पंजाब के लोग पहले ऑपरेशन सिंदूर और बाद में बाढ़ की वजह से लोग मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसी लिए ही पंजाब की प्रदेश सरकार मेंटल हेल्थ पॉलिसी लेकर आई है। इसमें मानसिक तनाव के कारण, लक्षण और बचाव पर काम किया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की हैप्पीनेस स्कीम की तर्ज पर काम किया जाएगा। पंजाब के हेल्थ मिनिस्टर बलवीर सिंह ने इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि पहले ऑपरेशन सिंदूर हुआ तो सीमा के दोनों तरफ से ड्रोन चल रहे थे और मोर्टार गिर रहे थे और लोग फिर भी अपने काम कर रहे थे। इसके बाद आई सबसे बड़ी बाढ़ जिसने अब तक आईं बाढ़ में से सबसे ज्यादा नुकसान किया है। इसने मेंटल हेल्थ पर असर डाला है। 16 करोड़ लोग अपने देश या घरों से बाहर हेल्थ मिनिस्टर बलवीर सिंह कहते है कि मानसिक तनाव के समस्या के मद्देनजर हमने इस बार वर्ल्ड हेल्थ मेंटल डे के मौके पर थीम भी Mental Health catastrophes and natural disaster रखा है। दुनिया में तकरीबन 16 करोड़ लोगों को घर या देश से निकाला जा चुका है। इस पर बात करते हुए बलवीर सिंह ने बताया कि कैटास्ट्रोफीज (Catastrophe) यानि घोर परेशानी, निराशा आदि उत्पन्न करने वाली घटनाएं हैं। हेल्थ मिनिस्टर आगे बताते हैं कि जो गाजा में हो रहा है वह कैटास्ट्रोफीज है, जो यूक्रेन में हो रहा वह कैटास्ट्रोफीज है और जो पंजाब में हुआ वह सबसे खराब प्रकार की प्राकृतिक आपदा है। इस हालात में जब लोगों का बहुत ज्यादा नुकसान हो गया है, लोगों की जमीन बरबाद हो गई, घर टूट गए और बच्चे परेशान हैं तो मेंटल हेल्थ बढ़ जाती है। छोटे होते थे तो हम पढ़ते थे कि तंदरुस्त शरीर होना जरूरी है, मगर अब साइंस इस नतीजे पर पहुंची है कि माइंड का हेल्दी होना जरूरी है। क्योंकि इस समय लोग तनाव में हैं। पंजाब में बाढ़ के साथ नशा तस्करों की वजह से मेंटल हेल्थ खराब हो रही है। इसके अलावा विदेशों से डिपोर्ट किए गए युवक भी मेंटल हेल्थ से परेशान हैं। प्राइमरी हेल्थ सेंटरों पर ही होगा इलाज
हेल्थ मिनिस्टर बलवीर सिंह कहते है कि वह चाहते हैं कि इसकी हर जगह पर बातचीत और जांच होनी चाहिए ताकि मरीज को यह कलंक न लगे। वह इसका हर स्तर पर इलाज करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर कोई भी मोहल्ला क्लिनिक तक भी जाता है तो वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ से लेकर डॉक्टर को तक पता है कि मानसिक तनाव भी होता है और वह वहां पर भी इसका इलाज शुरू कर देते हैं। महिलाएं और बच्चे ज्यादा दिक्कत, इस पर फोकस करेगी सरकार
हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि मानसिक तनाव की सबसे बड़ी दिक्कत महिलाओं के अलावा बच्चों को भी है। महिलाएं छोटी छोटी बातों से ज्यादा तनाव लेती हैं। जबकि बच्चों की परीक्षाएं और इंटरव्यू के कारण वह तनाव में रहते हैं। इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सेहत विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, पुलिस विभाग व शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
मनीषा सिसोदिया के हैप्पीनेस कार्यक्रम की तरज पर होगा काम
दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से शुरू किए गए हैप्पीनेस कार्यक्रम की तरफ पर हम काम करेंगे। इसमें बच्चों को परीक्षा के दौरान स्ट्रेस से कैसे निकालना है, जैसी चीजों पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से मिशन चड़दीकला और रंगला पंजाब शुरू किया गया है। उसके लिए भी जरूरी है कि हम मानसिक तनाव के मरीजों में कमी लाएं।