‘तार सुलग रहा था। लोगों ने पुलिस और मंदिर कमेटी को यह बात बताई। लेकिन, उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। कुछ देर बाद एक पुलिस वाले ने सुलगते तार पर डंडा मारा, ताकि आग बुझ जाए। उसके बाद मंदिर में लाइन में लगे लोग गिरने लगे। मंदिर में पहली बार इतनी बड़ी घटना हुई, वह भी सावन के सोमवार को। मुख्यमंत्री की पुष्पवर्षा सुनकर मंदिर में भीड़ भी ज्यादा ही जुट गई थी।’ ये कहना है बाराबंकी के अवसानेश्वर महादेव मंदिर के प्रत्यक्षदर्शियों का, जहां करंट की वजह से भगदड़ मची और 2 की जान चली गई। मंदिर में मौजूद रहे लोगों का कहना है कि उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया गया। पुलिस और मंदिर कमेटी के पदाधिकारी हादसे के जिम्मेदार हैं। दैनिक भास्कर की टीम अवसानेश्वर मंदिर परिसर और जिला अस्पताल पहुंची, जहां हादसे में घायल श्रद्धालु भर्ती हैं। श्रद्धालुओं ने बताया- सावन के तीसरे सोमवार के मौके पर पुलिस-प्रशासन मेगा इवेंट करने की तैयारी में था। इसके लिए जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया। लेकिन, ग्राउंड पर वह तैयारियां और सावधानी नहीं बरती गई, जिससे यह हादसा हुआ। वहीं, डीएम शशांक त्रिपाठी का कहना है कि तार पर बंदर कूद गए थे, जिसके चलते हादसा हुआ। पहले 3 तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए प्रत्यक्षदर्शियों ने जो कुछ कहा जब तक शिकायत सुनते, लोग गिरने लगे
हादसे में घायल श्रद्धालु बैजनाथ ने बताया- तार से चिंगारी निकल रही थी। इसकी शिकायत मैंने मंदिर कमेटी के लोगों की थी, लेकिन उसे सुधारा नहीं गया। मंदिर प्रशासन उस बात को नजरअंदाज कर गया। मंदिर के कुछ लोगों ने कहा था कि थोड़ी देर में इसे सही करवा देंगे। वे लोग उसे सही करवा पाते, उससे पहले ही हर जगह करंट फैल गया। लोग भागने लगे, तो एक-दूसरे पर गिरने लगे। कुछ देर बाद मुझे होश नहीं रह गया। क्या हुआ, मुझे कुछ याद भी नहीं। पुलिसवाले ने सुलगना बंद करने के लिए डंडा मारा
हादसे में कोठी थाना क्षेत्र के गांव नकटा सेहरिया के रमेश (25) की जान चली गई। रमेश के भतीजे अंकित ने बताया- हमने देखा तार सुलग रहा है। एक लड़के ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन कोई बात सुनी नहीं गई। इसके बाद हमने देखा कि तार पर एक पुलिस वाले ने जाकर डंडा मारकर छोड़ दिया। इसके थोड़ी देर बाद लोग गिरने लगे। जहां पर तार लगा था, वहां दो-तीन पुलिसवाले ही मौजूद थे। खंभे के पास में यह घटना हुई। थोड़ी देर बाद चाचा ढूंढने पर भी वहां नहीं मिले। पुलिस ने तार पर डंडा मारा, मदद भी नहीं की
भगदड़ में घायल हुई संध्या की बहन शालिनी ने बताया- हम जल चढ़ाने जा रहे थे। कुछ पुलिसवालों ने सुलगते तार पर डंडा मारा। इससे करंट फैल गया। लोग भागने लगे, सब एक-दूसरे पर गिरने लगे थे। वहां से किसी तरह खींचकर अपनी बहन संध्या को निकाला। इसके बाद अस्पताल लेकर गए। अभी तक बहन की स्थिति सही नहीं है। मुझे भी करंट का झटका लगा था, लेकिन मैं बच गई। मैं बेहोश नहीं हुई थी, इसलिए अपनी बहन को बचाने के साथ दूसरे लोगों को भी बाहर खींचने में मदद कराई। मौके पर मौजूद पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की। 8 साल की पलक डर की वजह से बोल नहीं पा रही
घटना के बाद 8 साल की पलक बोल नहीं पा रही है। बुरी तरह से डरी पलक सिर्फ रो रही है। उसके बाएं हाथ में करंट के निशान भी बने हैं। अस्पताल में मौजूद उसकी मां और पिता हिम्मत बढ़ाते हुए नजर आते हैं। इसके बावजूद वह अभी घटना के बाद से उबर नहीं पाई है। पलक की मां सीमा ने कहा कि टिन में करंट लगा था। इसकी वजह से यह हादसा हुआ था। डरी सहमी पलक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। बात-बात पर वह रोने लगती है। हेलिकॉप्टर से होनी थी फूलों की बारिश, व्यवस्था का टोटा
