ऊर्जा मंत्री बोले-सुधर जाओ, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे:अफसरों पर भड़के एके शर्मा, यूपी PCL के अध्यक्ष-एमडी निशाने पर

यूपी में बिजली सप्लाई की बदहाल व्यवस्था को लेकर ऊर्जा मंत्री विभाग के अधिकारियों पर भड़के हुए हैं। मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़ा किया। इससे पहले शुक्रवार को सीएम योगी ने खुद ऊर्जा विभाग की बैठक लेकर अधिकारियों को बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए आवश्यक निर्देश दिए थे। अरविंद कुमार शर्मा ने पोस्ट में लिखा है कि कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता ने अभी-अभी अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई बातचीत का ऑडियो लिखकर मुझे कार्रवाई करने के लिए भेजा है। यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, MD और अन्य अधिकारियों से कही थी। कड़े शब्दों में यह भी कहा था कि 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्था मानवीय व्यवस्था की पूरक हो सकती है, विकल्प नहीं। मैंने कहा था- अधिकारी फोन नहीं उठा रहे अरविंद शर्मा ने कहा- मैंने कहा था कि ऐसे कई गलत, असामयिक और अव्यवहारिक निर्देशों के कारण जनता को परेशानी हो रही है। अधिकारी फोन उठाना बिल्कुल ही बंद कर दिए। तितलौकी थी ही, अब नीम पर चढ़ गई। और अनेक ऐसे गलत निर्णय हमारे बार-बार लिखित/ मौखिक रूप से मना करने के बावजूद हुए हैं। सबने मीटिंग में मुझसे असत्य बोला कि 1912 पर ही शिकायत करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है। मुझे उनकी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। मैंने कई बार पूछा, हर बार वही असत्य सुनने को मिला। वास्तविकता आप स्वयं सुनिए… बिजली के अधिकारियों, कर्मचारियों को एक बार पुनः कह रहा हूं कि जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। उनसे त्वरित और उचित भाषा में संवाद करें और समस्या का निराकरण करें। अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे। उस राजनेता का मुझे यह वॉट्सऐप ऑडियो मिला है- माननीय मंत्री जी, बस्ती शहर के एक बड़े मुहल्ले में सुबह 10 बजे से लाइट नहीं है. रात्रि 8 बजे तक बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के फोन ना उठाने पर अधीक्षण अभियंता बस्ती को काल किया। उन्होंने जिस तरीके से बात की उसको सुनकर आप स्वयं जान जाएंगे कि public grievance के प्रति ये कितने संवेदनहीन हैं तथा इनके अपने संबंधों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की छवि जानबूझ कर खराब करने में लगे हुए है। अब जानिए गुरुवार को बैठक में मंत्री अरविंद शर्मा ने क्या कहा था ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को बिजली विभाग के अफसरों को खूब हड़काया था। उन्होंने अधिकारियों को यहां तक कहा कि आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। बकवास बंद करिए। मैं यहां बकवास सुनने नहीं आया हूं। मुझे विधायक और जनप्रतिनिधि गाली दे रहे हैं। सरकार को गाली दे रहे हैं। उन्होंने शक्ति भवन में UPPCL चेयरमैन आशीष गोयल और प्रदेश के एक्सईएन की मीटिंग रखी। मंत्री ने पहले करीब 10 मिनट तक चेयरमैन और अधिकारियों को सुना। इसके बाद मंत्री ने अफसरों को खूब फटकारा। मंत्री ने कहा, AC ऑफिस में बैठकर रिपोर्ट तैयार कर देना बहुत आसान होता है। ये रिपोर्ट सुनने का कोई मतलब नहीं है। मैं आज बहुत ही नाराज, बहुत ही दुखी होकर यहां आया हूं। आशीष आपको भी कह रहा हूं। हम एक पब्लिक यूटिलिटी सर्विस चला रहे हैं। कोई बनिया की दुकान नहीं चला रहे। मानसून सत्र के दौरान दिल्ली में बुधवार को अखिलेश यादव ने ऊर्जा मंत्री पर तंज कसा था। उन्होंने कहा, आप देखिए उत्तर प्रदेश में बिजली मंत्री का क्या हाल है। जहां जा रहे हैं, वहीं बिजली चली जा रही है। मंत्री की बड़ी बातें पढ़िए… जिलों के दौरे पर लौटे: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा पिछले कई दिनों से बिजली व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानने के लिए जिलों के दौरे पर थे। मंत्री को फील्ड में तमाम खामियां मिलीं। 