दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड निर्माण में जमीन अधिग्रहण के मामले में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। भू-अर्जन कार्यालय के क्लर्क ने इस योजना में जमीन के बदले मिली मुआवजे की ज्यादा राशि में से नौ लाख लौटाने आए किसान से अपने नाम का चेक ले लिया। जब इसका खुलासा हुआ, तो उसमें से तीन लाख लौटा भी दिए। लेकिन, बचे हुए छह लाख रुपए नहीं लौटा रहा है। इसी वजह से उस क्लर्क को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है। कर्ल्क का नाम रवि झा है। दरअसल, उसके खिलाफ पटना जिले के शाहपुर थाना अंतर्गत भगवतीपुर गांव के राम कुमार ने निम्नवर्गीय लिपिक रवि झा के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया है। किसान ने कहा कि दानापुर-बिहटा ऐलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण में उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसके एवज में 22 लाख 80 हजार जिला भू अर्जन कार्यालय से उनके बैंक खाता में प्राप्त हुआ। पुन: आपत्ति के बाद जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा उन्हें 13 लाख 4 हजार 200 रुपए लौटाने की नोटिस किया गया। इसके बाद उसमें से नौ लाख रुपए की राशि का चेक लेकर वे जिला भू अर्जन कार्यालय पटना गए। तब वहां उपस्थित कर्मियों ने उक्त चेक को नीलाम पत्र न्यायालय में जमा करने को कहा। तब नीलाम पत्र न्यायालय में कार्यरत लिपिक रवि झा ने अपने नाम का चेक लिया और कहा कि आपसे ली गई राशि जिला भू-अर्जन कार्यालय में जमा हो जाएगी। लेकिन उसने जमा नहीं की। नोटिस मिला तो कहा-पिता के इलाज के लिए लिया था कर्ज जिला नियंत्रण कक्ष द्वारा रवि झा से स्पष्टीकरण मांगा गया। रवि झा ने स्पष्टीकरण में लिखा था कि परिवादी रामकुमार उर्फ सोनू से कर्ज के रूप में नौ लाख रुपए अपने पिता के इलाज के लिए लिया था। हालांकि उसमें से तीन लाख बैंक ड्रॉफ्ट द्वारा जिला भू अर्जन पदाधिकारी पटना के नाम से जमा किया गया है। रवि झा से प्राप्त स्पष्टीकरण से असंतुष्ट होकर जिला नियंत्रण कक्ष द्वारा शेष राशि अविलंब जमा कराने के लिए वसूली नोटिस जारी किया गया, लेकिन रवि झा ने छह लाख रुपए अभी तक जमा नहीं किए। निलंबन की अवधि में बिहटा होगा मुख्यालय अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कार्यालय की राशि को गलत तरीके से अपने निजी खाता में प्राप्त कर लिया गया। इससे सरकारी राशि की क्षति हुई। ऐसे में लिपिक रवि झा का आचरण बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1976 के नियम-3(1) के प्रतिकूल है। ऐसे में रवि झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्रखंड कार्यालय बिहटा कर दिया गया है।