पंजाब BJP अध्यक्ष ने बताया भाजपा-SAD गठबंधन को जरूरी:जाखड़ बोले- राज्य में बन रहे 1996 जैसे हालात; राजा वडिंग ने कसा तंज

पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने एक बार फिर भाजपा-अकाली दल गठबंधन को जरूरी बताया है। मीडिया को इंटरव्यू देते हुए सुनील जाखड़ ने एक बार फिर दोनों दलों के बीच गठबंधन की बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक बार फिर ऐसे हालात बन रहे हैं, जैसे 1996 में थे। सांप्रदायिक सौहार्द और शांति के लिए गठबंधन किया था। आज भी वही जरूरत है, दोनों दल एक साथ आएं। जाखड़ के इस बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि वे तो कई सालों से बोल रहे हैं। जाखड़ फ्यूडल माइंडेड हैं। अगर दोबारा से जोड़ना था तो पहले तोड़ा ही क्यों। दरअसल, इन्हें पहले लगा कि राज्य में अकेले सरकार बना लेंगे। लेकिन अब तो अपनी जमीन भी छिनती जा रही है। लुधियाना वेस्ट में 45 हजार से 22 हजार पर आकर सिमट गए। कार्पोरेशन भी हाथ से गए। अब सोचा कि अकाली दल से हाथ मिला लो, लेकिन वे तो पहले से ही खत्म हुआ पड़ा है। जाखड़ ने कहा कि पार्टी को पंजाब में सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि लोगों का भरोसा जीतना चाहिए। पंजाब सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यहां के लोग अपने सम्मान और संस्कृति को बहुत महत्व देते हैं। ‘पगड़ी’ और ‘दस्तार’ यहां सिर्फ पहनावा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पंजाब का आत्मसम्मान और विरोध का स्वभाव गुरु गोबिंद सिंह जी की उस सीख से जुड़ा है, जिसमें अन्याय और ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होने की बात कही गई है। भले ही बीजेपी ने अतीत में पंजाब के साथ कुछ गलत नहीं किया, लेकिन आज केंद्र में सत्ता में होने के कारण लोगों की नाराजगी का सामना उसी को करना पड़ रहा है। प्रशासन में कुछ ताकतें पंजाब के फैसलों पर असर डाल रही हैं
सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ और केंद्र से जुड़े कुछ प्रशासनिक फैसलों में “गहरी और स्थायी व्यवस्था” यानी नौकरशाही का हस्तक्षेप है। जिससे पंजाब को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में पंजाब-हरियाणा के अधिकारियों के 60:40 अनुपात से छेड़छाड़, यूटी सलाहकार की जगह मुख्य सचिव की नियुक्ति और बीबीएमबी के पदों को पंजाब के बजाय दूसरों को देना, इन सभी बातों से राज्य के लोगों में असंतोष है। हिंदू चेहरे के चलते सीएम ना बनने देने की बात दोहराई
उन्होंने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 6.6% वोट मिले थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% हो गए। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह धर्म के नाम पर लोगों को बांटती है और अब वही बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती है। जाखड़ ने कहा कि जब 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया, तब कांग्रेस ने उन्हें सिर्फ इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया, क्योंकि वह हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब को धर्म की नजर से देखना गलत है। पंजाबियत यानी धर्मनिरपेक्षता, जिसे कांग्रेस समझने में नाकाम रही है। उन्होंने कांग्रेस को पंजाब के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। “पंजाब को सम्मान चाहिए, मुआवजा नहीं”
जाखड़ ने कहा कि पंजाब को आज केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत है, लेकिन वह मदद सम्मान और आत्मीयता के साथ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को सिख परंपरा के मूल सिद्धांत- सेवा, सम्मान और ईमानदारी के आधार पर पंजाब से दोबारा रिश्ता बनाना होगा। पंजाब सम्मान और पहचान चाहता है, न कि सिर्फ मुआवजा या सियासी लाभ।

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