20 जुलाई को मुरादाबाद में उनके कार्यक्रम में लाइट कट गई थी। आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा, आप लोग अपनी बकवास बंद करिए। मैं आपकी बकवास सुनने नहीं बैठा हूं। नीचे जमीनी हकीकत एकदम अलग है। जनता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा। मैं कई जिलों का दौड़ा करके कल ही लौटा हूं। आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। जनता पर क्या बीत रही है और लोग विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं, यह आपको मालूम ही नहीं है। यह कोई बनिया की दुकान नहीं: अफसरों से कहा कि आपका काम पुलिस से भी खराब है। जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है, वही आप लोग ऊपर तक बताते हो। बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है कि खाली बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करें। यह एक जनसेवा है। हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा। पूरा प्रदेश भुगत रहा: आप लोगों के गलत और असामयिक निर्णयों का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। मेरे बार-बार कहने के बावजूद आप लोग सतर्क नहीं हो रहे हो। जैसे संविदा कर्मियों को निकालने का विषय, फोन उठाने का विषय और विद्युत दुर्घटनाओं का विषय। लेकिन सुधर नहीं रहे हैं। 2 घटनाक्रम से समझिए मंत्री की बेबसी 22 जुलाई: कर्मचारियों के सामने हाथ जोड़कर घर से बाहर निकले मंत्री
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के खिलाफ बीते सोमवार को बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया। वे मुरादाबाद में चीफ समेत 5 इंजीनियर सस्पेंड किए जाने से नाराज थे। बिजली के निजीकरण के साथ इस मुद्दे के विरोध में बिजलीकर्मी शर्मा के आवास पर पहुंच गए। वहां जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। वे लोग ऊर्जा मंत्री से मिलने की मांग पर अड़े थे। लेकिन मंत्री किसी भी हालत में मिलने को तैयार नहीं हुए। इस पर कर्मचारी ‘इस्तीफा दो-इस्तीफा दो’ के नारे लगाने लगे। करीब ढाई घंटे तक मंत्री अपने घर में कैद रहे और बाहर प्रदर्शन चलता रहा। इसके बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा घेरा बनाकर बाहर निकाला। इस दौरान एके शर्मा हाथ जोड़कर घर से बाहर निकले और अपनी गाड़ी में बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिजली विभाग किसी के बाप का नहीं है। यह प्रदर्शन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में किया गया। 20 जुलाई: मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में कटी थी लाइट
मुरादाबाद में रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के कार्यक्रम में 10 मिनट के लिए लाइट कट गई थी। इससे मंत्री का पारा चढ़ गया। हुआ यूं कि नगर निगम ने कंपनी बाग में 5D मोशन थिएटर बनवाया था। मंत्री एके शर्मा इसका इनॉगरेशन करने पहुंचे थे। उन्होंने जैसे फीता काटने के लिए कैंची उठाई, अचानक लाइट कट गई। एकाएक चारों तरफ अंधेरा छा गया। मंत्री हाथ में कैंची पकड़े खड़े रहे थे। इसी दौरान कुछ नेताओं ने यूपी की बिजली व्यवस्था पर कमेंट कर दिया। इस पर मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल में ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (PVVNL) की MD ईशा दुहन को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद MD ने चीफ इंजीनियर एके सिंघल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, SDO राणाप्रताप और JE ललित कुमार को सस्पेंड कर दिया था। ये खबर भी पढ़ें… यूपी में ‘नापसंद’ अफसर दे रहे सिपाहियों को ट्रेनिंग:कहीं ADG तो कहीं ASP हैं प्रिंसिपल, जब शाह पैदल चले तो नपे थे 2 अफसर यूपी में 60,244 पदों पर पुलिस भर्ती के बाद ट्रेनिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश भर में 112 RTC (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) पर इन सिपाहियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें एटीसी, पीटीसी और पीटीएस के अलावा जिलों की पुलिस लाइन, पीएसी की बटालियन में 21 जुलाई से ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। (पढ़िए पूरी खबर)

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