दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने अपने संचालन में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने की योजना बनाई है। फेज-IV नेटवर्क के विस्तार सहित, DMRC अब अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकता का 60% से अधिक हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करने जा रही है। इस पहल के साथ DMRC देश की पहली मेट्रो परियोजना बनेगी, जो टिकाऊ और कम कार्बन वाले परिचालन की दिशा में 60% से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करेगी। DMRC ने प्रति वर्ष 500 मिलियन यूनिट (MU) नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। वर्तमान में DMRC रीवा सोलर पार्क से सालाना लगभग 350 मिलियन यूनिट बिजली ले रही है, जबकि स्टेशनों, डिपो और कर्मचारी कॉलोनियों की छतों पर लगे रूफटॉप सोलर प्लांट से 40 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न होती है। परिचालन समय के दौरान इसका उपयोग कुल बिजली का लगभग 33% और दिन के समय मेट्रो संचालन के दौरान लगभग 65% है। 25 वर्ष के लिए सौर ऊर्जा डेवलपर का चयन होगा इस योजना के तहत भारत में कहीं भी ग्रिड से जुड़ा कैप्टिव जनरेटिंग प्लांट और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) स्थापित करने वाले सौर ऊर्जा डेवलपर का चयन किया जाएगा। परियोजना की पूर्णता अवधि कार्य सौंपे जाने की तारीख से 15 महीने होगी और बिजली खरीद समझौते की अवधि 25 वर्ष की होगी। दिल्ली मेट्रो यात्रियों को स्वच्छ और हरित परिवहन सुविधा प्रदान करेगी DMRC के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस के अनुज दयाल ने बताया कि यह कदम भारत सरकार की “पंचामृत” योजना में योगदान देगा और COP-26 में घोषित क्लाइमेट एक्शन गोल्स को पूरा करने की दिशा में मदद करेगा। इस पहल से दिल्ली मेट्रो न केवल यात्रियों को स्वच्छ और हरित परिवहन सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि भारत में सस्टेनेबल और कम कार्बन उत्सर्जन वाले मेट्रो संचालन का एक उदाहरण भी बनेगी।