आरा में बाजार समिति कैंपस को खाली करने आदेश:छठ पूजा पर पड़ेगा असर, फल और सब्जी महंगे होंगे; वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से कारोबारी नाराज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच भोजपुर जिला प्रशासन ने चुनाव कार्य के लिए आरा बाजार समिति कैंपस को खाली कराने का आदेश जारी किया है। प्रशासनिक फैसले के बाद बाजार समिति के व्यापारी नाराज हैं। इसे छठ और दीपावली के दौरान व्यापार पर चोट बताया है। जिले में 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होना है, जबकि इसी समय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा भी पड़ रहा है। छठ से पहले जिलेभर में फल, सब्जी और पूजन सामग्री की मांग तेज होती है। ऐसे में बाजार समिति का खाली होना व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। जाम की समस्या बढ़ सकती है आरा बाजार समिति वह केंद्र है, जहां एक ही जगह फल से लेकर पूजा-सामग्री तक की पूरी खरीदारी आसानी से हो जाती है। जिले के विभिन्न इलाकों के खुदरा व्यापारी यहीं से सामान लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में आपूर्ति करते हैं। इस बार चुनाव की तैयारी के कारण बाजार समिति को खाली कराया जा रहा है। इससे व्यापारी वैकल्पिक स्थानों पर दुकान और गोदाम भाड़े पर लेने को मजबूर हैं। बाजार समिति खाली होने के बाद लोगों को अलग-अलग जगहों से सामान खरीदना पड़ेगा, जिससे शहर में भीड़-भाड़ और जाम की स्थिति और गंभीर हो सकती है। हाल के दिनों में शहर में पहले से ही जाम की समस्या बनी हुई है, ऐसे में त्योहार के समय यह और बढ़ेगी। व्यापारियों की शिकायत के बावजूद अब तक जिला प्रशासन की ओर से किसी वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था नहीं की गई है। व्यापारी वर्ग ने मांग की है कि चुनाव की व्यवस्था और व्यापार, दोनों को संतुलित रखने के लिए प्रशासन शीघ्र कोई समाधान निकाले, ताकि आम लोगों को त्योहार के समय परेशानी न उठानी पड़े। वैकल्पिक व्यवस्था की मांग बाजार समिति व्यापारी संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडेय उर्फ मंटू पांडेय ने कहा कि भोजपुर जिले में पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान होना है, जबकि इसी दौरान लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा भी मनाया जाएगा। ऐसे में व्यापारियों ने पहले से ही अपने सप्लायर और किसानों को अग्रिम भुगतान कर दिया था। चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी। लेकिन तारीख तय होते ही जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर बाजार समिति को खाली करने का निर्देश दे दिया। व्यापारी प्रतिनिधियों ने डीएम और एसडीओ से मिलकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की, परंतु अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। इस आदेश के बाद व्यापारियों ने अपनी दुकानें और गोदाम खाली करना शुरू कर दिया है। आरा बाजार समिति से भोजपुर समेत आस-पास के पांच जिलों को फल और अन्य सामग्रियों की आपूर्ति की जाती है। अब समिति खाली होने से व्यापारियों को अन्यत्र जगह किराए पर लेकर काम करना पड़ रहा है, जिससे उनका अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इस खर्च का असर सीधे ग्राहकों पर पड़ेगा। इस बार छठ पूजा के दौरान फलों और सामग्रियों की कीमतों में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। पांच से छह जिलों में असर साथ ही, बाजार समिति बंद होने से लोगों को एक ही स्थान पर सभी वस्तुएं उपलब्ध नहीं होंगी, जिससे खरीदारी के लिए अलग-अलग जगह जाना पड़ेगा। बाजार समिति से आम दिनों में दो से तीन करोड़ का बिजनेस होता है। जबकि छठ में 20 से 25 करोड़ का बिजनेस होता है। आरा बाजार समिति से भोजपुर ही नहीं बल्कि पांच से छह जिलों में खासा असर देखने को मिलेगा। यहां के व्यापारी कश्मीर,पंजाब,मुम्बई जैसे बड़े शहरों से एडवांस देकर फल,सब्जी मंगवाते है। छठ को लेकर ऑर्डर चला गया है। अगर मना भी करते है तो पैसा डूबेगा,अगर ट्रक यहां आता है तो रखने के अभाव में पूंजी डूबेगा। आखिर व्यापारी कहा जाएंगे। शहर में इन दिनों ट्रैफिक जाम की समस्या भी बनी हुई है। ऐसे में अलग-अलग स्थानों से खरीदारी करने पर जाम और अफरा-तफरी की स्थिति और बढ़ सकती है। बाजार समिति व्यापारी संघ ने जिला प्रशासन से तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि न तो चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो और न ही स्थानीय व्यापार और आम उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़े। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के इतने बड़े व्यापारिक परिसर को खाली कराना उचित नहीं है। इससे व्यापारी और आम जनता दोनों प्रभावित होंगे।

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