तेजप्रताप यादव ने छोटे भाई तेजस्वी को अन फॉलो किया:X पर लालू-राबड़ी को कर रहे फॉलो; कल जारी करेंगे कैंडिडेट्स की लिस्ट

लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को एक्स पर अन फॉलो कर दिया है। इससे पहले तेजप्रताप अपनी बड़ी बहन मीसा यादव और हेमा यादव को भी अन फॉलो कर चुके हैं। तेजप्रताप के फॉलोइंग लिस्ट में अब केवल 5 लोगों के नाम हैं। जिनमें परिवार से पिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी और एक बहन राज लक्ष्मी यादव का नाम हैं। पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद से लगातार तेजप्रताप यादव तेजस्वी से दूरी बनाते जा रहे हैं। वो कई मौके पर तेजस्वी का नाम लिए बिना उनपर हमला कर चुके हैं। हाल ही में तेजस्वी ने ऐलान किया था कि, महागठबंधन की सरकार बनेगी तो बिहार के जिस भी परिवार के पास सरकारी नौकरी नहीं है, ऐसे हर परिवार को एक नया अधिनियम बनाकर अनिवार्य रूप से नौकरी दी जाएगी। इस पर तेजप्रताप ने कहा था कि पहले आरजेडी की सरकार बने तो। महुआ से चुनाव लड़ने का ऐलान राजद से निकाले जाने के बाद तेजप्रताप जनशक्ति जनता दल पार्टी के अध्यक्ष हैं। वो लगातार बिहार में घूमकर अपनी बातों को रख रहे हैं। तेजप्रताप यादव ने ऐलान किया है कि वो महुआ से चुनाव लड़ेंगे। महुआ विधानसभा सीट से राजद के मुकेश रौशन विधायक हैं। मुकेश तेजस्वी के खास माने जाते हैं। वो 13 अक्टूबर को अपनी पार्टी के कैंडिडेट्स का ऐलान करेंगे। अखिलेश यादव मेरा फोन नहीं उठाते हाल ही में तेजप्रताप यादव का एक ऑडियो क्लिप सामने आया था। उसमें वो कह रहे थे कि, ‘आपने सपा की बात की तो सुनिए। मैंने मैसेज भिजवाया। मैंने कॉल किया। जिस ताज होटल में वो ठहरे थे, वहां मैंने अपने आदमी को भेजा। मैंने बहुत बार उनको कॉल किया। पहले उनसे मेरी लगातार बात होती थी, लेकिन उस दिन से बाद से कोई बात नहीं होती है। मैंने फिर अखिलेश यादव को ब्लॉक कर दिया।’ तेज प्रताप-तेजस्वी की तकरार का सियासत पर असर समझिए लालू के दोनों बेटों के बीच की ये तकरार 2025 के चुनाव में बिहार की सियासत को 2 तरह से प्रभावित कर सकती है। 1. वोटों का होगा बंटवारा तेज प्रताप के पास भले अपना तेजस्वी की तरह कोई मजबूत जनाधार नहीं है, लेकिन जिस तरह वह अपनी छवि लालू की तरह गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं, इससे RJD के कोर वोट बैंक में कुछ सेंधमारी जरूर कर सकते हैं। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि इसका सीधा नुकसान तेजस्वी को होगा। 2020 विधानसभा चुनाव के करीबी नतीजों (NDA से सिर्फ 0.23% वोट शेयर कम) को देखते हुए निर्णायक हो सकता है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट अरुण पांडे ने बताया, ‘तेज प्रताप ऐलान कर चुके हैं कि वो अलग चुनाव लड़ेंगे। न केवल अलग लड़ेंगे, बल्कि महुआ से लड़ेंगे। इसके अलावा वो अपने समर्थकों को भी मैदान में उतारेंगे। इसका सीधा नुकसान तेजस्वी यादव को होगा।’ जहानाबाद में नुकसान कर चुके हैं तेज प्रताप 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान तेज प्रताप जहानाबाद और शिवहर सीट से अपने करीबियों को मैदान में उतारना चाहते थे। टिकट को लेकर खूब जोर-अजमाइश की, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने दोनों जगहों से निर्दलीय अपना प्रत्याशी उतार दिया। हालांकि, शिवहर के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया। सिर्फ जहानाबाद से तेज के करीबी चंद्र प्रकाश ही चुनाव लड़े। इसका जोर-शोर से प्रचार लालू के बड़े बेटे ने किया। तब तेज प्रताप ने लोगों से कहा था, ‘आप यह जान लीजिए यहां से चंद्र प्रकाश नहीं, लालू के बड़े बेटे लड़ रहे हैं। उसको जिता दीजिए।’ इसके बदौलत चंद्र प्रकाश को चुनाव में 7,755 वोट मिले और JDU के चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी RJD के सुरेंद्र प्रसाद यादव से 1,751 वोटों से चुनाव जीत गए। चुनाव बाद कहा गया कि अगर तेज प्रताप ने वहां अपना प्रत्याशी नहीं दिया होता तो RJD चुनाव जीत जाती। 2. परिवार की छवि को नुकसान ‘घर टूटे, गंवार लूटे’ यह कहावत बिहार में खूब प्रचलन में है। यही कारण है कि इससे पहले भी समय-समय पर तेज प्रताप के बगावत को विरोधी खासकर BJP हवा देती रही है। कभी वह पार्टी में शामिल होने का सुझाव देती है तो कभी अलग रास्ता अख्तियार करने का। राजनीति में परसेप्शन का खेल होता है। विरोधी इसे तेजस्वी की नाकामी से जोड़कर देखेंगे और परिवार को एकजुट नहीं रख पाने का आरोप लगाएंगे। पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘तेज प्रताप को RJD और परिवार से बाहर निकालना। उनके द्वारा मीसा भारती, राज लक्ष्मी, और हेमा यादव जैसे परिवार के सदस्यों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो करना, परिवार में टूट को सार्वजनिक करता है। यह तेजस्वी की एकजुट नेतृत्व की छवि को कमजोर करेगा। विरोधी उनके व्यवहार को भुनाने का प्रयास करेंगे।’ अब पढ़िए, यादव परिवार में दरार की कहानी… लालू प्रसाद यादव। जिन्होंने बिहार की सियासत को अपने करिश्माई नेतृत्व और मुस्लिम-यादव समीकरण से 15 साल राज किया। पत्नी राबड़ी देवी को CM और बेटे को डिप्टी सीएम बनाया। अपने MY समीकरण के बदौलत आज भी वह बिहार की सियासत के धुरी बने हुए हैं, लेकिन तेजप्रताप के एक पोस्ट से परिवार में बवाल मच गया। 24 मई 2025 की शाम तेजप्रताप के सोशल अकाउंट से एक पोस्ट शेयर हुई, जिसमें तेजप्रताप और अनुष्का यादव के 12 साल से रिलेशनशिप में होने की बात कही। हालांकि, तेजप्रताप ने पहले इसका खंडन किया, और कहा, ‘मेरी आईडी हैक करके झूठी खबर दी गई है। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।’ बाद में एक टीवी चैनल से बातचीत में माना की पोस्ट उन्होंने किया, लेकिन फोटो-वीडियो शेयर नहीं की थी। इसके दूसरे दिन लालू यादव ने बड़े बेटे को पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया। पार्टी-परिवार से बाहर होते ही दोनों भाई में बढ़ी दूरी अब चुनाव के ठीक मुहाने पर लालू उम्र के ढलान पर हैं तो उनके दोनों बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच दबे पांव सत्ता की जंग छिड़ चुकी है। तेजस्वी RJD के भविष्य हैं, जिन्हें लालू ने अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। वहीं, तेज प्रताप अपनी अलग पहचान बनाने को बेताब हैं, लेकिन उनके विवादास्पद बयान उन्हें बार-बार मुश्किल में डाल रहे हैं। बिहार की सियासत में तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच उभरता टकराव किसी बॉलीवुड फिल्मी ड्रामे से कम नहीं है। यह कहानी न केवल राजनीतिक है, बल्कि पारिवारिक, भावनात्मक और सत्ता के संघर्ष की भी है। —————————- ये खबर भी पढ़ें लालू ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निकाला:कहा- बड़े बेटे की हरकत गैरजिम्मेदाराना; महिला के साथ पोस्ट वायरल हुई थी आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया है। लालू ने इसकी जानकारी फेसबुक पर पोस्ट करके दी।तेजप्रताप यादव के एक महिला के साथ फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसमें वह एक लड़की के साथ दिख रहे हैं। यूजर्स तेजप्रताप की दूसरी शादी का दावा कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें

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