंदर शारदा पैटर्न व अन्य। बर्ल्टन पार्क की हरियाली। सोसायटी के प्रधान इंदरजीत मरवाहा कहते हैं कि वर्तमान में पार्क में 6 माली हैं। बिजली, पानी, सफाई, शेड, फुटपाथों आदि की मेंटेनेंस होती है। यह सबकुछ सोसायटी अपने खर्चे पर करवाती है। सोसायटी के सचिव हरीष शर्मा ने बताया कि बर्लटर्न पार्क के सारे रकबे में 5000 के करीब पेड़-पौधे हैं। सोसायटी लईयर वैली की देखरेख 2004 से कर रही है। ये सफर 21 वर्षों से जारी है। देखरेख में बुजुर्ग अहम भूमिका निभा रहे हैं। लईयर वैली में स्कूलों में छुट्टियों के सीजन में बच्चों की रौनक शीर्ष पर पहुंच जाती है। सोसायटी के मैंबरों में दिनेश डोगरा, सुरिंदर शारदा, नरेश भाटिया सहित तमाम चेहरे शामिल हैं जो प्रेरणा बने।