हरियाणा के पलवल में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग की वीडियो सामने आई है। जिसमें पृथला से कांग्रेस विधायक रघुवीर सिंह तेवतिया और DC हरीश कुमार वशिष्ठ के साथ पानी निकासी की समस्या को लेकर बहस हो गई। विधायक ने DC को चेतावनी देते हुए यहां तक कह डाला कि DC साहब दिमाग से निकाल दिजिए मैं दूसरी लाइन का नेता हूं। ये बहस उस समय हुई जब स्वास्थ्य मंत्री आरती राव मीटिंग की अध्यक्षता कर रहीं थीं। पलवल के लघु सचिवालय में गुरुवार को ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग हुई। बैठक की अध्यक्षता करने स्वास्थ्य मंत्री आरती राव आईं थी। वो जिला ग्रीवेंस कमेटी की बतौर मंत्री प्रभारी अध्यक्ष हैं। बैठक में पहुंचे पृथला से कांग्रेस के विधायक रघुवीर तेवतिया भी मंच पर कोने की कुर्सी पर बैठे थे। तेवतिया अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अधिकारियों के सवाल कर रहे थे। इसी दौरान विधायक और DC के बीच पानी निकासी की समस्या को लेकर बात बिगड़नी शुरू हो गई। विधायक ने कहा कि गांव नंगला भीखू के लिंक रोड पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है। लेकिन अधिकारी झूठी रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। DC हरीश कुमार वशिष्ठ विभाग के अधिकारियों से पूछ रहे थे कि विधायक जी घुटना-घुटना पानी बता रहे हैं, क्या सही में इतना पानी भरा हुआ है और इतना पानी आया तो कहां से आया है। कांग्रेस विधायक DC को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के लिए कहने लगे। जिसके बाद DC हंसने लगे। जिस पर विधायक उखड़ गए। विधायक व अफसरों में करीब 4 मिनट सवाल-जवाब चले। डेढ़ से 2 मिनट तीखी-बहस हुई। इस दौरान मंत्री आरती राव चुप बैठी रहीं और हस्तक्षेप नहीं किया। इसकी वीडियो अब सामने आई है। हालांकि इस बहस के बाद DC मौके पर समस्या देखने गए। रास्ते में कुछ जगह पानी भी मिला। जानिए विधायक और DCमें क्या बहस हुई… विधायक: पूरी लिंक रोड पर गांव नंगला भीखू तक घुटना-घुटना तक पानी है। जाकर देखो आप सब। सर्वे करवा लीजिए।
DC: एक बात बताइए, विधायक जी एक मिनट, घुटना-घुटना पानी बता रहे हैं। विधायक: मैं बता रहा हूं, जाकर देखो, अब चलो मेरे साथ।
DC: एक मिनट विधायक जी सुनो, इतना पानी कहां से आ गया। विधायक: अभी चलिए मैं आपको दिखाकर लाता हूं।
DC: चलते हैं , मैं खुद चलूंगा। विधायक: DC साहब सुनिए, मेरी कभी झूठ नहीं मिलेगी। मैं कभी झूठ नहीं बोलता।
DC: मैं तो अधिकारियों से पूछ रहा हूं। विधायक: DCसाहब दिमाग से निकाल देना, मैं दूसरी लाइन का आदमी हूं। झूठ बोलना मेरा काम नहीं है। चलो आप मेरे साथ दिखा देता हूं। बहुत अच्छी बात होगी आप मेरे साथ चलें।
DC: बिल्कुल। विधायक: आज तक मैंने जेई, एसडीओ को ये नहीं बोला कि मेरे घर आइए। प्रोटोकॉल है, आप रेस्ट हाउस में आइए और मेरे से बात करिए। वरना जो कमेटी प्रोटोकॉल फॉलो करती है उसका सदस्य हूं और विधानसभा में भी बुला सकता हूं। ये प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करेंगे तो। लेकिन, आज तक आपने गौर नहीं फरमाई है। अधिकारियों को प्रोटोकाल फॉलो करने की नसीहत
विधायक ने अधिकारियों बैठक में अधिकारियों को प्रोटोकॉल फॉलो करने की नसीहत दी। विधायक ने कहा कि प्रोटोकॉल है कि विभाग के जेई, एसडीओ मुझसे आकर रेस्ट हाउस में मिलें और समस्याओं पर चर्चा करें। अधिकारी उनकी क्षेत्र की समस्याओं की तरफ कोई गौर नहीं करते हैं। उन्होंने DC को कहा कि आपके अधिकारियों का माहौल खराब है। पानी की निकासी, सड़क टूटने से लोग परेशान
