पंजाब पुलिस को मिला अमृतपाल का टिंडर अकाउंट:अमृत संधू प्रोफाइल में लड़कियों से अश्लील चैट मिली; पार्टी भेज चुकी मानहानी नोटिस

पंजاब पुलिस को फरीदकोट में मारे गए समाजसेवी गुरप्रीत सिंह हरिनौ हत्या मामले में जांच करते हुए तरनतारन के खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ कुछ जानकारियां मिली हैं। पुलिस सूत्रों से सामने आया है कि अमृतपाल सिंह का टिंडर पर अमृत संधू नाम से अकाउंट था और वह इससे लड़कियों से अश्लील बातें भी करता था। पुलिस को जांच में कुछ चैट भी मिली हैं। हालांकि पुलिस की तरफ से अभी तक आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ चैट सामने आई हैं, जिन्हें लेकर दावा किया जा रहा है कि ये अमृतपाल का प्रोफाइल है और इस पर अमृतपाल की पुरानी तस्वीर भी लगी हुई है। हालांकि अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे इन चैट्स को लेकर साफ मना कर रही है और आरोप लगा रही है कि सरकार तरनतारन उप-चुनावों को लेकर अमृतपाल सिंह का नाम खराब करने का प्रयास कर रही है। दो महीने पहले टिंडर से मांगी गई थी जानकारी पंजاब पुलिस ने फरीदकोट में मारे गए समाजसेवी गुरप्रीत सिंह हरिनौ हत्या मामले में डेटिंग एप टिंडर से दो महीने पहले एक अकाउंट की जानकारी मांगी थी। पुलिस को शक था कि ये अकाउंट खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह से जुड़ा हुआ है। अब टिंडर की तरफ से इस अकाउंट संबंधी जानकारियां पंजाब पुलिस से सांझा की गई हैं। पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी पंजाब पुलिस ने टिंडर से इस खाते की व्यापक जानकारी मांगी है। इसमें 1 जनवरी 2019 से अब तक की सब्सक्राइबर डिटेल्स, नाम, जन्म तिथि, फोन नंबर, स्थान की जानकारी और आईपी एड्रेस लॉग शामिल है। पुलिस ने सभी लिंक्ड ईमेल आईडी और फोन नंबर, खाते द्वारा अपलोड की गई तस्वीरें और मीडिया फाइलें, दोस्तों/संपर्कों की सूची और म्यूचुअल मैच, चैट हिस्ट्री और टिंडर प्लेटफॉर्म के जरिए आदान-प्रदान किए गए संदेश और कोई अन्य विवरण की भी मांग की है। अमृतपाल की पार्टी भेज चुकी DGP को नोटिस वहीं, दूसरी तरफ अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे के लीगल एडवाइजर ईमान सिंह खैरा ने इस चैट को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि ये जानकारी कंट्राडिक्ट्री है। डीजीपी और फरीदकोट पुलिस ने जब इसकी जानकारी सांझा की थी तो पार्टी की तरफ से डीजीपी पंजाब को मानहानि का नोटिस भेजा गया था। 12 जून को भेजे गए इस नोटिस का आज तक डीजीपी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया। अगर ये चैट फेक नहीं है तो पार्टी को इसके सबूत क्यों नहीं दिए गए। मानहानि के नोटिस में इसी की मांग की गई है। दरअसल,तरनतारन चुनावों को लेकर ये सरकार चालें चल रही है। अमृतपाल का नाम खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। ये चैट फेक बनाई गई हैं। ये अगर वैरिफाई हो गया है तो डीजीपी इसका जवाब दे दें। हत्या जांच में टिंडर तक पहुंची थी पुलिस 26 मई को टिंडर को भेजे गए पत्र में पुलिस ने बताया कि 9 अक्टूबर 2024 को गुरप्रीत सिंह नाम के एक प्रसिद्ध ऑनलाइन कार्यकर्ता को मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच के दौरान पुलिस को ‘अमृत संधू’ नाम से एक टिंडर खाता मिला है, जिसके अमृतपाल सिंह से जुड़े होने का संदेह था। मृतक ‘हरिनौ टॉक्स’ नाम के फेसबुक पेज का संचालन करता था और सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह के खिलाफ मुखर था। पुलिस ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान मिले इस टिंडर खाते का संचार और डेटा विश्लेषण जांच एजेंसी को मामले को सुलझाने में मदद कर सकता है। बीते साल अमृतपाल का नाम जुड़ा था मामले में पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने पिछले साल अक्टूबर में दावा किया था कि हरिनौ की हत्या कथित तौर पर अमृतपाल सिंह के कहने पर की गई थी। अमृतपाल सिंह वर्तमान में कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में बंद है। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला इस हत्या का मुख्य साजिशकर्ता था। इस मामले में गिरोह के दो शूटरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं और वर्तमान में असम के डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत बंद हैं। अमृतपाल, जो ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखिया है और अब उसने अकाली दल वारिस पंजाब दे के नाम से अपनी पार्टी भी घोषित की है। अमृतपाल को उसके 9 साथियों के साथ जेल में बंद किया गया था, लेकिन दो महीने पहले ही उसके साथियों का एनएसए तो खत्म कर दिया गया, लेकिन उसका एनएसए तीसरी बार बढ़ा दिया गया।

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