आगरा धर्मांतरण का मास्टरमाइंड दिल्ली से अरेस्ट:हिंदू से ईसाई और फिर मुस्लिम बना अब्दुल रहमान; यूट्यूब के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाता

आगरा पुलिस ने धर्मांतरण गैंग के मुख्य सरगना को अरेस्ट कर लिया है। वह दिल्ली से पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि धर्मांतरण गैंग का मुख्य कर्ताधर्ता अब्दुल रहमान है। वह फिरोजाबाद का रहने वाला है। उसका असली नाम महेंद्र पाल है। 1990 में धर्म परिवर्तन कर अब्दुल रहमान बन गया। पुलिस ने हरियाणा के रोहतक निवासी एक लड़की को भी अब्दुल रहमान के पास से बरामद किया है। उसका भी धर्मांतरण कराया गया है। धर्म परिवर्तन की कई किताबें अब्दुल रहमान के पास से बरामद हुई हैं। धर्म परिवर्तन करने का तरीका, उसके रूल की किताबें भी उसके पास से मिली हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने 6 राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें अब्दुल रहमान कुरैशी मुख्य सरगना है. जांच में पता चला कि रहमान का गैंग सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण करा चुका है. आगरा पुलिस को अब्दुल रहमान के मुस्तफाबाद स्थित घर से धर्मांतरण से जुड़ी बड़ी संख्या में किताबें मिलीं, जो मौलाना कलीम सिद्दीकी ने लिखी थीं, लेकिन बांटता रहमान था. पकड़ा गया अब्दुल रहमान खुद कन्वर्टेड मुस्लिम है. साल 1990 में महेंद्र पाल जादौन से पहले ईसाई बना और फिर कुछ साल बाद मुस्लिम धर्म स्वीकार कर ‘अब्दुल रहमान’ बन गया. यही नहीं, उसकी पत्नी और दोनों बेटों की पत्नियां भी कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, जो पहले हिंदू थीं. वहीं, रहमान का भतीजा लंदन से फंडिंग को री-रूट करता था. पुलिस ने गोवा से आयशा, जयपुर से मोहम्मद अली, कोलकाता से ओसामा, पश्चिम बंगाल से दो, उत्तराखंड से एक, दिल्ली से एक, राजस्थान से तीन और उत्तर प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया. यूट्यूब चैनल से इस्लाम का प्रचार आयशा और मोहम्मद अली की पूछताछ में रहमान के नाम का खुलासा हुआ. आयशा और मो अली ने पूछताछ में बताया कि रहमान चचा जैसा कहते, वैसा करते हैं. रहमान यूट्यूब चैनल और पॉडकास्ट के जरिए इस्लामी कट्टरपंथ का प्रचार करता था और हिंदू धार्मिक प्रतीकों का अपमान करता था. ओसामा लड़कियों को ‘इस्लामी बहन’ बनाने की ट्रेनिंग देता था दो बहनों के लापता होने से खुला राज जांच मार्च में शुरू हुई, जब आगरा में दो बहनें (33 और 18 वर्ष) लापता हुईं. पता चला कि उन्हें जबरन धर्मांतरण के लिए निशाना बनाया गया. एक बहन ने सोशल मीडिया पर हथियार के साथ तस्वीर पोस्ट की थी. अमेरिका और कनाडा से फंडिंग आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि गैंग ‘लव जिहाद’ और अतिवाद में शामिल था, जिसकी फंडिंग अमेरिका और कनाडा से होती थी. गैंग का मकसद धर्मांतरण के साथ-साथ भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश थी. युवाओं को नौकरी और पैसे का लालच देकर, खासकर युवतियों को ‘लव जिहाद’ के लिए निशाना बनाया जाता था. धर्मांतरित व्यक्तियों को आर्थिक मदद, घर और सामाजिक सुरक्षा दी जाती थी. पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने कहा कि ‘मिशन अस्मिता’ के तहत लव जिहाद, अवैध धर्मांतरण और अंतरराष्ट्रीय जिहादी फंडिंग जैसे अपराधों को लक्ष्य बनाया जाता है. गैंग का तौर-तरीका आईएसआईएस की शैली से मिलता-जुलता था

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