पूर्व सांसद अरुण कुमार मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल होने के बाद जहानाबाद पहुंचे। जिले में उनका भव्य स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने फूलमाला पहनाकर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान उनके साथ उनके पुत्र ऋतुराज भी मौजूद थे। मीडिया से बात करते हुए पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि वह अपने ‘पुराने घर’ में वापस लौटे हैं, जिसे उन्होंने काफी मेहनत से बनाया था। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ समय के लिए नाराजगी के कारण वह घर से बाहर चले गए थे, लेकिन अब वापसी हो गई है। उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है और उन्हें घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाना है। महागठबंधन ‘गठबंधन लठबंधन’ बताया अपने पुत्र ऋतुराज के राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कर्पूरी ठाकुर का जमाना नहीं है, अब समय बदल चुका है। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने पीछे एक सिपाही खड़ा करना चाहिए, इसीलिए वह अपने पुत्र को राजनीति में लाए हैं। लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में थे तो उन्होंने किसी परिवार को राजनीतिक मदद नहीं की, जबकि लालू यादव ने अपने पूरे परिवार को राजनीति में उतार दिया है। नीतीश कुमार की नाराजगी के सवाल पर अरुण कुमार ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। कुछ सीटों को लेकर दिक्कतें हैं, जिन्हें मिल बैठकर सुलझा लिया जाएगा। घोसी से चुनाव लड़ने की संभावना पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई शर्त रखकर वह पार्टी में नहीं आए हैं। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे वह ईमानदारी से निभाएंगे। महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन ‘गठबंधन लठबंधन’ है, इसलिए अभी तक सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हुआ है, जबकि एनडीए में सभी सीटों पर सहमति बन चुकी है। ऋतुराज से जब उनके चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उसे पूरा करेंगे। अगर पार्टी उन्हें चुनाव लड़ने को कहेगी तो वह चुनाव लड़ेंगे।