मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर मामला लगातार पेचीदा होता जा रहा है। अब मनीमाजरा पाकेट नंबर 6 में नगर निगम की जिस जमीन पर यह प्रोजेक्ट बनाने की योजना है। नगर निगम की वह जमीन की कम निकली है। अब यहां पर पहले से बनी एक ईदगाह और शोरूम संचालक को नोटिस दिया गया है और उन्हें अपने कागजात दिखाने के लिए कहा गया है। अब इस पूरे रिकार्ड को नगर निगम की तरफ से बनाई गई कमेटी के समक्ष पेश किया जाएगा। इस कमेटी की बैठक सोमवार को होनी है। इसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा कि आखिर यह जमीन है कितनी और इसे किस तरह से इस्तेमाल किया जाना है। मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर अब जॉनिंग प्लान भी दोबारा से बनाना पड़ सकता है, क्योंकि यह प्लान पहले से ही विवादों में है और अब जगह में बदलाव हुआ है। नगर निगम द्वारा करवाई गई पैमाइश में यह जमीन 29.15 एकड़ है और इसमें 15.35 एकड़ जमीन ही खाली मिली है। जबकि इससे पहले 33.55 एकड़ जमीन को लेकर जॉनिंग प्लान बनाया गया था। रेजिडेंशियल एरिया के लिए 5 प्लॉट मनीमाजरा में पॉकेट नंबर 6 में निगम की कुल 33.55 एकड़ जमीन है, जिसमें से 7.7 एकड़ रेजिडेंशियल एरिया के लिए 5 प्लॉट हैं। इनके अलावा स्कूल, कॉमर्शियल एरिया, संत निरंकारी भवन, कस्तूरबा, रैन बसरा, ओपन ग्रीन एरिया और कुछ रिजर्व लैंड है। नगर निगम के अधिकारी इस प्रापर्टी को आक्शन कर इससे पैसा कमाना चाहते हैं। जिससे 786 करोड़ रुपए आने हैं। मगर विरोधी पार्षद इसमें खामियां बताकर इस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। यही नहीं हाउस की बैठक में इसके लिए दस करोड़ रुपए सड़कें, सीवरेज और पीने लायक पानी की पाइप डालने के लिए दस करोड़ रुपए को भी मंजूरी दे चुकी है। बनाए गए प्लान के तहत बिल्डिंग की ऊंचाई 72 फुट तय की गई है और इसे लेकर भी पार्षदों द्वारा इसे भी गलत बताया जा रहा है। कमेटी बनते ही चार पार्षदों का इस्तीफा मेयर हरप्रीत कौर बबला की तरफ से तीन अक्तूबर को आठ सदस्य कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें दो पार्षद आम आदमी पार्टी, दो भारतीय जनता पार्टी, दो कांग्रेस और दो मनोनीत पार्षदों को लिया गया था। मगर इनमें से विरोधी पक्ष के चारों पार्षदों ने अगले ही दिन यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया गया उन्हें गलत कार्य में भागीदार बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसे वह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। वह इस प्रोजेक्ट का कभी हिस्सा नहीं बनेंगे। प्रोजेक्ट को लेकर विवाद पर अंकुश के आसार नहीं मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट पर चल रहे विवाद से थमने के आसार नहीं हैं क्योंकि विरोधी पार्षद इसे मानने को तैयार ही नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक इसकी खामियों को सही नहीं किया जाता है तो वह इसे पास नहीं होने देंगे। भले इसे चार या पांच बार और हाउस में लाया जाए। जब तक सभी पार्षदों को इसके लिए सहमत नहीं कर लिया जाता। इसे पास नहीं किया जा सकेगा। सोमवार को होगी नगर निगम कमेटी की बैठक नगर निगम की तरफ से इस पर शुरू हुए विवाद और कमियों को दूर करने के लिए पार्षद सरबजीत कौर की अगुवाई में बनाई गई कमेटी एक बार बैठक कर चुकी है। चेयरपर्सन सरबजीत कौर के अनुसार जगह की पैमाइश हो गई है। हमने कम मिली जगह के बारे में जानने के लिए वहां पर पहले से कब्जा लोगों को नोटिस देकर कागजात दिखाने के लिए कहा है। निरंकारी भवन के संचालकों द्वारा कागजात दिखा दिए गए हैं। जबकि बाकी की जांच अभी जारी है। सोमवार को बैठक में इस पर ज्यादा जानकारी मिल पाएगी।