गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश:दिल्ली से 2 लड़कियां समेत 5 गिरफ्तार, बैंक ऑफिसर बनकर करते थे ठगी

गुरुग्राम साइबर पुलिस ने दिल्ली के अक्षरधाम इलाके में रेड करके फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। यहां मौजूद साइबर ठग बैंक अधिकारी बनकर लोगों से बात करते थे और वॉट्सऐप पर लिंक भेजकर रुपए ट्रांसफर कराते थे। पुलिस ने यहां से 2 लड़कियां समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके पास से पुलिस ने 8 मोबाइल, 4 सिम कार्ड और 2 डायरी बरामद किए हैं। आरोपियों की पहचान दिल्ली के उत्तम नगर के रहने वाले ज्ञानेंद्र (36), अमर उर्फ बंटा (26), राजा पार्क मोहन गार्डन के अमन (24, शिक्षा 7वीं), अमिता (26) निवासी सी ब्लॉक उत्तम नगर, और यासना (26) नन्हे पार्क उत्तम नगर के रूप में हुई है। मंगलवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन के रिमांड लिया। क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट्स भुनाने की कॉल करते थे साइबर क्राइम वेस्ट थाना में शिकायत मिली थी कि गुरुग्राम के लोगों को कॉल पर फर्जी बैंक अधिकारी बनकर क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट्स रिडीम करने की बात कहकर झांसा दिया जा रहा है। ये लोग फर्जी लिंक के माध्यम से फोन का एक्सेस लेकर व क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरवाकर रुपए ट्रांसफर करते हैं। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि दिल्ली के अक्षरधाम में बनाए गए फर्जी कॉल सेंटर से ये कॉल की जाती है। पुलिस ने वहां पर रेड की और मौके पर मौजूद स्टाफ को पकड़ा। बिजनेस में नुकसान हुआ तो ठगी शुरू की आरोपी अमर उर्फ बंटा शर्मा ने पुलिस को बताया कि उसका गारमेंट्स का बिजनेस था। जिसमें काफी नुकसान हो गया था। उसी दौरान इसकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई, जो क्रेडिट कार्ड रिचार्ज और अन्य फ्रॉड किया करता था। बंटी उस व्यक्ति के साथ कॉलिंग का काम करने लगा और जून 2025 में इसने यह काम खुद करने की योजना बनाई। पार्टनर ढूंढा और स्टाफ भर्ती किया इस फ्रॉड के काम में अपने जानकार ज्ञानेंद्र को भी पार्टनर बनाया और इन्होंने कॉल करने के लिए यासना व अमिता को भर्ती किया। ये दोनों लोगों के पास कॉल करती व उनको क्रेडिट कार्ड रिचार्ज व रिडीम करने की जानकारी देती। उन्हें विश्वास में लेकर वॉट्सऐप पर लिंक भेजती व उसके फोन का एक्सेस लेकर ओटीपी लेकर क्रेडिट कार्ड से रुपए ट्रांसफर कर लेती थी। यासना व अमिता को कॉलिंग के लिए 25 हजार रुपए वेतन मिलता था। ऐसे करते थे बंटवारा आरोपी अमर शर्मा ने बताया कि उन्हें डाटा व लिंक इनका एक अन्य साथी उपलब्ध कराता था। ठगी की राशि को एक साथी निकालकर आरोपी अमर को देता था। गुरुग्राम के एक व्यक्ति से इन्होंने 1 लाख 50 हजार रुपए लिए थे। इसमें से याशना व अमिता को 10- 10 हजार रुपए और आरोपी ज्ञानेंद्र को 30 हजार रुपए मिले। बाकी 1 लाख रुपए आरोपी अमर शर्मा के हिस्से में आए।

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