यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इंसानी खोपड़ी का सूप बनाकर पीने वाले राम निरंजन कोल उर्फ राजा कोलंदर की रिहाई मंजूर की है। मंजूरी मिलने के बाद शासन ने 4 सितंबर को रिहाई का आदेश भी जारी कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट, 1938 की धारा-2 और संबंधित नियमों का हवाला दिया गया है। लेकिन राजा कोलंदर की रिहाई अटक गई है। राजा कोलंदर उन्नाव जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उन्नाव जेल के वरिष्ठ अधीक्षक पंकज कुमार सिंह ने बताया- दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा होने के कारण उसकी रिहाई फिलहाल संभव नहीं है। एक ही मामले में उसका रिहाई आदेश जारी हुआ है। ऐसे में वह जेल में ही बंद रहेगा। उधर, रिहाई की खबर पर मृतक पत्रकार धीरेंद्र के बेटे संदीप ने कहा- कोलंदर महज उसके पिता का हत्यारा नहीं। उनके जैसे कई अन्य निर्दोषों की भी जानें उसने लीं। ऐसा अपराधी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं। उसे फांसी की सजा होनी चाहिए। अब विस्तार से पढ़िए राजा कोलंदर प्रयागराज के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के हिनौती गांव का रहने वाला है। नैनी स्थित केंद्रीय आयुध भंडार छिवकी में कर्मी था। कर्मचारी होने के बावजूद वह खुद को राजा ही समझता था। उसका कहना था कि जो आदमी उसे पसंद नहीं उसे वह अपनी अदालत में सजा जरूर देता है। अजीब सोच के कारण कोलंदर ने अपनी पत्नी का नाम फूलन देवी और दोनों बेटों के नाम अदालत और जमानत रखे थे। वहीं, बेटी का नाम आंदोलन रखा था। उसकी पत्नी फूलन देवी जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। उस पर 14 लोगों की नृशंस हत्या का आरोप है। प्रयागराज में पत्रकार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड में वर्ष 2012 में अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा पांच महीने पहले लखनऊ में भी एक अन्य डबल मर्डर और अपहरण मामले में आजीवन कारावास का दंड दिया गया था। 25 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद राजा कोलंदर करीब 25 वर्षों से जेल में बंद है। उसने अब तक 23 वर्ष, 10 महीने, 27 दिन की अपरिहार्य सजा और 27 वर्ष, तीन महीने, तीन दिन की सपरिहार्य सजा काट ली है। रिहाई की मंजूरी नौ शर्तों के साथ दी गई थी। शासनादेश के अनुसार, उसका बेटा नवीन कुमार अभिरक्षक रहेगा और शर्तों के उल्लंघन पर कोलंदर को फिर से जेल भेजा जाएगा। यह आदेश चार सितंबर का है। लेकिन दूसरे केस में सजा होने के कारण वह अब जेल में ही रहेगा। सशर्त रिहाई की यह थी शर्तें कारागार प्रशासन ने राजा कोलंदर को लाइसेंस पर सशर्त रिहाई की अनुमति दी थी। इसके तहत उसे अपने अभिभावक नवीन कुमार की देखरेख में रहना था। उसे निवास, रोजगार और आचरण से संबंधित सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य था। किसी भी शर्त के उल्लंघन पर राज्य सरकार लाइसेंस रद्द कर उसे फिर से जेल भेज सकती थी। पत्रकार परिवार में आक्रोश और डर
राजा कोलंदर के रिहाई आदेश की खबर से पत्रकार धीरेंद्र सिंह के परिजनों में गहरा आक्रोश है। उनके बड़े भाई वीरेंद्र सिंह ने कहा- जिस नरभक्षी ने 14 लोगों को बेरहमी से मारा, उसकी रिहाई समाज के लिए गलत संदेश है। उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री को पत्र भेजकर आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है। वीरेंद्र ने बताया- 14 दिसंबर 2000 को धीरेंद्र की हत्या के बाद पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर कई मानव कंकाल बरामद किए थे। उसके पिगरी फॉर्म हाउस से मानव