विधायक ने कहा कि जिला परिषद के तहत 70 गावों को जोड़ने वाली सड़कों पर कोई काम नहीं हुआ है। ये सड़कें आज भी टूटी हुई हैं। गांव हरफली से सहराला सड़क टूट चुकी है, जिस पर पैदल नहीं निकल सकते क्योंकि पूरी सड़क पर पानी भरा हुआ है। अलावलपुर गांव से चिरवाड़ी वाली सड़क पर पानी भरा रहता है। पानी निकासी का को समाधान नहीं है और पुलिया टूटी हुई है। गांव मांदकोल से गांव ककड़ीपुर जाने वाली सड़क का एक एकड़ का हिस्सा आज तक नहीं बनाया गया है। दूधौला, सिकंदर पुर की सड़कों का बुरा हाल हुआ पड़ा है । इसी तरह से क्षेत्र की सड़कों की एक लंबी लिस्ट पर जिस पर पिछले कई -कई सालों से कोई काम नही किया गया है। DC अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे
ग्रीवेंस मीटिंग के बाद DC हरीश कुमार वशिष्ठ विधायक रघुवीर तेवतिया के साथ जलभराव की समस्या वाली जगह पर पहुंचे। जहां पर जलभराव मिला, उसे लेकर उन्होंने जल्द से जल्द समस्या का निपटारा करने का आदेश दिया। उन्होंने विधायक को आश्वासन दिया कि जल निकासी का सही इंतजाम किया जाएगा। पहले भी कई विधायक लगा चुके सुनवाई न करने का आरोप
अंबाला सिटी से कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह, सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया, साढौरा से कांग्रेस विधायक रेणु बाला, गुहला चीका से कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस भी अफसरों पर सुनवाई न करने का आरोप लगा चुके हैं। रेणु बाला ने भी ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में ही अफसरों पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था। मंत्री कृष्ण बेदी के सामने रेणु बाला ने कहा था कि उन्हें बैठक का एजेंडा तक नहीं दिया जाता। प्रोटोकॉल के हिसाब से उनकी कुर्सी ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन के साथ लगनी चाहिए लेकिन उन्हें कोने की कुर्सी पर बैठाया जाता है। विज भी कह चुके विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से ऊपर
नायब सरकार के वरिष्ठ मंत्री एवं विधायक प्रोटोकॉल कमेटी के चेयरमैन रह चुके अनिल विज कई मौकों पर कह चुके हैं कि विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से भी ऊपर होता है। जनता के प्रतिनिधि होने के कारण उसे उचित सम्मान मिलना चाहिए, चाहे वह सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का। विज ने अपने विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह सभी विधायकों, मंत्रियों के फोन उठाएं। प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। लोकसभा की तर्ज पर हरियाणा में बनी थी प्रोटोकॉल कमेटी, अब भंग
23 जून 2022 को हरियाणा विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने पहली बार लोकसभा की तर्ज पर विधायक प्रोटोकॉल कमेटी का गठन किया था। उन्होंने हरियाणा विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के नियम संख्या 204 के अंतर्गत विधानसभा सदस्यों अर्थात विधायकों के प्रोटोकॉल मानदंडों का उल्लंघन और सरकारी अधिकारियों द्वारा तिरस्कारपूर्ण व्यवहार की जांच संबंधी सदन की कमेटी का गठन किया था। अब मार्च 2025 के बाद नायब सैनी सरकार में इस कमेटी का गठन नहीं किया गया। प्रोटोकॉल कमेटी का मामला स्पीकर, सीएम व गवर्नर तक पहुंचा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने विधायक प्रोटोकॉल कमेटी के पुनर्गठन का मामला विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण, गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, सीएम नायब सैनी के समक्ष लिखित में उठाया था। उन्होंने इस संबंध में स्पीकर, गवर्नर, CM, डिप्टी स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है। इस शिकायत में उन्होंने कहा है कि इस कमेटी के नहीं होने से प्रदेश में कई विपक्षी विधायकों सहित सत्तासीन विधायक अपनी शिकायतों को दर्ज नहीं करा पा रहे हैं।