स्थानीय निवासी रामेश्वर ने बताया कि मंदिर में विशेष इंतजाम था। खाद्य एवं रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा और हैदरगढ़ विधायक दिनेश रावत ने यहां पर पुष्प वर्षा करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया था। इसी सूचना के बाद यहां भीड़ बढ़ गई थी। सावन के तीसरे सोमवार को पुष्प वर्षा होनी थी, लेकिन हुई नहीं। पुलिस की तरफ से मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए आने वाले भक्तों के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग भी की गई थी। मंत्री और विधायक का प्रोग्राम कैंसिल हो गया
स्थानीय दुकानदार राम लोचन ने पुलिस की व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में भक्त यहां मौजूद थे, लेकिन पुलिस कम थी। आज मंत्री और विधायक का प्रोग्राम भी था, लेकिन कैंसिल हो गया। मंदिर प्रबंधन के अध्यक्ष संजय गिरी ने कहा- आज हम लोगों की कल्पना थी कि पुष्प वर्षा होगी। मंत्री और विधायक ने फूलों की बारिश करने के लिए सीएम से अनुरोध किया था। वहीं, जब उनसे पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। अब बात मंदिर परिसर की… 50 मीटर के टिन शेड में बिजली के तारों का जाल
मंदिर की मुख्य बिल्डिंग से सटा हुआ टिन शेड घाट की तरफ करीब 50 मीटर तक बना हुआ है। पूरा टिन शेड लोहे का है। यहां तक कि बैरिकेडिंग के लिए लगाए गए पाइप भी लोहे के हैं। बिजली के तारों का जाल पूरे टिन शेड पर फैला हुआ है। टिन शेड के ऊपर से भी बिजली के तमाम तार लगे हैं। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने दावा किया कि मंदिर से ही घाट पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को भी लाइट दी जाती है। घटना के बाद तार को हटाने का भी दावा किया गया। 50 मीटर के टिन शेड में बिजली का करंट रोकने के लिए सुरक्षा के कोई उपाय नहीं हैं। केबल बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए इधर-उधर ले जाई गई हैं। सावन के समय मंदिर में एक दिन में करीब 1 लाख भक्त दर्शन-पूजन और जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं। बंदरों ने कई जगहों पर काट दिया है तार
घटना के बाद मौके पर बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों की टीम भी मंदिर पहुंची। इस दौरान पूरी जांच पड़ताल करने के बाद अधिकारियों ने दावा किया कि मीटर तक बिजली के केबल में कोई फाल्ट नहीं है। मंदिर की तरफ से ही कनेक्शन अपने परिसर में कई जगहों पर ले जाए गए हैं। इन्हीं में से कहीं से करंट उतरा है। वहीं, जब बिजली विभाग के कर्मचारी केबल को जांचने पहुंचे तो कई केबल में बंदरों के काटने के निशान भी मिले। बंदरों ने कई जगहों पर केबल को क्षतिग्रस्त कर दिया है। ——————————- यह खबर भी पढ़ें… बाराबंकी के अवसानेश्वर मंदिर में भगदड़, 2 की मौत, जलाभिषेक के दौरान करंट फैलने से हादसा, 29 घायल यूपी में बाराबंकी के अवसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को भगदड़ मच गई। हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, 29 लोग घायल हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि रविवार रात 2.30 बजे जलाभिषेक के दौरान मंदिर परिसर में अचानक करंट फैलने से हादसा हुआ। भागने के दौरान लोग एक-दूसरे को कुचलते चले गए। (पूरी खबर पढ़िए)