सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर के बाद दूसरा सबसे जानलेवा कैंसर है। इसके चलते हर साल 75 हजार महिलाओं की जान जा रही है। हालिया रिसर्च में हर साल 1 लाख 22 हजार सर्वाइकल कैंसर के नए केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा फोकस इससे बचाव को लेकर होना चाहिए। वैक्सीनेशन के जरिए इस कैंसर से बचा जा सकता है। महिलाओं की हेजिटेशन उनमें सर्वाइकल कैंसर बढ़ा रही है। इसके लिए सेल्फ स्क्रीनिंग जरूरी है। यह कहना है, कटक कैंसर हॉस्पिटल की एक्सपर्ट डॉ. भाग्यलक्ष्मी नायक का। उन्होंने बताया कि इसके खिलाफ जंग में इसकी स्क्रीनिंग भी बेहद जरूरी है। बेहद आसान तरीके से इसकी जांच की जा सकती है। वह रविवार को KGMU के गाइनोकोलॉजी ऑन्कोलॉजी विभाग की तरफ से सर्वाइकल की बीमारियों पर आयोजित वर्कशॉप के दौरान दैनिक भास्कर से बातचीत कर रही थीं। 10 साल बाद पता चलता है कैंसर, तब तक हो जाती है देर ओडिसा के कटक कैंसर हॉस्पिटल से आई डॉ.भाग्यलक्ष्मी नायक ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण जब सामने आते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, इसके लिए जरूरी है कि समय पर स्क्रीनिंग कराए और इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पायें। उन्होंने बताया कि जिस वायरस से यह कैंसर होता है उससे कैंसर बनने में करीब 10 साल का समय लगता है। SGPGI चंडीगढ़ से आईं डॉ.रिंपी ने बताया कि यह ऐसा वायरस है जिसको स्क्रीनिंग से पकड़ सकते हैं और इसे कैंसर बनने से रोक सकते हैं। विवाहित महिलाओं को जरूर करानी चाहिए जांच एम्स दिल्ली की डॉ.सीमा ने बताया कि सभी विवाहित महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए जांच जरूर करानी चाहिए। जिससे समस्या नजर आने पर तत्काल इलाज हो सके। उन्होंने बताया कि साल 2022 का आंकड़ा है कि करीब 75 हजार महिलाओं ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि हर साल 1 लाख से ज्यादा महिलाएं इस वायरस की चपेट में आ रही हैं। आसान जांच से स्क्रीनिंग की सुविधा डॉ.सीमा कहती है कि इस वायरस की जांच बहुत ही आसान है। महिलाएं स्वयं वजाइनल स्वैब लेकर जांच के लिए दे सकती हैं। जांच और स्क्रीनिंग इतनी आसान होने के बाद भी जनसंख्या के मुकाबले केवल 2% महिलाएं ही स्क्रीनिंग के लिए सामने आती हैं। उन्होंने बताया कि HPV टीकाकरण और नियमित स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर से बचाव के सबसे प्रभावी तरीके हैं। 9 से 45 साल की उम्र की महिलाओं HPV वैक्सीन उपलब्ध है, जो इस वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। रोजाना 20 महिलाओं की हो रही स्क्रीनिंग इस दौरान KGMU के गाइनीकोलॉजिक ऑन्कोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. निशा सिंह ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से HPV के कारण होता है। लेकिन समय पर पहचान और उपचार से इसे रोका जा सकता है। यही कारण है कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गाइनीकोलॉजिक ऑन्कोलॉजी विभाग में रोजाना करीब 20 महिलाओं की स्क्रीनिंग की जाती है,जिनमें से करीब 5 से 10 महिलाओं में कैंसर से पहले (प्री-कैंसर) होने वाली समस्या सामने आती हैं, जिनका समय रहते इलाज किया जाता है। जिससे महिलाओं को गंभीर बीमारी होने से बचाया जा रहा है। यह जानकारी विभाग की एचओडी प्रो. (डॉ.) निशा सिंह ने रविवार को दी। रविवार को हुआ वर्कशॉप का आयोजन डॉ. निशा सिंह ने बताया कि समय रहते महिलाओं की स्क्रीनिंग कर ली जाये तो उन्हें सर्वाइकल कैंसर के गंभीर खतरे से बचाया जा सकता है। रविवार को KGMU के गाइनीकोलॉजिक ऑन्कोलॉजी विभाग की तरफ से सर्वाइकल के पूर्व-कैंसरकारी बीमारियों के इलाज की नवीन जानकारियों का आदान- प्रदान करने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें देश के 170 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। महिलाओं की हेजिटेशन बन रही समस्या डॉ.निशा सिंह ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि कैंसर से पहले ही स्क्रीनिंग के जरिए सर्वाइकल की बीमारियों की जानकारी कर उनका निदान किया जाये, लेकिन महिलाओं की हेजिटेशन यानी झिझक एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है। वह जांच और इलाज के लिए पहले निकल कर सामने नहीं आती हैं और जब आती है तब तक बहुत देर हो जाती है। उन्होंने महिलाओं से अपील की है कि सभी महिलाओं को अपनी जांच एक बार जरूर करानी चाहिए, नहीं तो जीवन खतरे में पड़ सकता है।