मैं एक बात हमेशा कहता हूं, हमारा काम है लोगों को समझाना, ज़बरदस्ती नहीं। मैं जो कहता हूं, उसमें से जो अच्छा लगे, उसे अपनाइए। जो न अच्छा लगे, उसे छोड़ दीजिए। हाथ पकड़कर कोई किसी को समझाने नहीं जाएगा।
मैं अभी अयोध्या में श्रीराम महायज्ञ में शामिल होने के लिए आया हूं। मंत्रार्थ मंडपम की यह भूमि भी उतनी ही पवित्र है, क्योंकि यहीं प्रभु श्रीराम और भरत प्रकट हुए थे। मुझे यहां आकर अत्यंत श्रद्धा की अनुभूति हो रही है।
यह कहना है वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरूद्धाचार्य का। गुरुवार को वह अयोध्या पहुंचे थे। यहां पर वह चारुशिला कुंज में चल रहे श्री राम महायज्ञ में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। अब राजनीति गई, जब रामलला आए
मैं मानता हूं कि जैसे ही रामलला अयोध्या में विराजे, राजनीति खत्म हो गई। अब सब कुछ ठीक ही होगा। राम आए हैं, अब कृष्ण भी आएंगे। थोड़ा धैर्य रखिए, भगवान पर भरोसा रखिए, समय बदलेगा।
मैंने देखा कि कुछ लोग राम मंदिर के उद्घाटन में आमंत्रण के बावजूद नहीं आए। मैं साफ कहता हूं, राम का निमंत्रण ठुकराना, मतलब सनातन को ही ठुकराना है। आज कुछ लोग खुद को सनातनी कहते हैं और फिर राम को नकारते हैं। राम किसी एक के नहीं हैं, राम सबके हैं।
मैंने अपने भक्तों से यही कहा है कि इस दीपावली सिर्फ घर को मत सजाइए, प्रेम, भक्ति और एकता के दीपक भी जलाइए। मेरी भगवान से यही प्रार्थना है कि किसी का भी दीपक न बुझे। अयोध्या चुनाव हार पर क्या बोले थे अनिरुद्धाचार्य
अयोध्या में बीजेपी की हार पर स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने कहा था अयोध्या से मोदी जी हार गए। जिन्होंने राम का मंदिर बनवाया, जो राम को जन-जन तक पहुंचाए, वो हार गए। और जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई, वो जीत गए।
उन्होंने आगे कहा, मोदी जब भी विदेश जाते हैं तो वह वहां के राष्ट्राध्यक्षों को भगवद गीता भेंट करते हैं। दुनिया भर में गीता पहुंचाने वाले मोदी जी हार गए और राम को काल्पनिक बताने वाले लोग अयोध्या में जीत गए।
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, और लोगों ने इस पर खूब प्रतिक्रियाएं दी थीं।