लुधियाना में रिजनल ट्रांसपोर्ट अफसर (आरटीओ) दफ्तर के कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर उनसे हफ्ता वसूली करने वाला आरटीआई एक्टिविस्ट आखिरकार सलाखों के पीछे चल गया। आरटीआई एक्टिविस्ट के खिलाफ विजिलैंस की आर्थिक अपराध शाखा ने दस महीने पहले केस दर्ज किया था और वह तब से फरार चल रहा था। आरटीआई एक्टिविस्ट सतनाम सिंह धवन ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सेशन कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक चक्कर लगाए लेकिन उसे जमानत नहीं मिली। अब उसने स्थानीय कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। विजिलैंस की ईओ विंग अब उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। आरटीए नरिंदर सिंह धालीवाल को फंसाया था 2023 में लुधियाना के रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सेक्रेटरी नरिंदर सिंह धालीवाल को ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत लेने के मामले में फंसाने में आरटीआई एक्टिविस्ट सतनाम सिंह धवन ने अहम भूमिका निभाई थी। उसके बाद आरटीओ दफ्तर में सभी कर्मचारी व अधिकारी उससे डरने लगे और फिर उसने कर्मचारियों व अधिकारियों से हफ्ता वसूली का काम शुरू किया। क्लर्कों को विजिलैंस में फंसाने की धमकी देकर वसूलता था पैसे आरटीआई एक्टिविस्ट सतनाम सिंह धवन आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों से काम करवाने के साथ साथ उनसे पैसे भी वसूलता था। जो क्लर्क उसे पैसे नहीं देता था वह उसे विजिलैंस शिकायत की धमकी देता था। उसने और उसके साथियों ने क्लर्कों से ऑनलाइन पैसे लिए। कर्मचारियों ने ऑनलाइन ट्रांजिक्शन के स्क्रीन शॉट्स भी विजिलैंस को सौंपे थे। इन क्लर्कों ने कहा था कि उन्हें ब्लैकमेल करता है आरटीओ दफ्तर में तब क्लर्क रहे रविंदर सिंह, विक्रम सिंह, नीलम, जूनियर असिस्टेंट अमनदीप सिंह, जय तेग सिंह, डेटा एंट्री क्लर्क दिनेश बंसल और गौरव कुमार ने विजिलेंस को दिए बयानों में कहा था कि आरोपी और उसके साथी नाजायज काम करवाने का दबाव डालने के साथ उनसे पैसे भी वसूलता था। यही नहीं वह लोगों के काम लेकर आता था और उनसे भी पैसे लेता था। विजिलैंस ने इन पर किया था मामला दर्ज क्लर्कों व मुलाजिमों को विजिलैंस की धमकी देकर पैसे वसूलने के मामले में विजिलैंस ने आरटीआई एक्टिविस्ट सतनाम सिंह धवन के अलावा भूपिंदर सिंह पुंज और राजीव सूद उर्फ बिल्ला पर भी केस दर्ज किया था। आरोपी सिर्फ लुधियाना ही नहीं बल्कि पंजाब के अन्य जिलों में भी आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों डराने के लिए आरटीआई लगाता था। टैक्सी ड्राइवर से बना आरटीआई एक्टिविस्ट सतनाम सिंह माणकवाल गांव का रहने वाला है और वह पहले टैक्सी चलता था। 2019 में पहली बार आरटीओ ऑफिस आया था। तब उसने एक दलाल के जरिए गाड़ी डुप्लीकेट आरसी बनवाई थी। एजेंट ने उससे फाइल अप्रूव करने के बदले पैसे लिए। उसने तब क्लर्क के खिलाफ शिकायत दी और उस पर केस दर्ज करवाया। उसके बाद धवन ने आरटीआई डालनी शुरू की और आरटीआई एक्टिविस्ट बन गया। वह कई देशों की यात्रा भी कर चुका है। ऐसे फंसाया था आरटीए सेक्रेटरी आरटीआई एक्टिविस्ट ने 2023 में आरटीए रहे पीसीएस अधिकारी नरिंदर धालीवाल के गनमैन को शराब पिलाई और उसका वीडियो बना दिया। वीडियो में उससे बुलवा दिया कि ट्रांसपोर्टरों से पैसे लेकर आरटीए को देता है। उसके बाद धवन ने वो वीडियो विजिलैंस को दे दी। विजिलैंस ने उसके आधार पर आरटीओ को गिरफ्तार किया। वहीं से सतनाम सिंह का आरटीओ दफ्तर में दबदबा शुरू हो गया।