X पर नाबालिगों को पोर्न कंटेंट की एक्सेस:बिना वेरिफिकेशन 13 साल के बच्चों का भी अकाउंट; कानून के हाथ नहीं पहुंच रहे

केंद्र सरकार ने अश्लील और अभद्र कंटेंट प्रसारित करने वाले कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म बंद कर दिए, लेकिन X (पूर्व में ट्विटर) पर रोक नहीं लगवा रही है। भास्कर की पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा है कि X पोर्न वीडियो-साइट्स और एडल्ट कंटेंट का सबसे बड़ा सोर्स बनकर उभरा है। सबसे बड़ी चिंता ये कि X पर एडल्ट कंटेंट की एक्सेस से 13 साल के बच्चे की पहुंच भी एडल्ट ​कंटेंट तक हो रही है। जबकि भारत में एडल्ट कंटेंट देखने की उम्र 18 साल है। X 13 साल के बच्चों को अकाउंट बनाने देता है, लेकिन X में जन्म तारीख के वेरिफिकेशन की मैकेनिज्म ही नहीं है। नतीजा, बच्चों को एडल्ट कंटेंट Xपोजर पर रोक नहीं है। साइबर Xपर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता का कहना है कि भारत में इंटरमीडियरी नियमों के अनुसार X जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को 13 साल से कम उम्र के बच्चों को एडल्ट कंटेंट से दूर रखने के लिए सिस्टम बनाना चाहिए। उम्र के वैरिफिकेशन के लिए एआई टूल्स का उपयोग हो। असल खेल: पोर्न प्रमोशन से पैसा
X पर पोर्न के फ्री प्रमोशन के नाम पर दरअसल पैसे कमाने का खेल है। फर्जी अकाउंट पर पोर्न वीडियो की क्लिप डालकर एडल्ट साइट पर रीडायरेक्ट किया जाता है। वहां पर मोटी सब्सक्रिप्शन फीस लेकर एक्सेस देते हैं।
कई पोर्न वेबसाइट में ऐसे वायरस होते हैं जो मोबाइल से प्राइवेट वीडियो, निजी फोटो निकाल लेते हैं। फिर हैकर्स इनसे यूजर्स को ब्लैकमेल करते हैं। पैसों की वसूली और नहीं देने पर आत्महत्या करने के मामले भी आ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन भी दरकिनार इस मामले में रिसर्च करने वाले सौरभ जैन कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन कहती है पोर्न साइट पर भी सहमति वाले वीडियो डाले जा सकते हैं, पर X पर कई दुष्कर्म केस यहां तक कि कुंभ में महिला स्नान के आपत्तिजनक वीडियो हैं। X से जवाब नहीं… दैनिक भास्कर ने हेल्प सेंटर पर 14 जुलाई को बच्चों को एडल्ट कंटेंट तक पहुंच पर सवाल पूछे थे, लेकिन X की ओर से 26 जुलाई तक जवाब नहीं मिला। 5 जुलाईः केंद्र सरकार ने 25 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले 25 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया था। सरकार का कहना है कि ये एप्स एंटरटेनमेंट के नाम पर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो पेश कर रहे थे। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) को इन OTT एप्स-वेबसाइट्स को ब्लॉक करने को कहा है। बैन एप्स में ALTT, Ullu, देसी फ्लिक्स जैसे फेमस प्लेटफॉर्म भी हैं। ALTT एप अप्रैल 2017 में फिल्म और टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर ने लॉन्च किया था। वहीं ULLu एप को IIT कानपुर से ग्रेजुएट विभु अग्रवाल ने 2018 में बनाया था। इससे पहले मार्च 2024 में सरकार ने अश्लील कंटेंट को लेकर 18 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया था। साथ ही 19 वेबसाइट्स, 10 एप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स भी ब्लॉक कर दिए थे। चार कानूनों के तहत OTT एप्स पर बैन लॉकडाउन में ALTT​ और Ullu एप के व्यूअर्स बढ़े 2020 के लॉकडाउन में जब OTT प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दिया गया, उसी दौरान ALTT और Ullu एप जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट ज्यादा प्रसारित होने लगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2020 में एक एडल्ट कॉमेडी शो के लिए सर्वाधिक स्ट्रीमिंग (1.1 करोड़ ) एक दिन में ऑनलाइन ओटीटी प्लेटफॉर्म MX प्लेयर पर की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार ALTT की मई 2020 की व्यूअरशिप में 2019 की तुलना में 60% इजाफा हुआ। 