पंजाब सरकार ने माना- बाढ़ से 13800 करोड़ का नुकसान:BJP नेता का दावा- सही आकलन नहीं कर पाए CM मान, केंद्र ने भेजे 805 करोड़

पंजाब में बाढ़ का आकलन करने में पंजाब सरकार पूरी तरह से फेल रही। पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री सभी नुकसान का आंकड़ा 20 हजार करोड़ के पार बताते रहे जबकि चीफ सेक्रेटरी 13 हजार करोड़ के आसपास बताते रहे। केंद्र सरकार ने जब पंजाब सरकार से नुकसान का आंकड़ा मांगा तो सरकार समय पर आंकड़े उपलब्ध नहीं करवा पाई। अब आखिर में राज्य सकार ने केंद्र को लिखकर दे दिया है कि सूबे में बाढ़ से 13800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह दावा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया ने लुधियाना में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान किया। मनोरंजन कालिया ने कहा कि 30 सितंबर को जब मुख्यमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री से मिले थे तो उन्होंने नुकसान का आंकड़ा मांगा, जिसे उपलब्ध करवाने में पंजाब सरकार को 10 दिन लग गए। पीएम के दौरे में सीएम होते तो पंजाब को फायदा होता
मनोरंजन कालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पंजाब के दौरे पर आए थे तो उस दिन सरकार का कोई वरिष्ठ मंत्री वहां मौजूद नहीं था। अगर उस दिन मुख्यमंत्री या वित्त मंत्री होते तो बात स्पष्ट हो जाती। सरकार ने खानापूर्ति के लिए अपने जूनियर मंत्रियों को भेज दिया। जिन्हें इस बारे में ABC तक पता नहीं थी। मुख्यमंत्री बीमार थे तो वित्त मंत्री को उस बैठक में होना चाहिए था। चीफ सेक्रेटरी ने 13000 करोड़ के नुकसान का जताया था अंदेशा मनोरंजन कालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान जब बैठक हुई तो उस बैठक में चीफ सेक्रेटरी ने बताया था कि नुकसान 13000 से 13500 करोड़ रुपए के करीब हुआ है। जबकि उनके मंत्री उसी दिन 20 हजार करोड़ और 50 हजार करोड़ का नुकसान बता रहे थे। कालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक से पहले अफसरों ने व सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। केंद्र सरकार ने 805 करोड़ रुपए जारी भी किए मनोरंजन कालिया ने कहा कि केंद्र सरकार अपने कमिटमेंट को पूरा कर रही है। सरकार ने जो 1600 करोड़ रुपए के पैकेज की बात की थी उसमें से 805 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए। एनएचएआई की सड़कों को जहां नुकसान हुआ था उनको ठीक किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि बाकी की रकम भी केंद्र सरकार जल्दी ही जारी करने वाली है। बाढ़ से पंजाब की 4.8 लाख एकड़ फसल नष्ट कालिया ने कहा कि बाढ़ से 4.8 लाख एकड़ से अधिक फसल नष्ट हुई, लगभग 17,000 घर क्षतिग्रस्त हुए, 2.5 लाख से अधिक पशुधन प्रभावित हुए और 4657 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों व 485 पुलों को भारी क्षति पहुंची। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को नुकसान की रिपोर्ट पहुंचाने में देरी कर दी। अगर समय पर रिपोर्ट उपलब्ध होती तो अब तक पैसे जारी हो जाते। बाढ़ प्रबंधन और फिर आकलन में फेल रही सरकार कालिया ने कहा क पंजाब सरकार बाढ़ प्रबंधन से लेकर नुकसान के आकलन करने में पूरी तरह से फेल रही है। उन्होंने कहा कि 2023 की विनाशकारी बाढ़ के बाद, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड की एक समिति ने बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए जून 2024 में सतलुज, ब्यास और घग्गर के बाढ़ के मैदानों के लिए एक सर्वे का प्रस्ताव रखा। सतलुज दरिया के सर्वेक्षण के लिए 0.92 करोड़ जारी तो हुए लेकिन सरकार ने इसके लिए टैंडर तक जारी नहीं किया। जिससे साफ है कि राज्य सरकार ने बाढ़ प्रबंधन को गंभीरता से नहीं लिया। तीन-तीन स्कीमों में पैसे बटोर रही सरकार मनोरंजन कालिया ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रबंधन के नाम पर सहयोग देने वालों को भी परेशान कर रही है। राज्य में सीएम रिलीफ फंड पहले से है और सरकार ने रंगला पंजाब सोसाइटी बनाकर उसमें फंड लेना शुरू कर दिया। एक और योजना का नाम पठानकोट के सेहत विभाग के पत्र से सामने आया जिसमें चढ़ती कला मिशन लिखा है। इस तरह सरकार तीन खातों में पैसे ले रही है। सरकारी कर्मचारियों व अफसरों से जबरन पैसे ले रही सरकार मनोरंजन कालिया ने प्रेस कान्फ्रेंस में एक पत्र दिखाया और दावा किया कि यह पत्र सिविल अस्पताल पठानकोट के एसएमओ ने अस्पताल के कर्मचारियों को लिखा है। जिसमें कहा गया कि सीनियर मेडिकल अफसरों को 8000 रुपए, मेडिकल अफसरों को 5000 रुपए सीनियर फार्मेसी अफसरों को 2000 रुपए इस फंड में देने होंगे। यहां तक कि अस्पताल के दर्जा चार कर्मचारी से भी एक हजार रुपए चढ़दी कला मिशन के लिए देने को कहा गया। ये नेता रहे उपस्थित प्रेस कान्फ्रेंस में भाजपा प्रदेश की सचिव रेनू थापर, प्रदेश खजांची गुरदेव शर्मा देबी, जिला उपाध्यक्ष मनीष चोपड़ा, महामंत्री सरदार नरेंद्र सिंह मल्ली, यशपाल जनोत्रा, प्रेस सचिव डा सतीश कुमार, सोशल मीडिया सचिव राजन पांधे, प्रवक्ता सुरेंद्र कौशल इत्यादि मौजूद थे।

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