नालंदा के युवा सलामी बल्लेबाज अर्णव किशोर ने अपनी लगन और प्रतिभा के दम पर बिहार की रणजी टीम में जगह बनाकर जिले का नाम रोशन किया है। पिछले आठ साल से राज्य स्तरीय क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करते हुए अर्णव ने यह उपलब्धि हासिल की है, जो न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे नालंदा के लिए गौरव का विषय है। बिहारशरीफ के वार्ड नंबर-26 गढ़पर निवासी अर्णव किशोर, जो नवल किशोर प्रसाद और सुशीला सिन्हा के बेटे हैं। इन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए लंबा सफर तय किया है। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति समर्पित रहे अर्णव ने बिहार की विभिन्न आयु वर्ग की टीमों में खेलकर अपनी प्रतिभा को निखारा है। बिहार अंडर-16 टीम से सफर शुरू अर्णव किशोर का क्रिकेट सफर बिहार अंडर-16 टीम से शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने बिहार अंडर-19 और अंडर-23 टीमों का भी सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया। घरेलू मैचों में नालंदा की ओर से खेलते हुए उनके स्थिर और प्रभावी प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। विशेषज्ञों के अनुसार, एक सलामी बल्लेबाज के रूप में अर्णव की तकनीक और धैर्य उनकी सबसे बड़ी ताकत है। बिहार क्रिकेट संघ की ओर से घोषित रणजी टीम में अर्णव का चयन इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा और मेहनत का फल अवश्य मिलता है। यह चयन नालंदा के उन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा जो क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। 15 अक्टूबर से पटना में पहला मैच बिहार की रणजी टीम का पहला मैच 15 अक्टूबर से पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेला जाएगा। अर्णव किशोर के लिए यह मैच करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि अर्णव अपने पहले ही मैच में अच्छा प्रदर्शन कर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे। नालंदा क्रिकेट संघ और परिवार का गर्व इस उपलब्धि पर नालंदा जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने अर्णव किशोर को बधाई देते हुए कहा कि यह चयन जिले के क्रिकेट के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि अर्णव की सफलता से प्रेरित होकर जिले के और युवा खिलाड़ी आगे आएंगे। अर्णव के माता-पिता नवल किशोर प्रसाद और सुशीला सिन्हा ने भी नालंदा जिला क्रिकेट संघ को धन्यवाद दिया और कहा कि संघ के सहयोग के बिना यह उपलब्धि संभव नहीं थी। उन्होंने कहा कि अर्णव बचपन से ही क्रिकेट के प्रति समर्पित रहे हैं और उनकी मेहनत आज रंग लाई है।