अमृतसर मेयर चुनाव याचिका 25 जुलाई तक टली:नगर निगम का कामकाज भी ठप; अभी तक 2 विभाग की कमेटी का हुआ गठन

अमृतसर नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के चुनाव में हुई कथित धक्केशाही को लेकर दायर की गई याचिका पर आज मंगलवार पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। कांग्रेस पार्षद विकास सोनी द्वारा 28 जनवरी 2025 को दाखिल इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) के पास बहुमत न होते हुए भी दबाव और धक्केशाही से पार्षदों को निगम पदों पर चुन लिया गया। आज हाई कोर्ट की डबल बेंच में केस लगना था, लेकिन न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति सुखविंदर कौर की अदालत में तकनीकी कारणों से सुनवाई टल गई। अब अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। निगम में ठप पड़ा काम, सिर्फ एक बार हुई जनरल हाउस मीटिंग AAP नेता जितेंद्र सिंह मोती भाटिया 27 जनवरी 2025 को मेयर बने थे। उनके मेयर बनने के बाद से अब तक केवल एक बार 29 मार्च को नगर निगम की जनरल हाउस मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में मोती भाटिया को निगम के विभागों की जिम्मेदारी देने और वित्त एवं ठेका कमेटी गठित करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि वित्त एवं ठेका कमेटी की अब तक एक भी बैठक नहीं हुई। वहीं, तर्स के आधार पर नौकरियां देने वाली कमेटी ने कार्य शुरू कर दिया है। प्रस्ताव नहीं पहुंचे एजेंडा ब्रांच तक नगर निगम अधिकारियों द्वारा विभिन्न विभागों से संबंधित प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, परंतु अभी तक एक भी प्रस्ताव एजेंडा ब्रांच को नहीं भेजा गया। इससे निगम का नियमित प्रशासनिक और विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। अभी और भी कमेटियां गठित होनी बाकी अब तक केवल दो कमेटियों का गठन हुआ है, जबकि एमटीपी, लैंड, हाउस टैक्स, ओ एंड एम समेत कई अहम विभागों की सब-कमेटियां अभी गठित नहीं की गई हैं। इन विभागों से संबंधित समस्याएं लेकर नागरिक और पार्षद किसी विशेष समिति से संपर्क भी नहीं कर पा रहे।

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