हरियाणा में एक अगस्त से नए कलेक्टर रेट लागू नहीं होंगे। इसे लागू करने में अभी समय लग सकता है क्योंकि प्रक्रिया की शुरुआत भर हुई है। राज्य की वित्तायुक्त सुमिता मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने नए कलेक्टर रेट लागू करने का फैसला जरूर लिया है, लेकिन इसे अंतिम रूप देने से पहले तय प्रक्रिया अपनानी होगी। इसमें कलेक्टर रेट की सूची को सार्वजनिक करना, उस पर आमजन से आपत्तियां और सुझाव मंगवाना जैसे चरण शामिल हैं। फिलहाल यह सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जबकि नियमों के मुताबिक इसे कम से कम एक महीने पहले सार्वजनिक कर आपत्तियां मांगी जाती हैं। इसी प्रक्रिया की अनुपालना के अभाव में एक अगस्त से कलेक्टर रेट लागू करना संभव नहीं दिख रहा। हालांकि कल सरकार की ओर से जारी एक पत्र में 1 अगस्त से लागू होने की बात कही गई थी, जिससे असमंजस की स्थिति बन गई थी। अब संकेत मिल रहे हैं कि तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है ताकि पूरा प्रोसेस विधिवत तरीके से पूरा किया जा सके। एक अप्रैल से पुराने रेटों पर हो रही रजिस्ट्रियां
पिछले साल एक दिसंबर को नए कलेक्टर रेट लागू किए गए थे, जो इस साल 30 मार्च तक मान्य थे। मार्च 2025 के बाद से अब तक पिछले रेटों पर ही रजिस्ट्रियां हो रही थीं। इससे सरकार के राजस्व को नुकसान हो रहा है। इसके बाद सरकार ने एक पत्र जारी किया था और कहा गया था कि अब 2025-26 के लिए 1 अगस्त से नए कलेक्टर रेट के हिसाब से ही जमीनों की रजिस्ट्रियां होंगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से सभी मंडलों के कमिश्नर और उपायुक्त को यह आदेश दे दिए गए हैं। कलेक्टर रेट बढ़ने से हरियाणा में प्रॉपर्टी खरीदना और बेचना और महंगा हो जाएगा। सरकार के इस कदम से राज्य का खजाना तो भरेगा, लेकिन आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ना तय है। नए कलेक्टर रेट के लिए विभिन्न स्थानों पर 5 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। पिछले साल की गई 12 से 32 प्रतिशत बढ़ोतरी
पिछले साल जमीन के कलेक्टर रेट 12 से 32 प्रतिशत तक बढ़ाए गए थे। देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एनसीआर में जमीन बहुत अधिक महंगी है, इसलिए वहां कलेक्टर रेट बाकी जिलों से काफी अधिक रखे गए थे। इनमें रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत में 20 प्रतिशत और गुरुग्राम, सोहना, फरीदाबाद, पटौदी और बल्लभगढ़ के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई थी। इस बार भी यहां रेट ज्यादा होने के आसार हैं। 3 माह पहले कलेक्टर दरों पर नहीं हुआ था फैसला
हरियाणा में 2025-26 के लिए कलेक्टर दरों में बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी। करीब 3 महीने पहले सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में संशोधन को लेकर बैठक हुई थी। मगर, सीएम ने संशोधन को स्थगित कर दिया था। उस वक्त कहा गया था कि पहले की दरें ही इस साल लागू रहेंगी। इसको लेकर राजस्व विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए थे। साथ में ये भी जोड़ा गया था कि राज्य में प्रॉपर्टी के लेन-देन और स्टांप शुल्क कलेक्शन को प्रभावित करने वाली मौजूदा दरें अगले आदेश तक लागू रहेंगी। दो चुनावों के कारण लटका था संशोधन
राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण अप्रैल में वार्षिक संशोधन स्थगित कर दिया गया था। चुनाव समाप्त होने के बाद भी दरों में संशोधन नहीं किया जा सका था। इसी वजह ये थी कि राज्य में विधानसभा चुनाव अगस्त में घोषित हो गए थे। नई सरकार ने अक्टूबर में कार्यभार संभाला और कलेक्टर दरों में संशोधन पिछले साल यानि दिसंबर 2024 में ही किया था।