विश्वनाथ धाम विस्तार के लिए ज्ञानवापी की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी से जो 800 स्क्वायर फुट जमीन जमीन ली गई थी, उसके बदले में 1000 स्क्वायर फुट जमीन वापस कर दी गई है। जमीन की अदला-बदली का यह समझौता 4 साल पहले वर्ष 2021 में हुआ था। उसी के तहत बदले में मिली जमीन को मंदिर प्रशासन ने अंजुमन इस्लामिया मसाजिद कमेटी के नाम से रजिस्ट्री करा दी है। यह जमीन बांस फाटक इलाके में है। बदले में जिस जगह पर अंजुमन को जो जमीन मिली है, वह एक मकान का हिस्सा है। 1900 स्क्वायर फुट के रकबे के इस मकान में से मंदिर प्रशासन ने 900 स्क्वायर फुट हिस्सा अपने पास रखते हुए बाकी का 1000 स्क्वायर फुट हिस्सा अंजुमन के सुपुर्द कर दिया है। उस जमीन के हिस्से की चाबी अंजुमन के सचिव एसएम यासीन को सौंपी गई। मंगलवार 23 जुलाई को अंजुमन के इंजीनियरों की टीम ने मंदिर प्रशासन के जिम्मेदारों की मौजूदगी में पैमाइश की। अंजुमन अब उस जमीन पर कॉमर्शियल इमारत बनाकर उससे होने वाली आमदनी से ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख में खर्च करेगा। इस चाबी को लेकर कई सारी अफवाहें उड़ीं, जिन पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन ने ही विराम लगा दिया। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत में इसकी पूरी सच्चाई सामने रखी और बताया कि कैसे जमीन की अदला-बदला की गई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… ज्ञानवापी के तीन प्लाॅट, एक की हुई अदला-बदली
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन ने बताया कि-हमारे पास विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर में अंजुमन इंतेजामिया के तीन प्लाॅट थे। इसमें प्लॉट नंबर 9131 पर ज्ञानवापी मस्जिद है। 8263 नंबर पहले छत्ताद्वार हुआ करता था, आज रास्ता है, वो उसी प्लॉट का हिस्सा है। तीसरा प्लॉट 8276 नंबर का था। इसमें पुलिस कंट्रोल रूम था। ये कंट्रोल रूम लिखित रूप से सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने लीज पर दिया था। कॉरिडोर बनते समय लिया गया था प्लाॅट नंबर 8276
एसएम यासीन ने बताया- जब 2021 में विश्वनाथ धाम का विस्तार हो रहा था। उस समय मौजूदा अधिकारी कमिश्नर दीपक अग्रवाल और अन्य लोगों ने प्लाॅट नंबर 8276 लेने की बात की थी। उन्होंने हमसे उस प्लाॅट को लेकर दूसरा प्लाॅट देने की सिफारिश की थी। बहुत दिनों तक इसकी बातचीत चली और अधिकारियों के साथ कई राउंड बैठकें हुईं। मंगवाया देवबंद और बरेली से फतवा
एसएम यासीन ने बताया- प्रशासन के प्रस्ताव पर 2021 में ही हम लोगों ने इस पर देवबंद, बरेली, आजमगढ़ और अन्य इदारों से फतवे मंगवाए कि क्या हम वक्फ की जमीन/मस्जिद की जमीन मंदिर को दान देकर अन्य कहीं जमीन ले सकते हैं। इस पर हमें फतवे में जवाब मिला की बिल्कुल ले सकते हैं। सभी ने कहा कि जो जमीन मिले उससे आने वाली आमदनी मस्जिद के रख-रखाव में खर्च होनी चाहिए। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को दिखाया
ज्वाइंट सेक्रेटरी ने बताया- इसके बाद मैंने खुद सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी को यह बात बताई और उन्हें वाराणसी बुलाया। चेयरमैन खुद वाराणसी आए। उन्होंने मौके को खुद देखा और कहा कि ठीक है। वक्फ नंबर 100 ज्ञानवापी मस्जिद का एक हिस्सा प्रशासन को दिया जा सकता है। बदले में प्रशासन इसके लिए दूसरी जगह पर उतनी ही जमीन उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा शहर के सभी उलेमाओं को भी इकठ्ठा कर इस बात को रखा तो सभी ने अपनी-अपनी मंजूरी दी। बांसफाटक के मकान को हमने किया पसंद
एसएम यासीन ने बताया- जमीन की अदला-बदली पर जब सहमति बनी तो मंदिर न्यास और प्रशासनिक अधिकारियों ने हमें कई प्रॉपर्टी दिखाई। बांसफाटक पर स्थित एक मकान हमें पसंद आया, जिसे मंदिर प्रशासन ने मान लिया। हमसे उसमें 1000 स्क्वायर फुट हिस्सा देने की बात कही गई। उसके बाद रजिस्ट्री कर उस मकान की चाबी हमें उसी वक्त दे दी गई थी। अब जानिए क्या अफवाह उड़ाई गई और अभी मौजूदा हालात क्या हैं ?… चार महीना पहले मांगी गई थी चाबी
एसएम यासीन ने बताया- उस मकान की चाबी हमारे पास थी। जिसे चार महीना पहले साफ-सफाई और हिस्सा बांटने के नाम पर मंदिर प्रशासन ने हमसे लिया था। इसी दौरान किसी ने अफवाह उड़ा दी कि मंदिर प्रशासन ने चाबी वापस ले ली। यह बात जब हम तक पहुंची तो हमने कमिश्नर एस राजलिंगम से मुलाकात की और अपनी समस्या उनके सामने रखी। मंदिर प्रशासन को दिया निर्देश
उन्होंने बताया- इस पर कमिश्नर ने हमारे सामने ही मंदिर कार्यपालक अधिकारी से फोन से बात की और जल्द से जल्द चाबी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद को सौंपने को कहा। इस पर उन्होंने हामी भरी और हमें जल्द ही बुलाकर चाबी देने का आश्वासन दिया। 17 जुलाई को सौंपी चाबी
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एसडीएम, और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में हमें 17 जुलाई को उसी मकान पर बुलाया गया। वहां हिस्सेदारी की नापी लगी और मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए अपनी 900 स्क्वायर फुट की जमीन पर लॉकर लगाया। उसके बाद हमें दो दुकान यानी 1000 स्क्वायर फुट हिस्सा सौंपकर चाबी सौंप दी। अब नए सिरे से बनवाकर बनेगा आमदनी का जरिया
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम यासीन ने बताया- मंगलवार 23 जुलाई को हमारे इंजीनियर इस मकान पर पहुंचे थे और उसकी नापी करवाई गई है। उस दौरान मंदिर प्रशासन के लोग भी मौजूद रहे। हम इस पर कुछ ऐसा कॉमर्शियल तामीर करेंगे ताकि मसाजिद के रख-रखाव के लिए आमदनी हो सके। उसी आमदनी से ही ज्ञानवापी मस्जिद का रखरखाव किया जा सके।