खोपडिय़ां भी बरामद हुई थीं। बेटा बोला- फांसी की सजा हो पत्रकार धीरेंद्र के बेटे संदीप ने कहा- कोलंदर महज उसके पिता का हत्यारा नहीं। उनके जैसे कई अन्य निर्दोषों की भी जानें उसने लीं। ऐसा अपराधी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं। उसे फांसी की सजा होनी चाहिए। पत्नी और बेटे का भी हो चुका है निधन पत्रकार धीरेंद्र सिंह की पत्नी नीना सिंह और छोटे बेटे राहुल का निधन हो चुका है। परिवार में अब बेटा संदीप और बेटी नेहा हैं। नेहा की शादी हो चुकी है और संदीप अपने पैतृक गांव बसहरा (शंकरगढ़) में रहकर खेती करता है। भाई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि धीरेंद्र की हत्या के छह महीने बाद ही उनकी पत्नी नीना की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। परिवार आज भी उस दर्द से उबर नहीं सका है। नेटफ्लिक्स पर आई थी कोलंदर के खौफ की डॉक्यूमेंट्री राजा कोलंदर की सीरियल किलिंग की भयावह कहानी पर नेटफ्लिक्स ने “Indian Predator: The Diary of a Serial Killer” नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। यह सीरीज 2022 में आई थी और उस वक्त देशभर में सुर्खियों में रही थी। अब पढ़िए पत्रकार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड: लिंग और धड़ काटकर फेंका प्रयागराज में पत्रकार धीरेंद्र सिंह का 14 दिसंबर 2000 को शव मिला था। इस हत्याकांड की जांच करते हुए पुलिस पहली बार राजा कोलंदर तक पहुंची। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। सख्ती से पूछताछ की, तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। राजा कोलंदर ने पूछताछ में पुलिस को बताया- एक मामले में पत्रकार धीरेंद्र के भाई ने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। तभी तय कर लिया था कि धीरेंद्र सिंह की हत्या करनी है। राजा कोलंदर ने बताया कि धीरेंद्र सिंह को प्रयागराज स्थित अपने पिपरी फार्म हाउस पर बुलाया। धीरेंद्र सिंह बाइक से पहुंचा था। सर्दी थी, इसलिए अलाव जला रखा था। धीरेंद्र सिंह अलाव के पास बैठा था तभी राजा कोलंदर के साले वक्षराज ने गोली मार दी। मौके पर ही धीरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया। कोलंदर और वक्षराज ने धीरेंद्र के शव को टाटा सूमो से लेकर मध्यप्रदेश की सीमा में पहुंचे। वहां पहले धीरेंद्र का सिर और लिंग काट दिया। लिंग और धड़ को वहीं खेत में दफना दिया। जबकि, उसका सिर एक पन्नी में लपेटकर रीवा के बाणसागर तालाब में फेंक दिया। मर्डर केस की जांच के दौरान पुलिस को राजा कोलंदर के घर से तलाशी में डायरी मिली। इस डायरी ने 14 हत्याओं का राज खोल दिया। पुलिस ने जब राजा कोलंदर की डायरी के पन्ने पलटने शुरू किए तो सन्न रह गए। पुलिस ने डायरी के आधार पर उससे पूछताछ की तो पूरी कहानी सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने उसके फॉर्म हाउस में छापा मारा। वहां से अशोक कुमार, मुइन, संतोष और काली प्रसाद के नरमुंड बरामद हुए, इसकी हत्या का जिक्र डायरी में था। पूछताछ में पता चला कि राजा कोलंदर ने कुल 14 लोगों का कत्ल किया था। वह जरा-जरा सी बात पर लोगों का खून कर देता था। ———————– ये खबर भी पढ़ें… 14 हत्याएं कबूलने वाला राजा कोलंदर सजा सुनते ही मुस्कुराया:लखनऊ में जज से बोला- साहब, सजा मंजूर, खिलखिलाते हुए जेल गया लखनऊ ADJ कोर्ट ने नरभक्षी राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने रायबरेली के रहने वाले मनोज सिंह (22) और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की साल 2000 में अपहरण के बाद हत्या में दोनों को दोषी माना। पढ़ें पूरी खबर…