शिक्षा विभाग के ACS एस सिद्धार्थ ने दिया इस्तीफा:नवादा जिले की विधानसभा से JDU के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी

शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव IAS अफसर डॉ. एस सिद्धार्थ ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा को छोड़ने जा रहे हैं। उन्होंने अपना VRS आवेदन सरकार को 17 जुलाई को सौंप दिया है। CM सचिवालय सूत्रों के मुताबिक उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंच गया है। उनकी हरी झंडी के बाद नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। एस सिद्धार्थ का इस्तीफा अगर नहीं हुआ तो VRS के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा। नहीं होने पर रिटायर होने तक यानी इसी साल नवंबर तक उन्हें इंतजार करना होगा। नहीं तो CAT जाना होगा। प्रशासनिक सेवा छोड़ राजनीति में उतरेंगे IAS से VRS के बाद वह JDU से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। वह नवादा जिले से अपना राजनीति सफर शुरू करने वाले हैं। एस सिद्धार्थ नवादा जिले का 2 बार दौरा भी कर चुके हैं। उन्होंने हाल में ही नवादा के स्कूल का भी इंस्पेक्शन किया था। वहां से लौटने के दौरान उन्होंने चाय और लिट्टी भी बनाई थी। IPS के इस्तीफे का प्रोसेस जानिए ACS बनते ही एस सिद्धार्थ ने बदले थे केके पाठक के 5 फैसले 1. स्कूलों में किसी का नाम नहीं कटेगा डॉ. एस सिद्धार्थ ने 12 जून 2024 को केके पाठक के एक और फैसले को बदल दिया था। उन्होंने बिहार के सरकारी स्कूलों में नियमित तौर पर स्कूल नहीं आने वाले छात्रों का नाम नहीं काटने का फैसला लिया था। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने आदेश जारी किया और कहा है किसी कारणवश बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं तो उनका नाम नहीं काटा जाए। पहले बच्चों के अभिभावक से संपर्क कर उसके कारण के बारे में पता करें। साथ ही उन बच्चों को स्कूल आने के लिए भी प्रेरित करें। बच्चों का नाम तभी काटा जाएगा, जब उसका एड्रेस बदला जाएगा। अन्य किसी कारण से अटेंडेंस रजिस्टरसे नाम हटाने से पहले प्रिंसिपल को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। 2. स्कूलों की निगरानी डीडीसी से कराई जा रही एस सिद्धार्थ ने 6 जून 2024 को आईएएस केके पाठक के स्कूल इंस्पेक्शन के पैटर्न को बदलते हुए, सरकारी स्कूलों की निगरानी डीडीसी के हाथों में सौंपी थी। इसको लेकर अगले तीन महीने का रोस्टर भी तैयार किया गया है। अधिकारी रोस्टर वार स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण रिपोर्ट का क्रॉस वेरिफिकेशन शिक्षा विभाग के अधिकारी करेंगे। निरीक्षण को लेकर नई व्यवस्था की गई। डीडीसी जिले में तैनात शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंप दिए। जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को 3-3 महीने के लिए 10 से 15 स्कूलों का जिम्मा दिया गया। रोस्टर बनाकर स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों का हर सप्ताह कम से कम एक बार निरीक्षण अनिवार्य किया गया। 3. स्कूल की टाइमिंग जिला शिक्षा पदाधिकारी के हाथों में दी एस सिद्धार्थ कुर्सी संभालते ही बड़ा आदेश दिया। जिसमें कहा है कि स्कूलों की मॉनिटरिंग जारी रहेगी, लेकिन स्कूलों की टाइमिंग जिला शिक्षा पदाधिकारी तय करेंगे। शिक्षा विभाग तय नहीं कर स्थानीय स्तर पर तय किया जाने का फैसला दिया। 4. यूनिवर्सिटी के फ्रीज खातों से लगी रोक हटाई आईएएस केके पाठक के फैसले को बदलते हुए नए डॉ. एस सिद्धार्थ ने यूनिवर्सिटी के फ्रीज खातों से रोक हटा ली। कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के बंद वेतन जल्द ही जारी करें। शिक्षा विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के आदेश पर शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी कुलपति को पत्र लिखा। जिसमें कहा कि विश्वविद्यालय का खाता संचालन (पीएल खाते) पर लगाए गई रोक को वापस लिया जा रहा है। साथ ही स्थगित वेतन को चालू किया जा रहा है। पेंशन भुगतान किया गया। 5. राज्यपाल की बैठक में शामिल नए प्रभारी ACS सिद्धार्थ शामिल 12 जुलाई 2024 को कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई थी। जिसमें शिक्षा विभाग के प्रभारी मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ शामिल हुए। कुलाधिपति की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में लंबे समय के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की मौजूदगी दिखी। इसके पहले आईएएस केके पाठक ने बैठक से दूरी बनाए रखी थी। कुलाधिपति की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक से अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दूरी बनाई थी। वह राजभवन की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिक्षा विभाग की ओर से वे प्रतिनिधि भेजते थे। केके पाठक और राजभवन के बीच काफी कड़वाहट चल रही थी। ट्रेंड पायलट के साथ फोटोग्राफर भी हैं एस सिद्धार्थ मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एस सिद्धार्थ ने कहा था- ‘5 अक्टूबर 2023 को मैंने पहली बार अकेले ही विमान उड़ाया। हवा में अकेले उड़ना एक सपना सच होने जैसा था। एक बच्चे के रूप में मैं हमेशा विमान उड़ाने का सपना देखा करता था।’ ‘अपने मेकैनो-किट का उपयोग करके मैं धातु के हवाई जहाज बनाता था और एक तार से उसे इस उम्मीद में घुमाता था कि वह उड़ जाएगा। कागज के विमान भी एक विकल्प थे, जिन्हें मैंने आजमाया।’ ‘पतंग उड़ाना मेरा जुनून था। 40 साल पहले मैंने पहली बार स्कूल ग्रुप के साथ एयर इंडिया से यात्रा की थी। 40 साल बाद मैं एक विमान उड़ा सका।’ अपने दौरों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे एस सिद्धार्थ पिछले 30 दिनों में दूसरे IAS का VRS विधानसभा चुनाव को लेकर डॉ. एस सिद्धार्थ दूसरे IAS अफसर हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है। हाल में ही IAS अफसर दिनेश कुमार राय ने इस्तीफा दिया है। 15 जुलाई के प्रभाव से उनका VRS मंजूर किया गया। सरकार को उन्होंने अपना इस्तीफा 13 जून 2025 को सौपा था। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेजा था। उनका VRS 30 दिन में मंजूर हो गया था। आदेश में कहा गया था कि अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु-सह-सेवानिवृति लाभ) नियमावली,1958 के नियम-16(2) के प्रावधान के तहत श्री राय को 15 जुलाई 2025 के प्रभाव से VRS एक्सेप्ट किया गया है।

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