पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज (मंगलवार) अमृतसर पहुंच गए हैं। गोल्डन टेंपल को मिलने वाली धमकियों के बाद ये उनका पहला दौरा है। इस दौरान सीएम मान ने गोल्डन टेंपल में माथा टेका और सुरक्षा का जायजा भी लिया। इस दौरान सीएम मान ने कहा कि कुछ धमकी भरी ईमेल गोल्डन टेंपल को मिल रही थीं। कुछ मेल मेरे नाम पर भी आई हुई थी। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी प्रधान और उनके सीनियर मेंबर से बातचीत करने का मौका मिला है। क्या कंटेंट था, पहले मिले कंटेंट से मैच किया। पता कर रहे हैं कि कहां से मेल आई हैं। सारे आईपी एड्रेस मिल चुके हैं। इस स्थान की सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते हैं। आरोपियों के काफी नजदीक पहुंच गए हैं। इससे ज्यादा नहीं बता सकता हूं। गोल्डन टेंपल में सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं- सीएम सीएम ने कहा- गोल्डन टेंपल की सुरक्षा में अंदर और बाहर सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। जल्दी ही लोगों को सुख-सूचना देंगे। सीएम ने कहा कि आरोपियों के लिए जहां मर्जी जाना पड़े, वहां जाकर उन लोगों को कस्टडी में लेकर पता करेंगे कि इनके पीछे कौन है। वहीं, उस समय इस तरह खड़े होकर नहीं, बैठकर सारी बात करेंगे। एसजीपीसी प्रधान धामी ने कहा कि पिछले कुछ समय से लगातार गोल्डन टैंपल से लगातार धमकी भरे ईमेल आते रहे हैं। मुख्यमंत्री साहब आए थे, मैंने उन्हें कहा कि आपको पहले आना चाहिए था। सीएम ने कहा कि पहले असेंबली का सेशन था। वहीं, सीएम ने कहा कि उनके पास इस सबंधी कोई भी जानकारी आती है, तो इसे एसजीपीसी से शेयर की जाएगी। हालांकि शताब्दी समारोह को लेकर आज कोई बात नहीं हुई है। बता दे कि 14 जुलाई को धमकियां दिए जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा के सीनियर नेता गोल्डन टेंपल में माथा टेक चुके हैं। इस दौरान उन्होंने सीएम भगवंत मान ना आने पर सवाल खड़े किए थे। भाजपा सह-प्रभारी अश्वनी शर्मा ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गुरु घर को मिल रही धमकियों को भगवंत मान सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सरकार 3 दिन बाद जागी और फिर कार्रवाई की गतिविधियां शुरू कीं, जिससे साफ है कि राज्य सरकार गहरी लापरवाही और बेहोशी की हालत में है। इतना ही नहीं, कांग्रेस विधायक और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सीएम भगवंत मान के अमृतसर ना आने पर सरकार को घेरा था। चार पॉइंट्स में समझें पुलिस जांच में अभी तक क्या हुआ कम हो रहे श्रद्धालु, एसजीपीसी चिंतित SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी इस बात से चिंतित हैं कि हर दिन हजारों श्रद्धालु इस खुले तीर्थस्थान में दर्शन करते हैं। यह एक शांति और सेवा का स्थल है। यहां कोई भी आतंकी हमला न केवल अपवित्रता होगी, बल्कि भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने के लिए एक रणनीतिक रूप से रची गई साजिश होगी। साथ ही जनता के साथ पारदर्शी संवाद, तेज जांच और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर फैलाए जा रहे डर को जड़ से खत्म करना उतना ही जरूरी है। जत्थेदार ने खुफिया एजेंसियों की निष्क्रियता पर उठाए सवाल श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने इस पूरे मामले में केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों की निष्क्रियता पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बार धमकियों के बावजूद अब तक दोषियों की पहचान नहीं हो पाना चिंता का विषय है।