2020 में इसके मंथली एक्टिव यूजर्स भी 21% बढ़े। इस ओटीटी पर एडल्ट कंटेंट ज्यादा है। ऑनलाइन कंटेंट को लेकर सरकार की मौजूदा गाइडलाइन भारत सरकार ने 2021 में ‘द इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स’ बनाया था। इसे 6 अप्रैल, 2023 को अपडेट किया गया। 30 पेज की गाइडलाइन में सोशल मीडिया, फिल्म और वेब सीरीज के लिए नियम बताए गए हैं। पेज नंबर-28 पर फिल्म, वेब सीरीज और एंटरटेनमेंट प्रोग्राम के लिए जनरल गाइडलाइंस है। इसमें टारगेट ऑडियंस के आधार पर कैटेगरी तय करना जरूरी है। ये चेतावनी देना भी जरूरी है कि आप क्या कंटेंट दिखा रहे हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक, OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ग्रीवांस ऑफिसर रखने होंगे। कंटेंट कानून के हिसाब से होना चाहिए। उसमें सेक्स न हो, एंटी नेशनल न हो और बच्चों-महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला न हो। 2020 में OTT प्लेटफॉर्म्स ने सेल्फ रेगुलेशन कोड बनाया था 2021 में राज कुंद्रा पर लगे OTT के जरिए पोर्न बेचने के आरोप देश में OTT और एप की आड़ में पोर्न के रैकेट का खुलासा पहली बार 2021 में अभिनेत्री शिल्पा शेट्‌टी के पति राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद हुआ। राज पर ‘हॉटशॉट’ नाम के एक ओटीटी प्लेटफाॅर्म के जरिए पोर्न बेचने के आरोप लगे थे। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वे जमानत पर हैं। देश में कब और कैसे हुई OTT की शुरुआत देश में OTT की शुरुआत 2008 में हुई थी। पहला डिपेंडेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘बिगफ्लिक्स’ था। इसे रिलायंस एंटरटेनमेंट ने साल 2008 में रिलीज किया था। इसके बाद 2010 में डिजिवाइव ने ‘नेक्सजीटीवी’ नाम से इंडिया का पहला ओटीटी मोबाइल एप लॉन्च किया। आईपीएल की लाइव स्ट्रीमिंग ने बढ़ाई लोकप्रियता 2013 और 2014 में नेक्सजीटीवी, आईपीएल मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग करने वाला पहला एप बना। इसके बाद 2015 में आईपीएल की लाइव स्ट्रीमिंग ने ही हॉटस्टार (जो अब डिज्नी+हॉटस्टार है) को देश का सबसे लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफॉर्म बनाया। 2013 में टीवी शोज भी ओटीटी पर आए 2013 में डिट्‌टो टीवी और सोनी लिव जैसे एप भी लॉन्च हुए, जिन्होंने स्टार, सोनी, वायकॉम और जी जैसे चैनल्स पर प्रसारित किए जाने वाले शोज भी ओटीटी पर स्ट्रीम करने शुरू कर दिए। इसके बाद दर्शकों ने बड़े पैमाने पर इन ओटीटी एप्स को डाउनलोड करके मनमर्जी से किसी भी वक्त अपने फेवरेट शोज देखना शुरू कर दिए। ————————— ये खबर भी पढ़ें… डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त:कहा- ये गंभीर मुद्दा, सरकार एक्शन ले; केंद्र बोला- नए नियमों पर काम जारी सुप्रीम कोर्ट में मार्च में ऑनलाइन अश्लील कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और 9 OTT-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। बेंच ने कहा था- कहा- ये गंभीर मुद्दा, सरकार एक्शन लें। पूरी खबर पढ़ें…

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